G News 24 : 12 दिन तक लगा रहा दुनिया का सबसे लंबा 100 किलोमीटर तक का ट्रैफिक जाम !

 सड़क पर फंसे रहे लोग, टस से मस नहीं हुई गाड़ियां...

12 दिन तक लगा रहा दुनिया का सबसे लंबा 100 किलोमीटर तक का ट्रैफिक जाम !

ऑफिस के लिए निकलना हो तो लोग एक्सट्रा टाइम लेकर चलते हैं. घर से बाहर निकलने नहीं कि गाड़ियों की रफ्तार थम जाती है. ट्रैफिक में फंसते ही घुटन सी लगने लगती है. मन में बस एक ही इच्छा रहती है कि किसी भी तरह से बस इस जाम से निकल जाएं. जाम में फंसने के बाद लगता है मानो पूरे जिंदगी का समय यहीं खराब हो रहा हो. जिस जाम में आप कुछ मिनटों तक फंसने के बाद ये सब सोचने लगते हैं जरा सोचिए अगर वहीं जाम 12 दिनों तक लगा रह जाए तो कैसा महसूस होगा. सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन ऐसा सच में हुआ है. 12 दिन तक लोग जाम में फंसे रहे, गाड़ियां जस से मस तक नहीं हुई. 

 बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वेलगा दुनिया का सबसे लंबा जाम  

चीन की राजधानी बीजिंग में लोगों को दुनिया के सबसे लंबे ट्रैफिक जाम से गुजरना पड़ा. बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वे (China National Highway 110) पर, ऐसा ट्रैफिक जाम लगा कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था. लगभग 100 किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया. 12 दिनों तक गाड़ियां और गाड़ी में बैठे लोग सड़क पर फंसे रह गए. यह जाम पूरी दुनिया के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा जाम है. जहां तक निजर जा रही थी, वहां सिर्फ गाड़ियां ही गाड़ियां दिख रही थी. 

12 दिनों तक लोग गाड़ियों में फंसे रह गए लोग 

14 अगस्त 2010 को बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वे पर दुनिया का सबसे लंबा जाम फंसा था. जाम इतना लंबा था क‍ि 12 दिनों तक लोग गाड़ियों में फंसे रह गए.  वहीं पर खाया, वहीं पिया और ट्रैफिक जाम में ही सोना भी पड़ा. ये ट्रैफिक जाम मंगोलिया से बीजिंग तक कोयला और निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों की वजह से लगा था. उस वक्त बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन था. इसल‍िए वाहन नहीं न‍िकल पा रहे थे. एक्सप्रेस वे चल रहे काम की वजह से ट्रैफिक को वनवे कर दिया गया था.  जो ट्रक मंगोलिया से बीजिंग के लिए  निर्माण सामग्री ले जा रहे थे, उन्होंने बीजिंग के बाहर निकलने का रास्ता रोक दिया था. देखते ही देखते जाम इतना लंबा हो गया कि जाम को खुलवाने में  प्रशासन को 12 दिन का वक्त लग गया  

 गाड़ियों में आ गई खामियां

एक्सप्रेस वे बन ही रहा था,मंगोलिया से कोयला लाने वाले ट्रकों का काफिला रास्ते से निकल नहीं पाया. कई वाहन भी खराब हो गए थे, जिसकी वजह से रास्‍ता ब्‍लॉक हो गया था.  जाम ऐसा था कि वहां फंसे वाहन द‍िनभर में सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पा रहे थे.  

 ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए बनाना पड़ा था घर 

जाम इतना लंबा खिंच गया कि कार और छोटे वाहनों से चलने वालों के लिए एक्सप्रेसवे के किनारे अस्थायी घर बनाए गए.गाड़ियों का मेला देखकर वहां खाने-पीने की चीजों की दुकानें खोल दी गई.  स्नैक्स, कोल्डड्रिंक, नूडल्स और खाने-पीने की चीजें चार गुना दामों पर बेचा जाने लगा. लोगों को 10गुने रेट पर पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

 कब खुला जाम 

जाम को खुलवाने के लिए प्रशासन ने इस रूट पर मिलने वाले सभी रास्तों को रोक दिया. जाम में फंसे ट्रकों को सबसे पहले निकाला गया. वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन रात एक कर दिया गया, कब जाकर  26 अगस्त 2010 को जाकर दुनिया का सबसे बड़ा जाम खत्म हुआ. 

G News 24 : शीतल देवी ने पैरों से तीर चलाकर भेदा लक्ष्य,निशाना देख हैरान रह गए लोग !

 पैरों से धनुष उठाकर मुंह से चला दिया तीर...

शीतल देवी ने पैरों से तीर चलाकर भेदा लक्ष्य,निशाना देख हैरान रह गए लोग !

16 साल की शीतल के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं थे. वह बर्थ के साथ ही फोकोमेलिया नामक बीमारी की चपेट में थीं. इस बीमारी में शरीर के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं. शीतल ने इस बीमारी के आगे हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने तीरंदाजी में अपना सुनहरा करियर बनाया.

शीतल देवी ने पैरा तीरंदाजी करते हुए महज 17 साल की उम्र में अपने प्रदर्शन से पूरी दुनिया को चौंका दिया है. शीतल देवी ने दर्शकों को चकित करते हुए पेरिस पैरालिंपिक में डेब्यू करते हुए अपने असाधारण खेल से फैंस को प्रभावित किया है. शीतल देवी ने महिलाओं की व्यक्तिगत कंपाउंड तीरंदाजी के क्वालीफिकेशन दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए 698 का ​​पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा और संभावित 720 में से 703 अंक हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया. 

पेरिस पैरालिंपिक में महिलाओं की तीरंदाजी स्पर्धा के प्री क्वार्टर फाइनल में शीतल देवी का सामना चिली की मारियाना जुनिगा से हुआ. हालांकि शीतल देवी को इस मुकाबले में सिर्फ 1 प्वॉइंट से हार का सामना करना पड़ा. शीतल देवी चिली की जुनिगा मारियाना से 137-138 से हार गईं. इतने कम अंतर के कारण वह नॉकआउट चरण में नहीं पहुंच पाईं.

शीतल देवी का निशाना देख हैरान रह गए लोग

शीतल भारत की सबसे बड़ी पदक दावेदारों में से एक थीं, जिन्होंने पिछले साल हांग्जो में एशियाई पैरा खेलों में तीन पदक हासिल किए थे, जिनमें व्यक्तिगत और मिश्रित टीम कम्पाउंड प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक और युगल कम्पाउंड प्रतियोगिता में एक रजत पदक शामिल थे. सोशल मीडिया पर शीतल देवी का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शीतल देवी पैरों से धनुष उठाकर मुंह से तीर चला रही हैं. शीतल देवी ने इसके बाद अपने निशाने से भी फैंस के होश उड़ा दिए. पैरों से तीरंदाजी करने के बावजूद शीतल देवी बिल्कुल सटीक निशाना लगाती हैं. शीतल देवी का ये अंदाज फैंस को बहुत पसंद रहा है और सोशल मीडिया पर उनकी खूब तारीफ की जा रही है.


 

G News 24 : सुनने में थोड़ा अजीब लेकिन बिल्कुल सच,महिला ने 10 महीने के अंदर दिया तीन बच्चों को जन्म !

 28 साल की उम्र में प्रकृति के नियम को चुनौती देने वाला कारनामा ...

सुनने में थोड़ा अजीब लेकिन बिल्कुल सच,महिला ने 10 महीने के अंदर दिया तीन बच्चों को जन्म !

मेलबर्न । आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक महिला ने 10 महीने के अंदर तीन बच्चों को जन्म दिया है। ये बच्चे एक साथ (तिड़वा यानी ट्रिपलेट्स) नहीं जन्मे हैं। तो फिर कैसे हुआ ये चमत्कार ? महिला ने खुद इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करके सारे राज से परदा उठाया हैं।

इस महिला का नाम सरिता हॉलैंड है, जो ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की रहने वाली हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि सरिता खुद अपनी प्रेग्नेंसी को लेकर बात कर रही हैं। वीडियो में वो कहती हुई दिख रही हैं कि उन्होंने 10 महीने के अंदर 3 बच्चों को जन्म दिया, लेकिन वे तिड़वा नहीं हैं। यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन बिल्कुल सच है। सरिता ने कहा कि हमने इन बच्चों की प्लानिंग भी नहीं की, बस ये पैदा हो गए। 

