G News 24 : जिन उम्मीदवारों से असहमत था आरएसएस उन्ही को BJP ने दिया टिकिट !

 संघ से दूरी भाजपा को पड़ी भारी, किसी फैसले में नहीं ली आरएसएस से सलाह ...

जिन उम्मीदवारों से असहमत था आरएसएस उन्ही को BJP ने दिया टिकिट !

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में करीब आधी सीटों तक सिमटने वाली भाजपा की हार के भले ही कई कारण गिनाए जा रहे हों, पर संघ से दूरी भी एक बड़ी वजह है। संभवतः यह पहला चुनाव है जिसमें भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति तैयार करने तक में भी संघ से परामर्श नहीं लिया।उत्तर प्रदेश में भाजपा को संघ से दूरी भारी पड़ गई। जिलों में न तो संघ और भाजपा की समन्वय समितियां दिखीं और न ही डैमेज कंट्रोल के लिए बैठकें हुईं। भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति तैयार करने तक में भी संघ से परामर्श नहीं लिया। लिहाजा संघ ने भी खुद को अपने वैचारिक कार्यक्रमों तक ही समेटे रखा।

इसका भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। यह पहला चुनाव था जिसमें चुनावी प्रबंधन में संघ परिवार और भाजपा में दूरी दिखी। भाजपा ने किसी भी फैसले में उससे परामर्श करने तक की भी जरूरत नहीं समझी। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मौन साध रखा था। आमतौर पर चुनाव में जमीनी प्रबंधन में सहयोग करने वाले संघ के स्वयंसेवक इस चुनाव में शायद ही कहीं दिखे हों। 

जिलों में न तो संघ और भाजपा की समन्वय समितियां दिखीं और न ही डैमेज कंट्रोल के लिए छोटे-छोटे स्तर पर अमूमन होने वाली संघ परिवार की बैठकें होती नजर आईं। कम मतदान पर लोगों को घर से निकालने वाले समूह भी इस चुनाव में कहीं नहीं दिखे। 

अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो संघ ने चुनाव से किनारा कर लिया। संघ से जुड़े कुछ वर्तमान, पूर्व पदाधिकारियों व प्रचारकों के अनुसार इसकी मुख्य वजह भाजपा के एकांगी निर्णय और संघ परिवार के संगठनों के साथ संवादहीनता रही।

माना जाता है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के बयान "भाजपा अब पहले की तुलना में काफी मजबूत हो गई है। इसलिए उसे अब संघ के समर्थन की जरूरत नहीं है" ने भी स्वयंसेवकों उदासीन कर दिया। संघ के एक पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि संघ अचानक तटस्थ होकर नहीं बैठा था। 

 संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले परिणामों के बाद आत्ममुग्धता से लबरेज भाजपा ने अपने सियासी फैसलों में संघ परिवार को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया था। 

 भाजपा ने जब संघ परिवार की सलाह की अनदेखी कर एक के बाद एक कई ऐसे फैसले कर डाले, जिनसे संगठन की साख और सरोकारों पर विपरीत प्रभाव पड़ना लाजिमी था, इसलिए संघ ने भी अपनी भूमिका समेट ली। अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर भी कुछ मतभेद उभरे।

कई उम्मीदवारों से असहमत था संघ

बताया जाता है कि संघ ने कौशांबी, सीतापुर, रायबरेली, कानपुर, बस्ती, अंबेडकरनगर, जौनपुर, प्रतापगढ़ सहित प्रदेश की लगभग 25 सीटों के उम्मीदवारों पर असहमति जताई थी। साथ ही बड़े पैमाने पर दूसरे दलों के लोगों को भाजपा में शामिल करने पर भी नाराजगी वयक्त की थी। 

जानकारी के मुताबिक, संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी से कहा था कि दूसरे दलों के दागी और अलोकप्रिय चेहरों को शामिल करना उचित नहीं है। इससे गुटबाजी बढ़ रही है। साथ ही संगठन की साख पर भी सवाल उठ रहा है। पर, उसकी सलाह नहीं मानी गई। लिहाजा संघ उदासीन हो गया। 

