पूर्व CM की घोषणा का नहीं हुआ पालन...
प्राध्यापकों के ट्रांसफर से अतिथि विद्वान होंगे फालेन आउट !
प्रदेश के सरकारी कॉलजों में वर्षों से सेवा कर रहें अतिथि विद्वानों के अतिथि विद्वानी में भी अब खतरा मडराने लगा है। अंदर बाहर का खेल अब शुरू होने वाला है। दरसअल हाल ही में प्राध्यापकों की ट्रांसफर लिस्ट उच्च शिक्षा विभाग ने जारी कि है जिसको लेकर अतिथि विद्वानों को अपनी रोजी रोटी छिनने का डर सता रहा है। उनका कहना है कि जैसे ही प्राध्यापक नई पदस्थापना वाली जगहों पर ज्वाइन करेंगे तो तत्काल अतिथि विद्वान बाहर हो जाएंगे।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं वर्तमान मुख्यमंत्री पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने महापंचायत में घोषणा कि थी कि अतिथि विद्वान अब फालेन आउट नहीं होंगे उन्होंने जोर देकर कहा था कि अतिथि विद्वान ही रहेंगे उनके साथ जुड़ा फालेन आउट शब्द विलोपित किया जाता है, लेकिन आज भी घोषणा कि ये भी लाइन पूरी नहीं हुई। अतिथि विद्वान महासंघ ने विद्वानों के भविष्य सुरक्षा पर चिंता जाहिर कि है।
महासंघ के प्रदेश मिडिया प्रभारी डॉ. आशीष पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में पठन पाठन से लेकर नैक, रूसा, प्रवेश, परीक्षा, प्रबंधन, मूल्यांकन आदि समस्त कार्य अतिथि विद्वान ही संभालते हैं और ये बात पूरे प्रदेश के बच्चे बच्चे को पता है सरकार भी जानती है पर उन्ही अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित नहीं। डॉ. पाण्डेय ने निवेदन करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों के भविष्य सुरक्षा पर सरकार ध्यान दे आज तक इस ओर एक भी कदम नहीं उठाया गया हैं। आने वाले समय में प्राध्यापकों कि ट्रांसफर लिस्ट और आ सकती है जिससे सीधे-सीधे अतिथि विद्वान प्रभावित होंगे।
अभी 600 स्थानांतरण पीएमश्री कॉलेज और उत्कृष्टता कॉलेज में हुए थे अभी वही मामला अटका हैं जिसकी सूची क्लियर होनी है। अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने कहा है कि शासन प्रशासन नैतिकता दिखाते हुए रिक्त पदों में काम कर रहें अतिथि विद्वानों को अपने घोषणा अनुसार स्थाई समायोजित करें साथ ही फिक्स मासिक वेतन दे तो खुद ही सभी समस्या का समाधान हो जाएगा। डॉ. अविनाश मिश्रा उपाध्यक्ष महासंघ ने बताया कि अतिथि विद्वानों का परिवार छोटे बच्चे सब के एडमिशन हुए हैं जों भी दिहाड़ी मजदूरी मिल रहीं है उससे भी सरकार बेदखल करने का प्रयास करती है।डॉ. मिश्रा ने फिक्स मासिक वेतन एवं स्थाई समायोजन कि मांग रखी।
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