महिला बता रही है कि जब वह 28 साल की थी, तब उसकी  बड़ी बेटी स्टेवी पैदा हुई। इसके पहले सरिता का 3 बार गर्भ खराब हो गया था। लेकिन इसके बाद ही स्टेवी पैदा हुई। सरिता के मुताबिक, जब स्टेवी 10 सप्ताह यानी लगभग 2 महीने की थी, तभी वो दोबारा प्रेग्नेंट हो गईं। सरिता ने अपने दूसरे प्रेग्नेंसी में 2 आइडेंटिकल ट्विंस किप और बोवी को जन्म दिया। वे दोनों समय से पहले यानी कि 30 सप्ताह 5 दिन में प्रिमैच्योर पैदा हुए थे। इस तरह ये दोनों बच्चे लगभग 2 महीना पहले पैदा हो गए। सरिता ने वीडियो में आगे बताया कि इस तरह से मेरे तीनों बच्चे 10 महीने के अंदर-अंदर पैदा हुए। इस वजह से तीनों का ही जन्मदिन एक ही साल के अंदर पड़ गया। ऐसे में साल में 2 महीने ऐसे होते हैं, जब मेरे तीनों ही बच्चों की उम्र एक होती है। 

फिलहाल तीनों बच्चे 13 साल के हो चुके हैं। मैं अपने बच्चों को पूरा स्पेस देती हूं। साथ में ये स्कूल भी जाते रहे हैं। लेकिन जब मेरे बच्चे 18 साल के होंगे तो वह साल बहुत महंगा होगा। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की रहने वाली सरिता ने आगे बताया कि जब उनकी बच्ची केवल 10 हफ्ते की थी, तभी उन्हें पता चला कि वो प्रेग्नेंट हैं। इसके बाद उन्हें पता चला कि उनके पेट में दो बच्चे हैं।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसे सरिता ने खुद शेयर किया है। अब तक इस वीडियो को 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। इस वीडियो को सबसे पहले सरिता ने टिकटॉक पर शेयर किया था, लेकिन बाद में इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया। सरिता ने वीडियो शेयर करते हुए इसका कैप्शन लिखा है कि इंस्टाग्राम पर मेरे बहुत सारे फॉलोवर्स नए हैं। उन सभी के लिए मैं अपने दूसरे सबसे लोकप्रिय टिकटॉक पोस्ट को शेयर कर रही हूं, जो मेरे बच्चों से जुड़ा है। इस वीडियो लाखों लोगों ने लाइक और शेयर किया है।


G News 24 : गाय -भैंस के दूध से नहीं हवा और पानी से बना लिया मक्खन !

 स्टार्टअप कंपनी ने किया ये कमाल का काम...

गाय -भैंस के दूध से नहीं हवा और पानी से बना लिया मक्खन !

कैलिफोर्निया .भारत समेत दुनियाभर में अधिकांश लोग मक्खन खाना पंसद करते हैं. कुछ लोग मक्खन को ब्रेड के साथ खाते हैं, तो कुछ लोग इसे अपने डिनर में भी शामिल करते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्टार्टअप के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर बटर यानी मक्खन बनाने के लिए हवा और पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. जानिए किस कंपनी ने ये स्टार्टअप किया है. 

मक्खन अधिकांश लोगों को पसंद होता है. लेकिन अगर आपसे कोई पूछेगा कि मक्खन किस चीज का बनता है, तो 99 फीसदी लोग दूध ही बोलेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोग अक्सर अपने घरों में ही मक्खन निकालते हैं.  लेकिन क्या आपने सोचा है कि कोई कंपनी हवा और पानी से मक्खन तैयार कर सकती हैं. जी हां, अमेरिका के कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने हवा और पानी से ही मक्खन बना डाला है.

हवा और पानी से मक्खन तैयार

बता दें कि इस स्टार्टअप कंपनी का नाम सेवर है. माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के संस्थापक बिल गेट्स ने भी इस कंपनी को अपना आर्थिक समर्थन दिया है. जानकारी के मुताबिक कंपनी मक्खन को बनाने के लिए कार्बन डाईऑक्साइड और हाइड्रोजन के अणुओं का इस्तेमाल करती है. 

इस उत्पाद की न केवल बनावट, बल्कि स्वाद भी असली दूध से बने मक्खन जैसा ही है !

स्टार्टअप कंपनी सेवर ने वसा अणुओं के निर्माण के लिए एक थर्मोकेमिकल प्रक्रिया को पेटेंट कराया है. इसके बाद ही कंपनी ने दूध, मक्खन, चीज और आइसक्रीम जैसे उत्पादों के डेयरी-मुक्त विकल्प तैयार किया है. ये सभी उत्पाद वसा कार्बन और हाइड्रोजन परमाणुओं की श्रृंखलाओं से बने हैं. खास बात यह है कि इन उत्पादों की न केवल बनावट, बल्कि स्वाद भी असली दूध से बने उत्पादों जैसा ही है.

ऐसे तैयार  होता है मक्खन तैयार !

अब आप सोच रहे होंगे कि कंपनी ग्रीन हाउस गैस से मक्खन तैयार कर रहा है. लेकिन बता दें कि इस मक्खन को बनाने की प्रक्रिया में ग्रीनहाउस गैस नहीं उत्पन्न होता है. वहीं यह कंपनी किसी भी कृषि भूमि का उपयोग नहीं करती है. वहीं इसमें इस्तेमाल संश्लेषित वसा में वास्तविक पशु वसा की तुलना में कार्बन की मात्रा भी बहुत कम होती है. अब तक के स्वाद परीक्षणों से पता चला है कि इसका स्वाद दूध वाले मक्खन जैसा है. हालांकि इसे बाजार में निकालने से पहले कंपनी को अभी भी कई चुनौतियों को पार करना होगा.

बिल गेट्स ने की तारीफ 

सेवर की सीईओ कैथलीन अलेक्जेंडर ने कहा कि हम अपना मक्खन बेचने में सक्षम होने के लिए विनियामक अनुमोदन के माध्यम से काम कर रहे हैं. हम 2025 तक बिक्री के साथ आगे बढ़ने में सक्षम होने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. वहीं बिल गेट्स ने सेवर की सराहना करते हुए कहा कि यह मक्खन स्वादिष्ट होता है और यह लगभग असली मक्खन जैसा है.

G News 24 : T-20 में बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 1 ओवर में 6 छक्के और बना दिए 39 रन !

 रिकार्ड का भी रिकार्ड,'असंभव' को भी कर दिखाया 'संभव'...

T-20 में बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 1 ओवर में 6 छक्के और बना दिए 39 रन !

टी20 इंटरनेशनल में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम हो गया. अब तक टी20 इंटरनेशनल के एक ओवर में सिर्फ 36 ही रन बने थे. अब यह आंकड़ा 39 रनों तक पहुंच गया. टी20 इंटरनेशनल के एक ओवर में 39 रन...सुनने में 'असंभव' सा लगता है, लेकिन यह 'संभव' हो गया. एक ओवर में 39 रन बनने के साथ ही युवराज सिंह कीरोन पोलार्ड निकोलस पूरन , दीपेंद्र सिंह ऐरी और रोहित शर्मा/रिंकू सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने का ये करनामा समोआ के बल्लेबाज़ डेरियस विस्सर ने कर दिखाया है . 

 पुरुष टी20 विश्व कप उप क्षेत्रीय पूर्वी एशिया-प्रशांत क्वालीफायर ए 2024 में हुआ, जहां समोआ के बल्लेबाज़ डेरियस विस्सर ने एक ओवर में 6 छक्के लगाने के साथ कुल 39 रन बनाए. पारी के 15वें ओवर में डेरियस विस्सर ने 39 रन जड़ने का कारनामा किया. डेरियस ने कुल 6 छक्के लगाए, जबकि बाकी 3 रन नो बॉल के ज़रिए आए. इस तरह 1 ओवर में 39 रन बनने का कारनामा हुआ. 

ओवर की शुरुआती तीन गेंदों पर डेरियस विस्सर ने वानुअतु के निपिको को लगातार तीन छक्के जड़ दिए. फिर चौथी गेंद नो बॉल हुई, जिससे 1 रन मिला. फिर अगली गेंद पर डेरियस ने एक और छक्का लगा दिया. फिर ओवर की पांचवीं गेंद डॉट रही. इसके बाद छठी गेंद नो बॉल हुई, जिस पर एक रन आया. अगली गेंद फिर नो बॉल फेंक दी, जिस पर छक्का लगा और फिर आखिरी फ्री हिट गेंद पर भी छक्का देखने को मिला. इस तरह एक ओवर में 39 रन बनने का कमाल हुआ. यहां देखें वीडियो...

डेरियस विस्सर ने शतकीय पारी खेलकर टीम को दिलाई जीत

मैच में पहले बैटिंग करते हुए समोआ की टीम 20 ओवर में 174 रनों पर ऑलआउट हो गई. टीम के लिए डेरियस विस्सर ने सबसे बड़ी पारी खेलते हुए 62 गेंदों में 5 चौके और 14 छक्कों की मदद से 132 रन बनाए. फिर लक्ष्य का पीछा करने उतरी वानुअतु की टीम 20 ओवर में 164/9 रन ही बना सकी. 

G News 24 : एक जूं के कारण फ्लाइट की करवानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिग !

 महिला के बाल में जूं दिखने पर मचा बवाल...

एक जूं के कारण फ्लाइट की करवानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिग !

अमेरिका से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई। यहां अमेरिकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट को महिला पैसेंजर के सिर में जूं दिखने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। इस जूं को एक सहयात्री ने महिला के सिर में रेंगते हुए देखा था। यह फ्लाइट लॉस एंजिल्स से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुई थी, लेकिन बाद में उसे फीनिक्स के लिए डायवर्ट करना पड़ा। उस विमान में टिकटॉक क्रिएटर एथन जुडेलसन भी शामिल थे।

टिकटॉक क्रिएटर ने TikTok पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने घटना का जिक्र किया। जुडेलसन के अनुसार, चालक दल ने डायवर्जन के बारे में बहुत कम जानकारी दी, जिससे यात्री हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि विमान के उतरते ही गलियारे के दूसरी ओर से एक महिला अचानक विमान के सामने की ओर भागी। उस महिला की प्रतिक्रिया को देखकर कोई भी कुछ समझ नहीं पाया, क्योंकि बाकी यात्रियों को इस घटना की जानकारी नहीं थी। बाद में एक इंटरव्यू में जुडेलसन ने कहा कि महिला की जल्दीबाजी को देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ, क्योंकि विमान में बाकी यात्रियों की तुलना में वह ज्यादा बेचैन थी।

"यह इतना भयानक नहीं हो सकता"

जुडेलसन ने बताया, "मैंने चारों ओर देखा, कोई भी जमीन पर नहीं था, कोई भी घबराया हुआ नहीं था। मैं सोच रहा था, यह इतना भयानक नहीं हो सकता। लैंडिंग के बाद स्थिति और भी अजीब हो गई। जैसे ही हम लैंड करते हैं, मेरे सामने वाली गलियारे में बैठी यह महिला उछलकर विमान के सामने की ओर भागती है।" उन्होंने बताया, "ऐसा लग रहा था कि विमान से सबसे पहले उतरने की जल्दीबाजी में थी।"

फीनिक्स में हुई इमरजेंसी लैंडिग

उन्होंने बताया कि स्थिति तब और भी अजीब हो गई जब यात्रियों को बताया गया कि वह फीनिक्स में उतरे हैं और उन्हें 12 घंटे की देरी का सामना करना पड़ेगा। एयरलाइन ने सभी यात्रियों को होटल के वाउचर दिए गए। जुडेलसन की उलझन और भी गहरी हो गई, क्योंकि उन्होंने सवाल किया कि क्या वे अनिश्चित काल के लिए फीनिक्स में फंसे हुए हैं। अमेरिकन एयरलाइंस ने एक बयान में पुष्टि की कि मेडिकल इमरजेंसी के कारण फ्लाइट को डायवर्ट किया गया था।

इमरजेंसी लैंडिंग की असली वजह !

हालांकि, जुडेलसन को बाद में पता चला कि इस इमरजेंसी लैंडिंग और विमान को डायवर्ट करने की असली वजह जूं था। उन्होंने अन्य यात्रियों को यह चर्चा करते हुए सुना कि महिला के बालों में कीड़े कैसे देखे गए थे, जिसके कारण आपातकालीन लैंडिंग हुई। असामान्य रुकावट के बावजूद यात्रियों ने आखिरकार न्यूयॉर्क की ओर उड़ान भरी। हालांकि, इस दौरान उन्हें अपने कई घंटे बर्बाद करने पड़े।

G News 24 : 49 साल वर्ष के मास्टर एडम को 40 कुत्तों की हत्या के लिए मिली 249 साल जेल की सजा !

 इसके लिए उसे ऑस्ट्रेलिया में 249 साल जेल की सजा सुनाई गई...

49 साल वर्ष के मास्टर एडम को 40 कुत्तों की हत्या के लिए मिली 249 साल जेल की सजा  !

मास्टर एडम ब्रिटन के कुत्तों के साथ हमले के मामले पर सुनवाई हुई। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटन पर कई कुत्तों के हमले और उनकी हत्या का आरोप है। उसने 40 से ज्यादा कुत्तों पर हमला किया और फिर उन्हें मार डाला। उसे ऑस्ट्रेलिया में 249 साल जेल की सजा सुनाई गई। ब्रिटन पर पशु क्रूरता के 60 से ज्यादा आरोप थे।

वह ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में कुत्तों को प्रताड़ित करता था और उनकी टार से पिटाई करता था। इसके बाद ब्रिटन क्रूरता के कृत्य को रिकॉर्ड में दर्ज करता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटन के पास एक स्टील का ट्रेलर था जिससे वह कुत्तों पर शारीरिक हमला करता था। कोर्ट से बाहर जाने का अनुरोध रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटन मामले में सुनवाई शुरू होने से पहले देश की सर्वोच्च अदालत के एनटी जस्टिस माइकल अवार्ड ने अपने कर्मचारियों और बुनियादी अधिकार कार्यकर्ताओं से सत्र शुरू होने से पहले कमरे से बाहर जाने का निर्देश दिया।

आपको बता दें कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि जघन्य उल्लंघनों का जिक्र करना कमजोर दिल वाले किसी व्यक्ति को ठेस पहुंचा सकता है। उसका 30 घंटे तक इलाज चला जब लोग अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे थे, तभी एडम के वकील ने एक नई रिपोर्ट पेश करके कुछ उत्साह पैदा किया। वकील ने जज को इस रिपोर्ट पर विचार करने के लिए कहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल में एक चिकित्सक द्वारा उसका करीब 30 घंटे तक इलाज किया गया था। इस रिपोर्ट में उसकी मौजूदा मनोदशा का वर्णन है।

बचपन से थी यह बीमारी वकील ने आगे ब्रिटन का बचाव करते हुए कहा, 'यह व्यक्ति बचपन से इस बीमारी से ग्रस्त है। यह उसकी समस्या नहीं है। वकील ने आगे कहा, यह एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से आम तौर पर समाज में अजीबोगरीब स्थिति बन जाती है। समाज के लोग ऐसे लोगों की बीमारी को समझ नहीं पाते हैं। वकील ने आगे कहा, मुझे विश्वास है कि अदालत यह स्वीकार करेगी कि इस बीमारी के साथ जीना और वयस्क होने तक इसे संभालना निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण रहा होगा।' न्यायालय ने परामर्श के दौरान यह बात कही है, फिलहाल यह बैठक अगस्त तक के लिए टाल दी गई है।

G News 24 : चलती कार में एक्सप्रेस-वे पर खुलेआम चल रहा था सेक्स टेस्ट !

 आरोपी कार में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड स्कैनर के साथ भ्रूण परीक्षण कर रहे थे...

चलती कार में एक्सप्रेस-वे पर खुलेआम चल रहा था सेक्स टेस्ट !

गाजियाबाद में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पुल के नीचे प्रसव पूर्ण लिंग परीक्षण महापाप हो रहा था. प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची तो वहां कार में भ्रूण लिंग की जांच हो रही थी. एक सीक्रेट इनपुट पर हुए एक्शन में इस रैकेट में शामिल मीनाक्षी त्यागी उर्फ मीनू को पकड़ लिया गया. मीनू गाजियाबाद में ब्लड कलेक्शन सेंटर चलाती है.

प्रसव पूर्व लिंग का परीक्षण करना और कराना दोनों दंडनीय अपराध है. इसके बावजूद मानवता के दुश्मन अपनी शर्मनाक करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जिस तकनीक का इस्तेमाल समाज से बुराई का खात्मा करने के लिए करना चाहिए उसी का इस्तेमाल कुछ लोग कानून तोड़कर लिंगभेद की मानसिकता को बढ़ावा देने में कर रहे हैं. गाजियाबाद की पुलिस ने गाजियाबाद में Eastern Peripheral Expressway पर एक जगह कार्रवाई करते हुए कार के भीतर लिंग परीक्षण  करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. आरोपी कार में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड स्कैनर के साथ भ्रूण परीक्षण कर रहे थे.

हाईवे पर सेक्स टेस्ट

गाजियाबाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने बड़ा एक्शन लेते हुए अपंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों से संचालित प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़ किया है. अधिकारियों ने बताया कि ये पहला मौका है जब उन्होंने प्रसव पूर्ण लिंग परीक्षण का रैकेट चलाने वालों के पैटर्न में एक बड़ा बदलाव देखा. टीम ने बताया कि उन्हें सीक्रेट इनपुट मिला था कि- कुछ लोग कार में बाहरी बैटरी या UPS से जुड़े बेहद छोटे साइज के पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस की मदद से लिंग भ्रूण परीक्षण कर रहे हैं. फिर एक्शन लेकर ईस्टर्न पेरिफेरल से कुछ लोगों को पकड़ा गया.