 भाजपा का चुनाव प्रबंधन तो पहले से ही कागजों पर था। संघ भी उदासीन हुआ तो ज्यादातर स्थानों पर न तो भाजपा के वोटरों को निकालने वाले दिखे और न उन्हें समझाने वाले। लिहाजा ज्यादातर मतदान केंद्रों पर 2014, 2019, 2017 और 2022 वाला प्रबंधन नहीं दिखा।

संघ की संवाद बैठक का नहीं ले पाए लाभ

चुनाव की घोषणा के एक साल पहले ही संघ परिवार ने अपने वैचारिक कार्यक्रम के तहत जनता से संवाद शुरू कर दिया था। घोषणा होने तक हर लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक लाख बैठकें हो चुकी थीं।

इसके तहत संघ के जमीनी कार्यकर्ता 10-20 परिवारों के साथ बैठकें करके मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने, सांस्कृतिक और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर हुए कार्यों की चर्चा कर माहौल बनाया था, लेकिन भाजपा संघ के इस कवायद का भी फायदा नहीं उठा पाई।

 क्षेत्रीय व जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से भी थी नाराजगी

संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा ने कई क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की। इसमें भी संघ परिवार के फीडबैक की अनदेखी की गई।

खासतौर से गोरक्ष प्रांत और काशी के क्षेत्रीय अध्यक्ष और कुछ पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर संघ ने नाराजगी व्यक्त की थी। वाराणसी समेत कई लोकसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में भारी कमी आने के पीछे पदाधिकारियों की मनमानी नियुक्ति को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

जमीन पर संगठन को सक्रिय नहीं कर सकी पार्टी

संघ से दूरी बनाने का दुष्परिणाम यह भी रहा कि जमीनी स्तर पर काम करने वाला भाजपा का संगठन भी पूरी तरह से सक्रिय नहीं रहा। माना जा रहा है कि संघ से बेहतर समन्वय नहीं बनने की वजह से भाजपा की अधिकांश बूथ कमेटियां व पन्ना प्रमुख भी निष्क्रिय बैठे रहे।

वहीं संघ के स्थानीय कार्यकर्ता निरंतर जनता के बीच काम करते हैं और संगठन से जनता को जोड़ने में उनकी प्रमुख भूमिका होती है। समन्वय नहीं होने की वजह से दोनों तरफ के कार्यकर्ता उदासीन रहे। नतीजा यह हुआ कि तमाम घरों पर परिवारों तक पर्चियां तक नहीं पहुंच पाई।

बाहरी चुनाव प्रभारी का प्रयोग भी रहा विफल

इस बार के चुनाव भाजपा ने हर लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रभारी नियुक्त किया था, जो कोई करिश्मा नहीं दिखा पाए। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि ज्यादातर लोकसभा क्षेत्रों में बाहरी नेताओं को प्रभारी बनाया गया था, जिन्हें न तो संबंधित लोकसभा क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी थी और न ही जातीय समीकरण व मुद्दों की।

मतदाताओं के बीच भी बाहरी प्रभारियों की कोई पकड़ नहीं थी। लिहाजा तमाम प्रभारियों ने जमीन पर काम करने के बजाय सिर्फ क्षेत्रों में होने वाले बड़े नेताओं के सभाओं में चेहरा दिखाने तक ही खुद को सीमित रखा।

G News 24 : महापौर डॉ. सिकरवार ने मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के नए सदस्यों सौपे दायित्व !

 महापौर डॉ. सिकरवार ने किया मेयर इन में संशोधन...

महापौर डॉ. सिकरवार ने मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के नए सदस्यों सौपे दायित्व ! 

