G News 24 : प्यासे चीतों को पानी पिलाने की मिली सजा, वन विभाग ने ड्राइवर को किया निलंबित !

 शिवपुरी के कूनो नेशनल पार्क में प्यासे चीतों को पानी पिलाया,वीडियो हुआ था  वायरल...  

प्यासे चीतों को पानी पिलाने की मिली सजा, वन विभाग ने ड्राइवर को किया निलंबित !

शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कूनो नेशनल पार्क में वन विभाग के चालक ने प्यासे चीतों को पानी पिलाया। प्यासे चीतों को पानी पिलाते हुए उसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल भी हो गया। लेकिन इस मामले ने कूनो नेशनल पार्क में और उसके आसपास के इलाकों में चीतों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरअसल घटना कुछ दिनों पहले की है, जब मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर निकलकर पास के ग्रामीण इलाकों में भटक रहे थे। इस दौरान वन विभाग के चालक सत्यनारायण गुर्जर ने मानवता का परिचय देते हुए चीतों की प्यास बुझाने के लिए एक बर्तन में पानी डाला और चीतों के पास रख दिया। वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि ज्वाला और उसके शावक शांति से पानी पी रहे हैं और वापस जंगल में लौट जाते हैं।

वीडियो वायरल होते ही वन विभाग हरकत में आया और जांच शुरू की। जांच में पता लगा कि मामला 4 अप्रैल 2025 की सुबह का है। चीते इंसानी बस्ती के करीब धूप में कृषि क्षेत्र में घूम रहे थे। इस दौरान एक चालक ने चीता ज्वाला और उसके चार बच्चों को स्टील के कटोरे में पानी पिलाया।

इस मामले में लायन प्रोजेक्टर के डायरेक्टर के प्रेस नोट के मुताबिक, केवल अधिकृत व्यक्ति ही किसी विशेष कार्य के लिए चीते के नजदीक जा सकते हैं। निगरानी दल को चीते को नजदीक से संभालने का प्रशिक्षण दिया गया है। बाकियों को चीतों से दूर रहने के स्पष्ट निर्देश हैं। लेकिन इस घटना में फील्ड स्टाफ ने निर्देशों का उल्लंघन किया और अनुशासनहीनता दिखाई। इसके अलावा इस संबंध में हर अनुशासन और निर्देश की अवहेलना करते हुए वीडियो बनाया गया और मीडिया में साझा किया गया, जिसके चलते संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

जाहिर है कि इंसानी बसावट के पास चीतों को पानी पिलाते हुए ये वीडियो वन विभाग के उन तमाम दावों को नकारता आता है, जिसमें उसके मुताबिक चीतों को पूरे तरीके से निगरानी में रखा जा रहा है और वह पूरी तरीके से सुरक्षित हैं। लेकिन चीतों का और उनके शावकों का इस तरीके से बाहर निकलना बताता है कि आसपास ना तो उनके लिए पर्याप्त शिकार के इंतजाम हैं और ना ही उनके पीने के लिए पर्याप्त पानी है। जिसके चलते यह चीते इंसानी बसाहट के पास जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जो आगे जाकर उनके जीवन के लिए गंभीर संकट भी पैदा कर सकता है।

Reactions

Post a Comment

0 Comments