एक टेस्ट के 35 हजार रुपए

अधिकारियों ने बताया कि अजन्मी बच्चियों का काल बनने वाले लोग आमतौर पर ऐसे सेक्स टेस्ट के लिए 35000 रुपये तक लेते हैं. पहले भी हरियाणा में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन शहर में भी ये लोग एक्टिव होंगे इसके बारे में कोई सबूत नहीं था.

रिपोर्ट के मुताबिक जिस दौरान छापा मारा गया उस समय दिल्ली की एक महिला के अजन्मे बच्चे की जानकारी जुटाने के लिए प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षण चल रहा था. प्रेगनेंट महिला को मीनाक्षी नाम की महिला के पास भेजा गया जो रैकेट की अहम कड़ी थी. संजय नगर में कुछ लोग उससे मिलते हैं और फिर वो लोग एक कार में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की ओर ले जाते हैं. मटियाला गांव के पास कुछ लोग उतरते हैं और ईपीई के दूसरी तरफ खड़ी सैंट्रो की ओर जाते हैं. जहां महिला को परीक्षण के लिए सीट पर लेटने के लिए कहा जाता है.

इनपुट मिलते ही टीम छापा मारती है. हालांकि, इस दौरान सेक्स टेस्ट करने वाला डॉक्टर मौके से फरार हो गया. इसके बाद मसूरी पुलिस थाने में प्रीनटल टेस्ट एक्ट के प्रावधानों और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की. अब पुलिस उस डॉक्टर एएम गौड़ को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है, जो प्रत्येक परीक्षण के लिए 11,000 रुपये की कटमनी यानी अपना हिस्सा और कथित फीस लेता था.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में लिंग जांच -एक ऐसा गिरोह जो,बड़े ही शातिराना तरीके से लिंग जांच करता था .

जानकारी के अनुसार, सोनीपत पीएनडीटी टीम को काफी लंबे अरसे से गुप्त सूचना मिल रही थी कि सोनीपत का रहने वाला एक शख्स शौकीन उत्तर प्रदेश में आपने साथियों सहित एक लिंग जांच का गोरख धंधा चला रहा है और वह इसके लिए पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन का प्रयोग करता है. इस आधार पर सोनीपत पीएनडीटी टीम ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया. शौकीन के पास एक गर्भवती महिला को भेजा गया. शौकीन पहले तो बागपत गया, जहां उसे मेडिकल स्टोर चलाने वाला शक्ति सिंह नाम का युवक मिला. फिर दोनों उस महिला को लेकर मेरठ पहुंचे. यहां शाहनवाज और असलम एक कार में वहां पहुंचे और गर्भवती महिला को कार में बैठा कर एक जॉनी नाम की जगह पर पहुंच गए. महिला का कार में ही अल्ट्रा साउंड किया गया.

अभी भी अजन्मी बच्चियों के दुश्मन खत्म नहीं हुए !

डिपार्टमेंट के मुताबिक उन्होंने बीते तीन सालों में अवैध सेक्स टेस्ट वाले 18 क्लीनिक बंद कराए.  2023 में सात मामले दर्ज करते हुए गिरफ्तारी हुई थी. वहीं इस साल जुलाई तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं. 


G News 24 : खालिस्तान समर्थकअमृतपाल सिंह 6 जुलाई को ले सकता सांसद पद की शपथ !

 डिब्रूगढ़ जेल से चुनाव लड़ने के बाद पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद चुना गया ... 

खालिस्तान समर्थकअमृतपाल सिंह 6 जुलाई को ले सकता सांसद पद की शपथ !

नई दिल्ली। 'वारिस पंजाब दे' के अमृतपाल सिंह यानी भिंडरावाला के भक्त हैं. अब वह संसद में शपथ लेने जा रहे हैं. कल तक उन्हें  खालिस्तानी समर्थक कहा जाता था आज वे अचानक संसद में 'माननीय' कहलाएंगे. कुछ साल पहले तक की अमृतपाल सिंपल जींस-टीशर्ट वाली तस्वीरें अब कुर्ते और पगड़ी में बदल चुकी हैं. असम की जेल से चुनाव लड़ने के बाद पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद चुने गए कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को पद की शपथ लेने के लिए शुक्रवार से चार दिनों की पैरोल दी गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने 11 जून को पंजाब सरकार को पत्र लिखकर पैरोल का अनुरोध किया था ताकि वह शपथ ले सकें. राज्य सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक आवेदन भेजा था और उसके आधार पर पैरोल का फैसला लिया गया है. 

अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बुधवार को बताया, "अमृतपाल सिंह को कुछ शर्तों के साथ 5 जुलाई से 4 दिन या उससे कम की पैरोल दी गई है, जिसके बारे में डिब्रूगढ़ जेल अधीक्षक को सूचित कर दिया गया है." हालांकि, अमृतपाल सिंह के वकील और उसके परिवार का कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि वह किस दिन शपथ लेने वाले हैं. 

'वारिस पंजाब दे' राजनीतिक समूह के प्रमुख प्रचारक ने निर्दलीय के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को लगभग 2 लाख मतों के अंतर से हराया है. सांसद अमृतपाल का कहना है कि वह खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले से प्रेरित हैं. अमृतपाल सिंह का नाम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास और पुलिसकर्मियों पर हमले से संबंधित कई मामलों में दर्ज है.

कौन हैं अमृतपाल सिंह ?

अमृतपाल मूलतः पंजाब के जल्लूपुर गांव का रहनेवाला है और उसने 12वीं तक की पढ़ाई की है. उसकी पढ़ाई गांव के है स्कूल में हुई है. साल 2012 में वो दुबई चला गया था, जहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर संबंधी दुबई में ही रहते हैं. इसके बाद वह पिछले साल सितंबर 2022 में भारत लौट आया था. उसी महीने उसे वारिस पंजाब दे का प्रमुख नियुक्त किया गया था, जो एक भारतीय अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित एक संगठन है, जिनकी फरवरी 2022 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.

यह संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों के खिलाफ किसान आंदोलन करने के एक विशाल अभियान का हिस्सा था. भारत लौटने के बाद से अमृतपाल सिंह सिखों के अधिकारों की रक्षा के लिए मार्च का नेतृत्व कर रहा था, जो भारत की आबादी का 1.7 प्रतिशत हैं. खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों के बीच सिंह के भाषण तेजी से लोकप्रिय हुए थे.

अमृतपाल सिंह ने पिछले साल की थी शादी

30 साल का अमृतपाल सिंह शादीशुदा है. उसने 10 फरवरी 2023 को अपने पैतृक गांव में एक सादे समारोह में ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप से शादी की थी. आनंद कारज में दोनों परिवारों के लोग शामिल हुए. किरणदीप मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव की हैं, लेकिन कुछ समय पहले उसका परिवार इंग्लैंड में बस गया था. 

पुलिस थाने पर धावा बोलने में संलिप्त होने के कारण अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार

अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार घटनाओं की श्रृंखला पिछले साल फरवरी में शुरू हुई थी, जब उसके सैकड़ों समर्थकों ने जेल में बंद एक सहयोगी की रिहाई की मांग को लेकर तलवारों और बंदूकों के साथ पंजाब के अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था. 18 मार्च को पंजाब में पुलिस ने सड़कों पर नाकेबंदी कर दी और हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया, क्योंकि वे पुलिस थाने पर धावा बोलने में संलिप्त होने के कारण उसे गिरफ्तार करना चाहते थे. हालांकि, उस वक्त अमृतपाल सिंह भाग पाने में कामयाब रहा था. 

इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने एक महीने तक तलाशी अभियान चलाया, जिसमें हजारों अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया और पंजाब के कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं. पुलिस ने बताया कि उन्होंने सिंह के 154 समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है तथा उनके पास से 10 बंदूकें और गोलाबारूद जब्त किया है. 

सिंह को आखिरकार पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव में गुरुद्वारे से गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया, जिसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों को बिना किसी आरोप के एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. बता दें अमृतपाल की हिरासत अवधि 24 जुलाई को समाप्त होनी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले 3 जून को उसकी हिरासत की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया. अमृतपाल पर एनएसए के तहत मामला दर्ज है. इससे अतिरिक्त उसके खिलाफ हत्या, अपहरण समेत कई केस हैं. 

G News 24 : ₹50 के बिस्कुट खरीदकर बेचने से लेकर ₹7000 करोड़ की कंपनी वाला सफर !

 'साइकिल' नाम के पीछे भी दिल छू लेने वाली 6 साल के अनाथ की दास्तां  ...

₹50 के बिस्कुट खरीदकर बेचने से लेकर ₹7000 करोड़ की कंपनी वाला सफर !