ग्वालियर। महापौर डॉ. सिकरवार ने मेयर इन काउंसिल में संशोधन कर, नए सदस्यों को नियुक्त किया तथा उनको कार्यों के दायित्व सौंपे गए। जिसमें पार्षद अवधेश कौरव को स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही पार्षद   श्रीमती मोनिका मनीष शर्मा को सामान्य प्रशासन विभाग, श्रीमती लक्ष्मी सुरेश गुर्जर को जलकार्य तथा सीवरेज विभाग, नाथूराम ठेकेदार को लोक निर्माण एवं उद्यान विभाग, विनोद माठू यादव को विद्युत एवं यांत्रिकीय विभाग, श्रीमती गायत्री सुधीर मण्डेलिया को वित्त एवं लेखा विभाग, श्रीमती उपासना संजय यादव को यातायात एवं परिवहन विभाग, डॉ. संध्या सोनू कुशवाह को योजना और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं शकील खान मंसूरी शहरी गरीबी उपशमन विभाग का दायित्व सौंपा है। इस अवसर पर महापौर डॉ. सिकरवार ने सभी को शुभकामनाएं दी तथा निगम के कार्यों को पूरी ईमांदारी से करने के लिये कहा।

G News 24 : तिघरा जलाशय,जलालपुर एवं मोतीझील प्लांट का महापौर डॉ सिकरवार ने किया निरीक्षण !

  गर्मी में पानी की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ...

तिघरा जलाशय,जलालपुर एवं मोतीझील प्लांट का महापौर डॉ सिकरवार ने किया निरीक्षण !

ग्वालियर। महापौर डॉक्टर शोभा सतीश सिंह सिकरवार ने आज सोमवार को भीषण गर्मी में पानी की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए तिघरा जलाशय के साथ ही मोतीझील वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं 160 एम एल डी जलालपुर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जल की उपलब्धता एवं सप्लाई से संबंधित जानकारियां प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्य अवदेश कौरव , अपर आयुक्त  आरके श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री  संजीव गुप्ता, जल संसाधन विभाग के सहायक यंत्री वीरेंद्र सिंह यादव, नगर निगम के सहायक यंत्री हेमंत शर्मा, महेंद्र प्रसाद अग्रवाल, महेश यादव सहित अन्य संबंधित इंजीनियर एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

G News 24 : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 15 को ग्वालियर आएंगे !

 जल संरचना पर श्रमदान करने भी पहुँचेंगे...

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 15 को ग्वालियर आएंगे !

ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 15 जून को ग्वालियर भ्रमण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर प्रवास के दौरान प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार एक प्राचीन जल संरचना के जीर्णोद्धार कार्य में श्रमदान कर जिलेवासियों से “जल गंगा संवर्धन अभियान” में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान करेंगे। साथ ही शहर में नवनिर्मित शंकरपुर क्रिकेट स्टेडियम में आईपीएल की तर्ज पर आयोजित होने जा रही एमपीएल  2024 (मध्यप्रदेश लीग-सिंधिया कप) के उदघाटन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की प्रस्तावित ग्वालियर यात्रा की तैयारी के सिलसिले में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों के साथ शहर की विभिन्न जल संरचनाओं का जायजा लिया। इन जल संरचनाओं में सागरताल, कटोरा ताल व रमौआ डैम शामिल हैं। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव जनप्रतिनिधियों एवं शहर के नागरिकों के साथ शहर की किसी एक जल संरचना की साफ-सफाई में भाग लेकर पुराने जल स्त्रोतों के संरक्षण व संवर्धन का आह्वान करेंगे। 

वर्षा जल की बूँद-बूँद सहेजने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए “जल गंगा संवर्धन अभियान” में बढ़-चढ़कर सहयोग देने का संदेश श्रमदान के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने की पहल करेंगे। कलेक्टर श्रीमती चौहान द्वारा किए गए जल संरचनाओं के निरीक्षण के दौरान सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती नीतू माथुर, अपर आयुक्त नगर निगम मुनीष सिकरवार, एसडीएम ग्वालियर सिटी अतुल सिंह व एसडीएम मुरार अशोक चैहान आदि ने भी लोगों से  जल स्त्रोतों के संरक्षण व संवर्धन का आह्वान किया है। 

G News 24 : 85 करोड़ घोटाला मामले में 70 से ज्यादा लोगों पर होगी FIR !

