फटकार के बाद भी अफसर नहीं आ रहे बाज ...
अदालतों के निशाने पर ग्वालियर-भोपाल एवं भिंड के नौकरशाह !
ग्वालियर। राज्य में कमोवेश हर दूसरा या तीसरा नौकरशाह नाफरमानी करता दिख रहा है। आलम यह है कि सरकार की हिदायतें हो, कोर्ट की फटकार या फिर नसीहतें, अफसर इसको नजरअंदाज करते दिखाई पड़ते हैं।ऐसा प्रतीत होता है कि इन अधिकारीयों को नियमकायदों एवं सरकारी आदेशों की कोई परवाह नहीं है ना ही इनमे अदालतों व कानून का कोई भय है । अफसरों की इस लापरवाही का खामियाजा सरकार को अवमानना और दंड के तौर पर एक बार नहीं, कई-कई बार भुगतना पड़ा है। इससे सरकार की छवि धूमिल होती है। यूं तो सरकार में कुछ अधिकारियों के अडिय़ल रवैए और नाफरमानी के चर्चे हमेशा सडक़ से लेकर सदन तक होते रहे हैं।
अब जिस तरह से उच्च न्यायालय अवमानना के मामलों में जुर्माना लगाने से लेकर गिरतारी वारंट तक जारी करने के फैसले ले रहा है, उससे प्रदेश की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। हाल में मप्र उच्च न्यायालय ने जिलाधीशों से लेकर सचिव, प्रमुख सचिव एवं पुलिस मुयालय तक की अवमानना के अलग-अलग मामलों में नोटिस जारी किए हैं। इनमें से ग्वालियर, भिंड, उमरिया जिलाधीश एवं शहडोल संभागायुत की कार्यप्रणाली पर व्यतिगत टिप्पणी करने से लेकर जुर्माना तक लगाया गया है।
शहडोल संभाग के आयुत के खिलाफ 10 हजार का जमानती वारंट हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने जारी किया है। आदेश की अवहेलना पर लोक शिक्षण संचालनालय की आक्युत शिल्पा गुप्ता के खिलाफ 10 हजार का गिरतारी वारंट जारी कर किया गया है। युगलपीठ द्वारा अटूबर 2024 में शिक्षकों को लेकर दिए गए आदेश का आयुक्त ने पालन नहीं किया है। भोपाल जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के खिलाफ गिरतारी वारंट जस्टिस एके सिंह की अदालत ने रेरा द्वारा 2020 में दिए गए आरआरसी केस का निराकरण नहीं करने के मामल में जारी किया है।
कर्मचारी रामकुमार गुप्ता से जुड़े प्रकरण में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आदेश का पालन नहीं करने पर ग्वालियर जिलाधीश रुचिका चौहान को फटकार लगाई। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अधिकारी ऑफिस में बैठकर खुद को शेर समझते हैं। ग्वालियर खंडपीठ ने पीएचई के कर्मचारी से जुड़े प्रकरण में 2020 में दिए आदेश का पालन नहीं करने पर प्रमुख सचिव पी. नरहरि को अवमानना का नोटिस भेजा है। भोपाल के डीसीपी को नोटिस तामील कर व्यतिगत रूप से उपस्थित कराने के आदेश दिए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने महिला को जिलाबदर करने पर उमरिया जिलाधीश पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि शहडोल संभाग की कमिश्नर सुरभि गुप्ता पर टिप्पणी करते हुए उन्हें डाककर्मी बताया है।
न्यायालय ने जिलाबदर का आदेश निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने नर्मदापुरम जिले के सिवनी-मालवा टीआई द्वारा फायनेंस कंपनी के एजेंट की तरह काम करने पर पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया गया। एक अन्य मामले में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने डीजे पर प्रतिबंध को लेकर भी पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को नोटिस जारी कर पूछा कि आखिर कब तक तेज आवाज वाले डीजे पर प्रतिबंध लगेगा। ग्वालियर खंडपीठ ने लोनिवि से जुड़े मामले में भिंड जिलाधीश संजीव श्रीवास्तव को फटकार लगाई है। न्यायालय ने कहा कि जिलाधीश ने पिछले मामलों से सीख नहीं ली है।
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