आपसी मसलों, जातियों, स्वार्थों, में उलझा हुआ था "हिन्दू"
"भारत के सोये हुए और बिखरे हुए हिन्दूओं को बाबरी ढांचे वाले विवाद ने एक जुट जुट कर दिया"
"कश्मीरी कांग्रेस के नेता" "सैफुद्दीन सोज़" ने "भारतीय मुस्लिमों" को -"मूर्ख" कहते हुए कहा था कि तुमने "एक फूटी लावारिस बाबरी मस्जिद" के लिये ,"भारत के सोये हुए और बिखरे हुए हिन्दूओं को जगा दिया"
जबकि :- "भारत में 3 लाख से अधिक मस्जिदें बन गयीं", तब -"हिन्दू सोया हुआ था"। एक "मस्जिद" के लिये, "बिखरे ,सोये, हिन्दुओं" को "एक " कर दिया "भारत के मुस्लिमों ने " जबकि :- सिर्फ -"एक पायदान" और बचा था "हिंदुस्तान पर हुकूमत के लिये"
"मुसलमान गृहमंत्री" तो बन ही चुका था, बस - "सिर्फ मुसलमान का प्रधानमंत्री" बनना बाकी रह गया था। फिर "सारा हिंदुस्तान" हमारे "कब्जे" में होता। पर "भारतीय मुस्लिमों" ने "अपनी मूर्खता" के कारण "एक मस्जिद के लिये" "भारत पर कब्जा करने की सारे प्लानिंग", "बर्बाद" कर दी।
अब, "हिन्दुओं को बाजी पलटने से कोई नहीं रोक पायेगा "हिन्दुओं को जाग्रत" होने का "मौका" मिल गया है l और अब- "कोई मुस्लिम" न गृहमंत्री बन पायेगा और न ही, "प्रधानमंत्री"। अब "भारत" फिर से "हिन्दुओं के हाथों में है"।
"वाकई" "सैफुद्दीन सोज़" की बात "सही भी निकली" l "अयोध्या आंदोलन" ने "सदियों से सोये हिन्दुओं" को "पुनः जाग्रत किया" और "आज" जो भी, "सामाजिक राजनीतिक परिवर्तन" दिख रहा है उसमें "अयोध्या आंदोलन की भूमिका" "ऐतिहासिक" रही।
आपसी मसलों, जातियों, स्वार्थों, में उलझा हुआ "हिन्दू" एक हजार साल के, 'इस्लामी काल" में नहीं जागा "वही हिन्दू " "अयोध्या आंदोलन" के बाद," जाग" गया। इसीलिये "वाकई में सदियों से सुप्त पड़े हिन्दू के स्वाभिमानी शौर्य" के "जागरण का केंद्र बन गया अयोध्या आंदोलन"।
ये "हिन्दुओं" के जागने का ही परिणाम है कि "बाबरी" ढांचे के स्थान पर आज "भव्य राममंदिर" बन चूका है। देश से "370" और "तीन तलाक" की विदाई हो चुकी है। "CAA" आ गया और अब "वफ्फ़" की भी विदाई हो गई ! अभी कुछ काम बाकि है भगवान् के आशीर्वाद से वे भी जल्दी पूरे होंगे।
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