 क्राइम ब्रांच घोटाले से जुड़े संदिग्ध कर्मचारियों से कर रही है पूछताछ...

85 करोड़ घोटाला मामले में 70 से ज्यादा लोगों पर होगी FIR !

ग्वालियर। PHE विभाग में हुए लगभग 85 करोड़ घोटाला मामले में जांच कर रही क्राइम ब्रांच को अहम सुराग हाथ लगे हैं। क्राइम ब्रांच अब घोटाले से जुड़े संदिग्ध कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। अब तक इस मामले में PHE के दो EE सहित 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस घोटाले से जुड़े 70 से ज्यादा लोगों पर क्राइम ब्रांच जल्द FIR करने वाली है।

ग्वालियर शहर में PHE विभाग के खंड क्रमांक 01 साल 2018-19 से 2023-24 के बीच 18 करोड़ 92 लाख के फर्जी तरीके से भुगतान का मामला 27 जुलाई 2023 को पकड़ में आया था। इसकी जांच PHE और ट्रेजरी (वित्त विभाग) की टीम कर रही है। जांच में 81 बैंक एकाउंट से 65 खातेदार और 9 अधिकारी-कर्मचारियों को भुगतान करने का खुलासा होने के बाद 74 लोगों पर कार्रवाई के लिए पुलिस को सूची सौंपी जा चुकी है। अब जांच को आगे बढ़ाया गया है। यानी 2011-12 में हुए भुगतान की भी जांच शुरू हो गई है। आशंका है कि घोटाला 84 करोड़ 92 लाख तक पहुंच सकता है। वहीं भष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज होने पर पुलिस को 2018-19 से 2023-24 के बीच के बिल की कॉपी, स्वीकृति आदेश और फर्म की डिटेल की जरूरत है। इसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम रोज PHE के दफ्तर पहुंच रही है, लेकिन क्राइम ब्रांच को घोटाले से जुड़े दस्तावेज PHE विभाग से 11 महीने बाद भी नहीं मिल पाए हैं।

बहरहाल ग्वालियर क्राइम ब्रांच की जांच में PHE में अलग-अलग तरह के आयटम सप्लाई करने वाली 25 फर्म और 45 खातेदार और कुछ कर्मचारी के नाम सामने आए हैं। घोटाले में इनकी क्या भूमिका रही है, जांच के बाद इनके खिलाफ FIR जल्द दर्ज हो सकती है। वहीं संयुक्त संचालक वित्त ने अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है और यह अंतिम रिपोर्ट अगले एक सप्ताह में वरिष्ठ अफसरों को सौंप दी जाएगी।

G News 24 : सवा किमी लंबी रोड का निर्माण में लग गए आठ माह फिर भी पूरा नहीं हो पाया

 पटेल नगर से लेकर बीएसएनएल कार्यालय तक तैयार की जा रही सवा किमी लंबी रोड ...

सवा किमी लंबी रोड का निर्माण में लग गए आठ माह फिर भी पूरा नहीं हो पाया 

ग्वालियर। वर्षा के मौसम में जलजमाव की दिक्कत से निपटने के लिए पटेल नगर से लेकर बीएसएनएल कार्यालय तक तैयार की जा रही सवा किमी लंबी रोड का निर्माण आठ माह में भी पूरा नहीं हो पाया है। यह स्थिति तब है, जबकि बरसात का मौसम फिर सिर पर आ चुका है। इस रोड पर एक तरफ डामरीकरण तो कर दिया गया है, लेकिन दूसरी तरफ अभी भी 300 मीटर से अधिक लंबा हिस्सा छूटा पड़ा है। जिस हिस्से में डामरीकरण होना है, वहां कभी सीवर लाइन फूटने की समस्या है तो कभी गंदा पानी एकत्रित हो जाता है। इस कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

