G News 24 : आपसी राजनीतिक द्वंद से क्षेत्र के विकास पर पड़ रहा है असर

 व्यापारिक संस्था भी दो भागों में बंट गई...

नेताओं के आपसी राजनीतिक द्वंद से क्षेत्र के विकास पर पड़ रहा है असर !

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल अंचल का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के एक ही पार्टी में होने पर अंचल को विकास की रफ्तार पकड़ने की आशा थी, पर धरातल पर यह नजर नहीं आ रहा है। डबल इंजन की सरकार क्षेत्र के विकास को रफ्तार देगी, यह नारा पिछले एक दशक से हर चुनाव में भाजपा जोर-शोर से उठाती है परंतु यह वादा करने वाले उसके नेता ग्वालियर चंबल अंचल में अलग-अलग प्लेटफार्म पर नजर आ रहे हैं, जिससे यहां विकास कार्यों में भी अड़ंगा लगरहा है। बल्कि यदि लंबित परियोजना क्षेत्र में आती भी है तो नेता के बीच श्रेय लेने की होड़ लगी हैं।

हाल ही में ग्वालियर की बड़ी आबादी को राहत देने वाले न्यू सिटी सेंटर स्थित रेलवे ओवर ब्रिज के लोकार्पण, ग्वालियर से शिवपुरी के लिए वेस्टर्न बाइपास जैसे मामलों में जिस तरह समर्थकों को आगे कर दोनों पक्षों की बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता नजर आई, ऐसे में यह दूरी जनता के बीच भी जगजाहिर हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्चुअल रूप से मंगलवार को ग्वालियर में विवेकानंद नीड्म पुल का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी वर्चुअल ही शामिल हुए, जबकि सिंधिया अंचल में ही मौजूद थे।

कार्यक्रम में अधिकांश सिंधिया समर्थकों की भी दूरी रही। इसके पीछे की पटकथा ने पहली बार सिंधिया और नरेंद्र तोमर की अलग अलग राजनीति को खुलकर सामने लाया है। दो साल में पूरा होने वाले पुल तैयार होने पर नौ साल लग गए। अब जब लोकार्पण की बारी आई तो नरेंद्र सिंह व सिंधिया के बीच ही पुल के लोकार्पण का मुद्दा फंस गया। जनता लोकार्पण का दबाव बनाने लगी। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि जब यह बात भोपाल पहुंची तो आमजन का आक्रोश शांत करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं आकर लोकार्पण की स्वीकृति दे दी, परंतु जब दोनों धड़ों में फंसे पेच की बात संज्ञान में आई तो मुख्यमंत्री ने भी एक दिन पहले कार्यक्रम को वर्चुअल ही लोकार्पित करने को घोषणा की।

बताते हैं कि भाजपा संगठन में कड़ी निगरानी के चलते दोनों नेता सीधे तौर पर एक दूसरे पर निशाना साधने से बच रहे हैं पंरतु समर्थकों को सक्रिय कर रखा है। हाल ही में सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विकास की दौड़ में ग्वालियर चंबल अंचल के पिछड़ने तक की बात सार्वजनिक रूप से कही थी। उधर नरेंद्र सिंह खेमे से ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने ग्वालियर को शिवपुरी से जोड़ने वाले वेस्टर्न बाइपास की स्वीकृति स्वीकृति की सूचना और फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित करा दिए, जवाब में सिंधिया समर्थकों ने शहर में वेस्टर्न बाइपास के लिए धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए लगाए होर्डिंग्स से सांसद को गायब कर दिया। बताते हैं कि प्रदेश की पहचान ग्वालियर व्यापार मेला भी दोनों नेताओं के राजनीतिक द्वंद्व के चलते बगैर उदघाटन व समापन समारोह के संपन्न कराना पड़ा था।

प्रमुख व्यापारिक संस्था मप्र चैंबर ऑफ कामर्स भी इस राजनीतिक द्वंद में फंसकर दो भागों में बंट गई है। इसके अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़े होने के साथ उनके कार्यक्रमों में व उनकी उपलब्धियों को बखान करते नजर आते हैं तो हाल ही में सांसद भारत सिंह कुशवाह चैंबर के संयुक्त अध्यक्ष हेमंत गुप्ता के साथ कुछ पदाधिकारियों 
को दिल्ली ले जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने पहुंच गए। ऐसे में श्रेय लेने की राजनीति के कारण व्यापारिक रूप से भी ग्वालियर-अंचल के विकास को गति नहीं मिल पा रही है। भोपाल व दिल्ली में हुई इंवेस्टर्स मीट में अंचल के हाथ ज्याादा कुछ नहीं आया।

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