अगर आपमें कुछ कर गुजरे का जज्बा हो तो बड़ी से बड़ी बाधा हल हो जाती है, रास्ते खुद ब खुद बनने लग जाते हैं. 6 साल के एन रंगा राव (N Ranga Rao) पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा था. पिता का साया उठने के बाद घर की जिम्मेदारी उस बच्चे पर आ गई थी, जो खुद अपनी जिम्मेदारी तक नहीं उठा सकता था, लेकिन हिम्मत हारने के बजाए उन्होंने कोशिश जारी रखी और सिर्फ 50 रुपये के निवेश से 7000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. ये कहानी है साइकिल अगरबत्ती के फाउंडर 

6 साल में हो गया अनाथ  

साइकिल प्योर अगरबत्ती, जो आज हर घर की पहचान बन चुका है, उसकी नींव एक ऐसे शख्स ने रखी, जिसके सिर से पिता का साया उस वक्त उठ गया था, जब वो मात्र 6 साल का था. साल 1912 में सामान्य परिवार में जन्मे एन रंगा राव के पिता टीचर थे. जब वो 6 साल के थे कि उनके पिता की मौत हो गई. घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. पढ़ाई में मन लगता था, लेकिन पैसे नहीं थे. उन्होंने हार मानकर पढ़ाई छोड़ने के बजाए नया तरीका निकाला.

बिस्कुल बेचकर कमाई

 स्कूल के बाहर की बिस्किट बेचने लगे.  स्कूल शुरू होने से पहले गेट के बाहर बिस्किट बेचते थे. शाम को मिठाई के थोक विक्रेता से मिठाई खरीदकर थोड़े से मुनाफे पर उसे गांव और बाजार में बेचा करते थे. जो कमाई होती उससे घर और पढ़ाई का खर्चा उठाते थे.

अखबार पढ़कर की कमाई 

कमाई बढ़ाने के लिए वो अपने से कम उम्र के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे. खुद के ट्यूशन के पैसे नहीं थे, इसलिए टीचर से वादा किया वो फीस के बदले उन्हें और बच्चों का दाखिला करवा कर देंगे. गांव के बुजुर्गों को अखबार पढ़ कर भी सुनाते थे, इन सबसे जो थोड़ी-बहुत कमाई होती उससे घर चल जाता.  साल 1930 में उनकी शादी सीता से हुई, जिसके बाद वो तमिलनाडु के अरुवंकाडु चले गए. 

 50 रुपये में शुरू की कंपनी

शादी के बाद उन्हें वहीं एक फैक्ट्री में क्लर्क की नौकरी मिल गई. यहां उन्होंने 1939 से 1944 तक काम किया, लेकिन उनका मन नहीं लग रहा था. साल 1948 में उन्होंने नौकरी छोड़कर अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया और सिर्फ 50 रुपये से अपना कारोबार शुरू किया. अगरबत्ती बनाने के बारे में उन्हें बहुत पता नहीं था, इसलिए उन्होंने घूम घूम कर पहले ज्ञान हासिल किया और फिर छोटे से निवेश से काम शुरू कर दिया. खर्च बचाने के लिए साधारण पैकेजिंग रखी. खुद साइकिल से बाजार में अगरबत्ती बेचने जाते थे. 

साइकिल नाम के पीछे किस्सा  

उन्होंने अपनी अगरबत्ती का नाम रखा ‘साइकिल’ रखा, क्योंकि उनका मानना था कि ये नाम बहुत ही कॉमन था, जिसे हर कोई समझ सकता था. वो खुद साइकिल से अगरबत्तियों का बंडल बेचने जाते थे इसलिए नाम भी साइकिल रखा.  1 आने में 25 अगरबत्तियों का पैकेट कुछ ही दिनों में लोगों को पसंद आने लगा.  कंपनी बढ़ने लगी तो रोजगार लके अवसर पैदा हुए. 1978 के बाद उन्होंने बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार पर रखना शुरू किया. साल 20225-06 में मशीनों से अगरबत्तियां बननी शुरू हो गई. 

65 देशों में है  कंपनी का कारोबार  

अगरबत्ती का कारोबार शुरू होने के बाद साल 2005-06 के बाद उन्होंने एनआर ग्रुप की नींव रखी. उनके सात बेटों ने भी कारोबार में हाथ बंटाना शुरू किया. साल 1978 तक वो कंपनी की कमान संभलाते रहे. 1980 में उनकी मौत के बाद कमान बेटों के हाथ में आ गई.आज कंपनी की कमान रंगा राव के परिवार की तीसरी पीढ़ी संभाल रही है. आज कंपनी का कारोबार  65 देशों में है. कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन 7,000 करोड़ रुपये के पार जा चुका है. अमिताभ बच्चन, रमेश अरविंद और सौरभ गांगुली जैसे सेलेब्स कंपनी का विज्ञापन करते हैं.  

G News 24 : G7 समिट के केंद्र में भी मोदी ! समिट में दिखा PM मोदी का जलवा

  ‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक फैमिली फोटो...

G7 समिट के केंद्र में भी मोदी ! समिट में दिखा PM मोदी का जलवा

पीएम मोदी  7 शिखर सम्मेलन में एक बार केंद्रीय आकर्षण बने नजर आए. शुक्रवार रात को जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक फैमिली फोटो खिंचवाई. पीएम मोदी इस दौरान सेंटर स्टेज पर नजर आए. एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने फैमिली फोटो साझा की और लिखा, ‘इटली में @G7 शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ.

इस फोटग्राफ में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, इटली के पीएम जियोर्जिया मेलोनी, जापान के पीएम फूमियो किशिदा और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन शामिल थे. इसके साथ ही यूरोपीय संघ और उनके बाहरी मेहमान, जिनमें पीएम नरेंद्र मोदी, पोप फ्रांसिस और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन भी इस फोटो में शामिल हैं.

पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं के साथ बैठक

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पोप फ्रांसिस सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ इटली में द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच सेशन’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को खत्म करने की अपील की और कहा कि समावेशी समाज की बुनियाद रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए.'

भारत के लोकसभा चुनाव पर कही ये बड़ी बात

प्रधानमंत्री ने एक संवाद सत्र में अपने संबोधन के दौरान लोकसभा चुनावों को लेकर कहा कि भारत के लोगों ने चुनावों में ऐतिहासिक जीत के रूप में जो ‘आशीर्वाद’ दिया है, वह ‘लोकतंत्र की जीत’ है.पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विशाल पैमाने को रेखांकित करने के लिए कुछ आंकड़े भी साझा किए.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आम चुनाव में 2,600 से अधिक राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया तथा 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में 50 लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें प्रयुक्त हुईं तथा डेढ़ करोड़ मतदान कर्मचारी तैनात किये गए और लगभग 97 करोड़ मतदाता थे जिनमें से 64 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी के सर्वव्यापी उपयोग से चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इतने बड़े चुनाव के नतीजे भी कुछ ही घंटों में घोषित कर दिए गए.’ पीएम मोदी इटली के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे. भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था.

G News 24 : 23 जून से 05 जुलाई तक "रौरव काल" दुर्योग काल के चलते प्रकृति का प्रकोप बढ़ने की संभावना है !

 और जब 13  दिन का पक्ष हो,तो संभावना होती है भीषण संहार की... 

23 जून से 05 जुलाई तक "रौरव काल" दुर्योग काल के चलते प्रकृति का प्रकोप बढ़ने की संभावना है !

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल संवत् 2081 में बहुत समय बाद आषाढ़ कृष्ण पक्ष केवल 13 दिन का पर रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इसे दुर्योंग काल माना जा रहा है। ऐसा संयोग महाभारत काल में पड़ा था। इस साल दुर्योग काल के चलते प्रकृति का प्रकोप बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। 

 विक्रम संवत् का प्रत्येक महीना दो पखवाड़ा यानी-15-15 दिनों का होता है। इसे कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष कहा जाता है। जब किसी पक्ष में एक तिथि दो दिन पड़ती है तो यह पक्ष 16 दिनों का हो जाता है और तिथि के घटने पर 14 दिनों का होता है।

इस साल विक्रम संवत 2081 में आषाढ महीने का कृष्ण पक्ष 23 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक चलेगा अर्थात कृष्ण पक्ष 13 दिनों का रहेगा।अब शुक्ल पक्ष 6 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 21जुलाई तक चलेगा। इस कृष्ण पक्ष में दो तिथियों द्वतिया और चतुर्थी का क्षय हो रहा है, इसलिए यह कृष्ण पक्ष केवल 13 दिनों का होगा। ऐसा संयोग बहुत सालों में आता है।इसे "विश्व घस्र" पक्ष कहते हैं। यह बहुत बड़ा दुर्योग है,बहुत वर्ष बाद ऐसा दुर्योग आता है। महाभारत युद्ध के पहले 13 दिन के पक्ष का दुर्योग काल आया था। उस समय बड़ी जनधन हानि हुई थी। घनघोर युद्ध था।

