G News 24 : सिंधु जल संधि स्थगित होने पर पाकिस्तान ने जो किया वो जानकर आप की हंसी निकल जाएगी !

 भारत ने पहलगांव में आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है...

सिंधु जल संधि स्थगित होने पर पाकिस्तान ने जो किया वो जानकर आप की हंसी निकल जाएगी !

इस्लामाबाद।  पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 आम नागरिक मारे गए थे। भारत ने आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। अब पाकिस्तान ने क्या किया है वो भी जान लीजिए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत के इस कदम के बाद पातिस्तान ने जो किया है वो जानकर आप हंस पड़ेंगे। पाकिस्तान सरकार ने विवादास्पद चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने का फैसला लिया है। समझने वाली बात यह है कि जब पानी ही नहीं होगा तो पाकिस्तान नहर बनाकर भी क्या करेगा। 

सिंध में खड़ा हो गया था बखेड़ा

सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पंजाब प्रांत के रेगिस्तानी क्षेत्र की सिंचाई के लिए फरवरी में चोलिस्तान परियोजना का उद्घाटन किया था। हालांकि, सिंध प्रांत में इस कदम को लेकर हंगामा खड़ा हो गया था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। देखना वालीबात यह है कि पीपीपी केंद्र में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। 

एक हो गए शरीफ और बिलावल के सुर

भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी से मुलाकात कर नहर परियोजना को रोकने पर सहमति जताई थी। दोनों दलों ने इस बात पर भी सहमति जताई थी कि विवादास्पद नहर परियोजना तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि प्रांतों के बीच विवादों से निपटने के लिए उच्चस्तरीय अंतर-प्रांतीय निकाय ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स’ में इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन जाती। 

आपसी सहमति से होगा फैसला

डॉन की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिलावल के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने देश की स्थिति और नदियों से संबंधित भारत की घोषणाओं पर विस्तार से विचार किया है। उन्होंने कहा, “पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच बैठक में हमने आपसी सहमति से फैसला किया है कि जब तक आपसी सहमति से कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोई और नहर नहीं बनाई जाएगी। प्रांतों के बीच आम सहमति के बिना नहरों पर आगे कोई प्रगति नहीं होगी।

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