वहीं भुगतान न होने के कारण ठेकेदार ने भी काम बंद कर दिया है। सबसे ज्यादा समस्या इससे मिलने वाली सहायक रोड के जुड़ाव की हैं। सहायक सड़कों की ऊंचाई अधिक है, जबकि इस रोड की ऊंचाई कम है। इसके कारण चार पहिया वाहनों के निचले हिस्से के टकराने की संभावना बनी रहती है। अब वर्षा का मौसम शुरू होने से पहले यदि रोड का निर्माण कार्य शुरू नहीं होता है, तो फिर अक्टूबर में ही सड़क निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा। तब तक ये रोड लोगों के लिए मुसीबत ही बनी रहेगी। दरअसल वर्षा के दिनों में जलभराव के कारण जर्जर हो चुकी पटेल नगर से लेकर स्टेट बैंक के रीजनल कार्यालय तक की सड़क का निर्माण 2.86 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग से मिले अनुदान की राशि में से इस सड़क को तैयार कराया जा रहा है। सड़क के दोनों ओर बरसात के पानी की निकासी के लिए “यू” शेप नाले का निर्माण कराया गया है।

नाला निर्माण के दौरान भी कई तरह की आपत्तियां सामने आई थीं। लोगों के आरोप थे कि नाले को सांप के आकार में तैयार कराया जा रहा है। इसके चलते आड़ी-टेढ़ी लाइन में नाला बन रहा है। अब काम बंद हो जाने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। इस मामले में पीआइयू सेल प्रभारी और सिटी प्लानर पवन सिंघल का कहना है कि सड़क पर सीवर लाइन और चैंबर के कारण कुछ समय की दिक्कत हुई थी। भुगतान में देरी के कारण ठेकेदार ने काम बंद कर दिया था, लेकिन अब निराकरण हो गया है। एक-दो दिन में ही निर्माण कार्य शुरू कराकर वर्षा से पहले सड़क तैयार कर दी जाएगी।

G News 24 : कलेक्ट्रेट दफ्तर में हुई तोड़फोड़,आगजनी,कई पुलिसकर्मी जख्मी !

 छत्तीसगढ़ में जैतखाम मामले ने पकड़ा तूल...

कलेक्ट्रेट दफ्तर में हुई तोड़फोड़,आगजनी,कई पुलिसकर्मी जख्मी ! 

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी में जैतखाम तोड़ने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. बलौदाबाजार में आज सतनामी समाज ने आरोपियों की गिरफ्तारी समेत अन्य मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट का घेराव कर परिसर में खड़ी बाइक और चारपहिया वाहनों में आग लगा दी. अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. प्रदर्शन के दौरान समाज के लोगों और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाएगी. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गृहमंत्री ने सभी से सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील भी की है.

दोहराया दंतेवाड़ा,नारायणपुर कांड

बलौदा बाजार में बस्तर के दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के कॉलेक्ट्रेट में हुई घटना दोहराई। दोनों जिलों के कलेक्टर कार्यालय परिसर में उग्र भीड़ घुस गई थी। नारायणपुर में 2022 में हुई घटना में वहाँ के तत्कालीन एसपी सदानंद का पथराव में सिर फट गया था।

जानिए क्या है मामला

गिरौदपुरी धाम से 5 किमी दूर मानाकोनी में पुरानी बाघिन गुफा है. यहां जैतखाम और सतनामी समाज के पूजा स्थल पर तोड़फोड़ की गई थी. इस घटना से सतनामी समाज के लोगों में आक्रोश है.

ये है मामला

गिरौदपुरी धाम से 5 किमी दूर मानाकोनी में पुरानी बाघिन गुफा है. यहां जैतखाम और सतनामी समाज के पूजा स्थल पर तोड़फोड़ की गई थी. इस घटना से सतनामी समाज के लोगों में आक्रोश है.