पक्षस्य मध्ये द्वितिथि पतेतां यदा भवेद्रौरव काल योगः। 
पक्षे विनष्टं सकलं विनष्ट मित्याहुराचार्यवराः समस्ताः
एकपक्षे_यदा_यान्ति_तिथियश्च_त्रयोदश।
त्रयस्तत्र क्षयं यान्ति वाजिनो मनुजा गज:।।
त्रयोदश दिने पक्षे तदा संहरेत जगत् ।
अपि वर्षे सहस्रेण कालयोग प्रकीर्तित:।।
द्वितियामारभ्य चतुर्दश्यन्तं तिथिद्वये ह्रासे।
त्रयोदश दिनात्मक: पक्षोऽति दोषोवतो भवति।।

अर्थात आषाढ़ कृष्ण पक्ष 13 दोनों का है यह 13 दिन का पक्ष होने से पृथ्वी पर जनहानि युद्ध की संभावना होती है जिस वर्ष 13 दिन का पक्ष होता है उसे वर्ष संपूर्ण विश्व के लिए हानिकारक होता है विशेष कर द्वितीया तिथि से लेकर चतुर्दशी तिथि पर्यंत अगर दो तिथि का क्षय हो तो विशेष रूप से संपूर्ण विश्व के लिए हानिकारक होता है यह पक्ष मंगल कार्य हेतु भी उत्तम नहीं है। यह "रौरव काल" संज्ञक दुर्योग होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे अच्छा नहीं माना गया है। ऐसा दुर्योग होने से अतिवृष्टि, अनावृष्टि, राजसत्ता का परिवर्तन, विप्लव, वर्ग भेद आदि उपद्रव होने की संभावना पूरे साल बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है-

                                                     त्रयोदशदिने पक्षे तदा संहरते जगत्। 

                                                      अपिवर्षसहस्रेण कालयोगःप्रकीर्तितः। 

अर्थात समस्त प्रकृति को पीड़ित करने वाला यह दुर्योग संक्रामक रोगों की भी वृद्धि कर सकता है। इस पक्ष में मांगलिक कार्य, व्रतारम्भ,उद्यापन,भूमि भवन का क्रय विक्रय,गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों का त्याग कर देना चाहिए। काल चक्र की गणना भारी,जाने मुरारी या त्रिपुरारी।।

G News 24 : आज का खस्ताहाल पाकिस्तान कभी भारत से बड़ी पावर था !

 1961 से 1991 तक तीस साल भारत से ज्यादा थी पाकिस्तान की विकास दर ...

आज का खस्ताहाल पाकिस्तान कभी भारत से बड़ी पावर था !

आज का खस्ताहाल पाकिस्तान इस कदर कर्ज के बोझ तले दबा है कि उसके पास सरकारी खर्चों के लिए भी पैसा नहीं है. इस बदहाली से निकलने के लिए उसे बार-बार सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, चीन और तुर्की जैसे देशों के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं. सऊदी अरब और चीन के बाद पाकिस्तान की बदहाली पर तरस खाकर यूएई भी उसकी मदद के लिए आगे आया है. यूएई ने कहा है कि पाकिस्तान को इस हालत से निकालने के लिए वह 10 बिलियन डॉलर की मदद करेगा. हालांकि, यह मदद निवेश करके की जाएगी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यूएई के दौरे पर हैं. गुरुवार (23 मई) को राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल-नाहयन से मुलाकात कर उन्हें बताया कि देश किस तरह बदहाली के दौर से गुजर रहा है. इसके बाद यूएई के राष्ट्रपति मदद के लिए तैयार हो गए और 10 बिलियन डॉलर की मदद का ऐलान किया. यूएई विभिन्न सेक्टर्स में यह रकम लगाएगा. अगर 63 साल पीछे मुड़कर देखें तो पाकिस्तान की हालत ऐसी नहीं थी. बंटवारे के बाद तीस साल तक उसकी विकास दर ऊंचाईयों पर थी, जबकि भारत उससे कई गुना पीछे था.

1961 से 1991 के बीच कितनी थी भारत और पाकिस्तान की विकास दर-

साल भारत की जीडीपी विकास दर (प्रतिशत में)पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर (प्रतिशत में)

  • 1961 3.72 5.99
  • 1962 2.93 4.48
  • 1963 5.99 8.69
  • 1964 7.45 7.57
  • 1965 -2.64 10.42
  • 1966 -0.06 5.79
  • 1967 7.83 5.4
  • 1968 3.39 7.23
  • 1969 6.54 5.51
  • 1970 5.16 11.35
  • 1971 1.64 0.47
  • 1972 -0.55 0.81
  • 1973 3.3 7.06
  • 1974 1.1 3.54
  • 1975 9.15 4.21
  • 1976 1.66 5.16
  • 1977 7.25 3.95
  • 1978 5.71 8.05
  • 1979 -5.24 3.76
  • 1980 6.74 10.22
  • 1981 6.01 7.92
  • 1982 3.48 6.54
  • 1983 7.29 6.78
  • 1984 3.82 5.07
  • 1985 5.25 7.59
  • 1986 4.78 5.5
  • 1987 3.97 6.45
  • 1988 9.63 7.63
  • 1989 5.95 4.96
  • 1990 5.53 5.06
  • 1991 1.06 5.06

तीन सालों में पाकिस्तान जीडीपी ग्रोथ 10 फीसदी से भी ज्यादा

1961 से 1991 के बीच हर साल पाकिस्तान ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रॉडक्ट यानी जीडीपी की ग्रोथ रेट के मामले में भारत से आगे था. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार 1965, 1970 और 1980 ये वो साल हैं, जब पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ रेट 10 फीसदी से भी ज्यादा थी. आंकड़ों के हिसाब से 1965 में पाकिस्तान की विकास दर 10.42 थी और उसी साल में भारत बेहद कमजोर हालत में था. उसकी जीडीपी ग्रोथ रेट -2.64 फीसदी थी. वहीं, 1970 में पाकिस्तान के मुकाबले भारत के ग्रोथ रेट आधी थी. जब पाकिस्तान 11.35 फीसदी की दर से विकास कर रहा था, जबकि भारत 5.16 फीसदी पर था. 1980 की बात करें तो 10.22 फीसदी से ग्रोथ कर रहा था, जबकि की विकास दर भारत 6.74 फीसदी थी.

इन दो सालों में बेहद खराब थी भारत की विकास दर

1965 और 1979, ये दो साल ऐसे थे जब भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव में थी. 1965 में भारत -2.64 फीसदी पर था, जबकि 1979 में जीडीपी ग्रोथ रेट -5.24 फीसदी थी. 1992 तक पाकिस्तान भारत के मुकाबले ज्यादा मजबूत हालत में था, लेकिन इसके बाद चीजें बदलनी शुरू हुईं और भारत आगे निकल गया. हालांकि, साल 2020 में भारत और पाकिस्तान की ग्रोथ रेट में बड़ी तेजी से गिरावट देखी गई और यह आंकड़ा नेगेटिव में चला गया, लेकिन भारत की जीडीपी पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा नीचे चली गई. ये वही दौर था जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ था, लॉकडाउन के कारण लोगों की बिक्री कम होने लगे और व्यापारियों को भी बहुत नुकसान हुआ. 2020 में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ रेट -1.27 और भारत की -5.83 फीसदी थी. 2021 में 9.05 और 2022 में 6.51 फीसदी के साथ भारत फिर से आगे आ गया. इन दो सालों में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.24 और 4.71 फीसदी थी

G News 24 : उत्तराखंड पुलिस ने AIIMS के ICU में दौड़ा डाली जीप !

 इमरजेंसी वार्ड में दोनों तरफ बिस्तरों पर मरीज लेटे हुए हैं और पलगों के बीच में ...

उत्तराखंड पुलिस ने  AIIMS के ICU में दौड़ा डाली जीप ! 

ऋषिकेश। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी मंगलवार को एम्स ऋषिकेश के आपातकालीन वार्ड में जीप समेत ही घुस गए. दरअसल, एक महिला डॉक्टर ने पुलिस में छेड़छाड़ की शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस आरोपी मेल नर्स को गिरफ्तार करना चाहती थी. 

किसी एक्शन फिल्म जैसे 26 सेकेंड के इस क्लिप में पुलिस की कार भीड़ वाले इमरजेंसी वार्ड से गुजरती हुई नजर आ रही है, जिसके दोनों तरफ बिस्तरों पर मरीज लेटे हुए हैं. सुरक्षा कर्मियों का एक समूह एसयूवी के लिए रास्ता साफ करते हुए नजर आ रहा है और स्ट्रेचर पर लेटे मरीजों को रास्ते से हटाते हुए दिख रहा है. कार आगे की ओर बढ़ती है और उसमें पुलिसकर्मी बैठे हुए नजर आते हैं. 

पुलिस के अनुसार, नर्सिंग अधिकारी ने प्रमुख स्वास्थ्य सुविधा के एक ऑपरेशन थिएटर के अंदर महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की. ऋषिकेश के पुलिस अधिकारी शंकर सिंह बिष्ट ने समाचार एजेंसी को बताया कि सतीश कुमार, जो अब निलंबित हैं, ने कथित तौर पर डॉक्टर को एक अश्लील एसएमएस भी भेजा था.

इस घटना से अस्पताल के डॉक्टरों में गुस्सा फैल गया, जो हड़ताल पर चले गए और अपराधी को बर्खास्त करने की मांग करते हुए डीन के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया. इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस से भी संपर्क किया. विरोध कर रहे डॉक्टरों की बड़ी संख्या को देखते हुए, पुलिस ने सतीश कुमार को गिरफ्तार करने के लिए अस्पताल में घुसने का फैसला किया. 

नारेबाजी करते हुए डॉक्टरों ने सतीश कुमार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने जो अपराध किया है, उसके लिए सिर्फ निलंबन पर्याप्त नहीं है लेकिन एम्स ऋषिकेश में आपातकालीन सेवाएं अभी भी चालू हैं. बता दें कि डॉक्टर मंगलवार से हड़ताल पर हैं.

G News 24 : यूपी के हरदोई के गौसगंज में खेत और सड़क पर नोट ही नोट !

 लोगों में भूसे की तरह सड़क और खेत में मिली नोटों की कतरन बनी चर्चा का विषय ...

यूपी के हरदोई के गौसगंज में खेत और सड़क पर नोट ही नोट !

हरदोई।  जिले में सड़कों पर और खेतों में भारी मात्रा में कटे-फटे नोट मिलने का मामला सामने आया है। नोटों को देखने पर ऐसा लग रहा है कि इन्हें किसी मशीन से काटा गया हो और फिर इसे फेंक दिया गया हो। मामला कासिमपुर थाना क्षेत्र के कस्बा गौसगंज के कछौना लिंक रोड का है। वहीं बड़ी मात्रा भारतीय नोटों की कतरन मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। नोटों की कतरनें इतनी अधिक मात्रा में थीं कि उनके जगह-जगह ढेर लगे हुए थे। स्थानीय लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो मौके पर भीड़ जुटने लगी। वहीं इतनी अधिक मात्रा में नोटों की कतरन देखकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं।

मशीन से नोटों को काटने की आशंका

बता दें कि थाना कासिमपुर के कस्बा गौसगंज क्षेत्र के कछौना लिंक रोड पर श्याम सिंह और राजेंद्र सूबेदार के खेत के पास सड़क के किनारे स्थानीय लोगों ने बड़ी मात्रा में नोटों की बारीक कतरन दिखी। नोटों की कतरन को भूसे के जितना बारिक काटा गया है। वहीं नोटों की कतरन के ढेर देखते ही मौके पर लोग पहुंचने शुरू हो गए। देखते ही देखते इलाके में ये मामला चर्चा का विषय बन गया। कुछ ग्रामीण तो नोटों की कतरनें भरकर अपने-अपने घर भी ले जाने लगे। नोटों की कतरनें देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि किसी मशीन से इन नोटों को काटा और कतरा गया है। हालांकि नोटों की मिली कतरन अवैध नोटों की है या वैध नोटों की, इसकी अभी पुष्टि न हो सकी है। 

जांच में जुटी पुलिस

पूरे मामले पर जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि ये मामला थाना कासिमपुर के कस्बा गौसगंज का है, जहां राजेन्द्र सूबेदार और श्याम सिंह के खेत हैं। वहीं सड़क किनारे ये कतरनें मिली हैं, जो भारतीय करेंसी से मिलती जुलती प्रतीत हो रही हैं। जांच पड़ताल की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी और उसके बाद अग्रिम विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फिलहाल पुलिस कतरन कहां से आई, इसकी पड़ताल में जुटी हुई है।

G News 24 : World War II का हीरो 100 साल की उम्र में शादी करने जा रहा है !

 टेरेंस 96 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने जा रहा है...

World War II का हीरो 100 साल की उम्र में शादी करने जा रहा है !

प्यार की कहानियां आपने भी खूब सुनी होंगी। प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। प्यार तो किसी को कभी भी हो सकता है। फिल्मों में हीरो हीरोइन को आपने इश्क फरमाते भी देखा होगा लेकिन हम आपको एक अनोखी प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। असल में यह कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है। घटना भी ऐसी जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, 100 साल का एक शख्स अपनी 96 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने जा रहा है। दोनों एक-दूसरे को साल 2021 से डेट कर रहे हैं।

खास है शादी की जगह 

अमेरिका के लिए विश्व युद्ध II में हेरोल्ड टेरेंस ने बड़ी बहादुरी से जंग लड़ी थी। विश्व युद्ध वो किसी हीरो से कम नहीं थे। जंग के दिन बीत गए, सालों गुजर गए लेकिन अब  टेरेंस अपने प्यार की वजह से चर्चा में आ गए हैं। हेरोल्ड टेरेंस की पर्सनल लाइफ को लेकर लोग बात कर रहे हैं। असल में टेरेंस फ्रांस में अपनी प्रेमिका के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। दोनों की शादी उस समुद्री तट पर हो रही है जहां वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सेना जंग लड़ने के लिए उतरी थी।

किया जाएगा सम्मानित 

खास बात यह भी है कि विश्व युद्ध II के दौरान अमेरिकी एयरफोर्स का हिस्सा रह चुके हेरोल्ड को 6 जून के दिन डी-डे लैंडिंग की 80वीं वर्षगांठ पर सम्मानित किया जाएगा। यह वही दिन था जब अमेरिका ने मित्र देशों से जुड़कर वर्ल्ड वॉर का रुख बदल दिया था। इस वॉर में हेरोल्ड उन खुशकिस्मत लोगों में से थे जो जिन्दा बचकर लौट आए थे।

कौन हैं टेरेंस की प्रेमिका

हेरोल्ड टेरेंस की प्रेमिका का नाम स्वेरलिन है। स्वेरलिन की शादी 21 साल की उम्र में हुई थी और वह 40 की उम्र में विधवा होने से पहले दो लड़कियों और एक लड़के की मां थी। शादी के 18 साल बाद उनके दूसरे पति की मृत्यु हो गई। वह 2019 में सोल काट्ज़ की मृत्यु से पहले 25 साल तक उनके साथ रहीं। उनके सात पोते-पोतियां और सात परपोते हैं। यह काट्ज़ की बेटी, जोआन शोशेम थी, जिसने उन्हें 2021 में टेरेंस से मिलवाया था।

ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी 

स्वेरलिन टेरेंस से तब मिलीं जब उनके बच्चे वर्षों पहले उनके पोते-पोतियों के साथ एक शिविर में गए थे। शोशेम ने स्वेरलिन के बारे में कहा, "उसने मेरे पिता को बहुत खुशी दी।" "मैं नहीं चाहती थी कि वो अकेली रहें।" लेकिन थेल्मा की मृत्यु के बाद, टेरेंस को अन्य महिलाओं में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उसने बमुश्किल स्वेरलिन पर ध्यान दिया।

स्वेरलिन ने क्या बताया 

स्वेरलिन ने बताया, ''ऐसा कुछ भी नहीं था।'' फिर भी, टेरेंस के दोस्त स्टेनली ईसेनबर्ग उन्हें अगली रात डिनर पर ले गए। ईसेनबर्ग ने कहा, "मैंने उसे पहले कभी इस तरह चमकते हुए नहीं देखा था। मैंने कहा, 'तुम प्यार में हो'' टेरेंस ने कहा, 'मुझे नहीं पता, मेरे मन में इस तरह भावनाएं पहले कभी नहीं आई थीं।''

'प्यार में होना सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है'

स्वेरलिन ने कहा, उस डेट के बाद टेरेंस ने मुझे उसे ठुकराने का "मौका नहीं दिया"। 94 साल की उम्र में भी वह प्यार में थीं। उन्होंने हंसते हुए कहा, "वह मुझे पूरी दुनिया से परिचित करा रहा था, 'मैं चाहता हूं कि तुम मेरी प्रियतमा से मिलो,' और मैं उसे दो दिन से ज्यादा नहीं जानती थी।" “प्यार में होना सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है।'' फिलहाल, अब पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके इस जोड़े की शादी होने वाली है। लोग बेहद दिलचस्पी ने इनके बारे में जानना चाह रहे हैं।

G News 24 : भारत में 7.82 प्रतिशत घट गई हिंदुओं की आबादी एवं मुस्लिमों की 43.15 फीसदी बढ़ गई !

 इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में हुआ है खुलासा ...

भारत में 7.82 प्रतिशत घट गई हिंदुओं की आबादी एवं मुस्लिमों की 43.15 फीसदी बढ़ गई  !

प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल ने काफी अहम आंकड़ा जारी किया है। काउंसिल की ओर से जारी किए गए एक वर्किंग पेपर के मुताबिक, भारत में 1950 के बाद से हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। बहुसंख्यकों की आबादी में गिरावट का ये ट्रेंड नेपाल और म्यांमार में भी देखा गया है। हालांकि, 38 इस्लामिक देशों में मु्स्लिमों की आबादी में बढ़ोतरी देखी गई है। 

हिंदुओं की आबादी में कमी

इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हो गई है। वहीं, इसी दौरान मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आसान भाषा में समझें तो 1951 में हुई जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदू 84.10 प्रतिशत थे। हालांकि, 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 77.52 फीसदी पर आ गई। इश दौरान हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी हुई। वहीं, 1951 में मुस्लिम भारत में 9.80 फीसदी थे। 2015 में बढ़ोतरी के साथ ये संख्या 14.02 फीसदी हो गई है। 1951-2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी का इजाफा देखा गया। 

भारत में फल-फूल रहे हैं अल्पसंख्यक

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट बताती है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं काफी अच्छी तरह फल-फूल रहे हैं। भारत में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिख और ईसाई धर्म की आबादी में भी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सिख आबादी में  6.58 प्रतिशत और ईसाई आबादी में  5.38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, देश में पारसी और जैन धर्म के लोगों की आबादी घटी है। 

मुस्लिमों देशों में अलग है ट्रेंड

किसी मुस्लिम बहुल देश में आबादी में परिवर्तन का ये ट्रेंड थोड़ा अलग है। जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक,  38 मुस्लिम बहुल देशों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ी है। पाकिस्तान में 1950 में मुस्लिम 77.45 फीसदी थे। अब पड़ोसी देश में मुस्लिम 80.36 प्रतिशत हो गए। इस दौरान बांग्लादेश में मुस्लिम 74.24 प्रतिशत से बढ़कर 88.02 प्रतिशत हो गए। अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी 88.75 प्रतिशत से बढ़कर 89.01 प्रतिशत हो गई। मालदीव में मुस्लिम 99.83 प्रतिशत से घटकर 98.36 प्रतिशत हैं जो कि मामूली गिरावट है। 

भारत के इन पड़ोसियों का हाल भी जानें

इस रिपोर्ट में म्यांमार में बौद्धों की आबादी 78.53 प्रतिशत से घटकर 70.80 प्रतिशत, श्रीलंका में बौद्धों की आबादी 64.28 प्रतिशत से बढ़कर 67.65 प्रतिशत और भूटान में बौद्धों की आबादी 71.44 प्रतिशत से बढ़कर 84.07 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, दूसरी ओर नेपाल में देखें तो हिंदुओं की आबादी 84.30 प्रतिशत से घटकर 81.26 प्रतिशत हो गई है।

G News 24 : आए तो थे शव को दफनाने लेकिन खुद ही मिट्टी में दफन हो गए लोग

 हादसे में मिट्टी धंसकने से शव को दफना रहे लोग अंदर ही दफन हो गए ... 

आए तो थे  शव को दफनाने लेकिन खुद ही मिट्टी में दफन हो गए लोग 

हिंदू धर्म में शवों को जलाकर उन्हें अपनी दाह संस्कार की परंपरा निभाते हैं तो मुस्लिमों में शव को दफनाकर ये परंपरा निभाई जाती है। ईसाइयों में भी शव को दफनाने का रिवाज है। मौत के बाद भी लोगों को उनके संस्कारों के अनुसार विदा किया जाता है। चीन में भी कुछ ऐसे ही दाह संस्कार किया जाता है। उनके इस परंपरा से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जो वाकई में लोगों का दिल दहला रहा है। 

वायरल हो रहे इस वीडियो में एक शव के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। शव को दफनाने के लिए JCB से मिट्टी खोदी जा चुकी है। शव को एक बड़े से ताबूत के अंदर रखकर उसे कब्र खोदकर उसमें बनी दीवार में दफन किया जा रहा है। ताबूत को दफनाने के लिए 4-5 लोग काम भी कर रहे हैं। दो लोग ऊपर से उस दीवार को प्लास्टिक से ढंकने की कोशिश कर रहे हैं। तभी अचानक से कब्र की ऊपरी हिस्से की मिट्टी धंस जाती है। जो दीवार बनाई गई थी वह भी मिट्टी के अंदर दफन हो जाती है। इस दर्दनाक हादसे में कुछ लोग मिट्टी के अंदर ही दब जाते हैं। घटना चीन की बताई जा रही है, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।

G News 24 : डॉक्टरों ने महिला को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर बचाई जान !

 मौत की दहलीज पर खड़ी थी महिला...

डॉक्टरों ने महिला को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर बचाई जान !

                                                                            सांकेतिक तस्वीर 

न्यूयॉर्क। मौत की दहलीज पर खड़ी एक महिला के लिए डॉक्टर उस वक्त भगवान बन गए, जब उन्होंने सारी उम्मीदें तोड़ चुकी और अपनी आखिरी सांसें गिन रही महिला को फिर से जीवनदान दे दिया। बता दें कि यह महिला किडनी रोग से ग्रस्त थी। महिला की दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। कोई दूसरी किडनी उसके लिए उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में महिला मरीज की सांसें उखड़ने ही वाली थीं, मगर अमेरिकी डॉक्टरों ने उसमें सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर कमाल कर दिया। 

अमेरिका में डॉक्टरों ने न्यूजर्सी की एक मरणासन्न महिला के शरीर में सुअर की किडनी प्रतिरोपित कर और यांत्रिक तरीके से उसकी धड़कनें चलाकर उसकी जान बचाई है। यह चिकित्सा जगत में किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है। लिसा पिसानो नामक महिला के हृदय और गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था और वह इतनी अस्वस्थ हो गई थी कि परंपरागत अंग प्रतिरोपण संभव नहीं था। ‘एनवाईयू लैंगोन हेल्थ’ चिकित्सा संस्थान के डॉक्टरों ने एक अनोखा तरीका निकाला जिसमें महिला के दिल की धड़कन बनाए रखने के लिए एक यांत्रिक पंप लगाया और कुछ दिन बाद आनुवंशिक रूप से संवर्धित सुअर की एक किडनी प्रतिरोपित की गई।

मैसाचूसेट्स के जनरल अस्पताल में हुआ प्रत्यारोपण

महिला में किडनी का यह प्रत्यारोपण आसान नहीं था। मगर पिछले महीने मैसाचूसेट्स जनरल अस्पताल में उनकी प्रतिरोपण सर्जरी की गई। एनवाईयू की टीम ने बुधवार को घोषणा की कि पिसानो की सेहत में सुधार हो रहा है। वह दूसरी महिला हैं जिनके शरीर में सुअर की किडनी लगाई गई है। पिसानो ने कहा, ‘‘मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो गई थीं। मैंने एक कोशिश करके देखी थी।

G News 24 : आज नजर आएगा Pink Moon गुलाबी चाँद

 पिंक मून को फसह का चांद भी कहा जाता है...

आज नजर आएगा Pink Moon गुलाबी चाँद 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का पहला महीना चैत्र महीना होता है. चैत्र के महीने में पूर्णिमा के दिन ही पिंक मून नजर आने वाला है. इस साल चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन पड़ रही है और इसी दिन शाम को आकाश में पिंक मून का नजारा देखने को मिलेगा. पिंक मून असल में पूरी तरह गुलाबी दिखाई नहीं देता है बल्कि यह आम चांद की तरह ही सिल्वर और गोल्डन रंग का नजर आता है. इस पिंक मून को इसका नाम पूर्व अमेरिका में पाए जाने वाले एक हर्ब मॉस पिंक के नाम पर रखा गया है.

चैत्र पूर्णिमा पर पिंक मून 

इस साल चैत्र पूर्णिमा की शुरूआत 23 अप्रैल, मंगलवार की सुबह 3 बजकर 25 मिनट से होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 24 अप्रैल, बुधवार को 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. 23 अप्रैल के दिन ही पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. 

पिंक मून के और नाम 

पिंक मून को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून, फसह मून, पक पोया और फेस्टिवल मून के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम (Chaiti Punam) भी कहते हैं. इसी दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. 

कब दिखता है पिंक फुल मून 

पिंक फुल मून तब दिखता है जब 2 घटनाएं एकसाथ होती हैं. जब चांद धरती के करीब हो और उसी समय पूर्णिमा हो तो पिंक फुल मून (Pink Full Moon) होता है. इस पूर्णिमा के दिन आकाश में यही नजारा दिखने वाला है. 

चांद के अलग-अलग रंग 

पिंक मून के अलावा भी चांद पूर्णिमा के दिन अलग-अलग रंगों का नजर आ सकता है. कई बार प्रदूषण के कारण चांद का रंग नारंगी या फिर पीला दिख सकता है. इसके अलावा हवा में मौजूद कण चांद का रंग बदला हुआ दिखाते हैं और चांद भूरे रंग का दिख सकता है. चांद का सबसे साफ रंग चमकीला होता है जो साफ आकाश में दिखता है.