G News 24 : “अब तो मान लो, आतंकवाद का भी होता है धर्म और उसका नाम है इस्लाम” : अविमुक्तेश्वरानंद

 आतंकियों ने पहलगांव में 28 लोगों को धर्म पूछ-पूछकर गोलियों से भून डाला ...

“अब तो मान लो, आतंकवाद का भी होता है धर्म और उसका नाम है इस्लाम” : अविमुक्तेश्वरानंद

ग्वालियर। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब यह साफ हो गया है कि आतंकवाद का भी एक धर्म होता है, और उसका नाम है इस्लाम। उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकियों ने पीड़ितों से धर्म पूछ-पूछकर हमला किया, जिससे यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है।

गुरुवार को अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान रामबाग कॉलोनी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा “हमने इस हमले में 26 निर्दोष जानें गंवाईं। इनमें एक मुस्लिम गाइड भी शामिल है, जिसने बहादुरी से टूरिस्टों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी। इससे साबित होता है कि कश्मीरियत आज भी ज़िंदा है। लेकिन यह हमला सरकार की बड़ी विफलता को भी उजागर करता है- शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

धारा 370 हटाने के दावों की पोल खुली...

शंकराचार्य ने कहा कि धारा 370 हटाने के बाद सरकार ने जो सुरक्षा के दावे किए थे, वे अब सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने मांग की कि हमले के दोषियों को सख्त सजा दी जाए, लेकिन साथ ही उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो जो सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार हैं।

हिंदुओं को खुद खड़ा होना होगा

उन्होंने कहा कि सरकार की सुरक्षा व्यवस्था जब असफल हो रही है तो सनातन धर्म के लोगों को अब आत्मरक्षा के लिए खुद खड़ा होना होगा। शंकराचार्य ने सुझाव दिया कि हिन्दुओं को “शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र” की भी शिक्षा लेनी चाहिए। “यदि आज हिंदू नहीं जागा, तो 2048 तक देश में हमारी स्थिति बेहद कमजोर हो जाएगी।”

“गाय की रक्षा करें, तभी सच्चे हिंदू कहलाएंगे”

गौरक्षा को लेकर उन्होंने बड़ा ऐलान किया कि देश की 4123 विधानसभा क्षेत्रों में ‘रामाधाम’ बनवाए जाएंगे, जहां देशी गायों का पालन किया जाएगा। ग्वालियर की सभी 8 विधानसभाओं में भी ये केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि 3600 से ज्यादा बूचड़खानों को नोटिस भेजा जाएगा कि वे गायों की हत्या न करें।

“गाय का मांस ज़रूरी” सिखाया जा रहा है स्कूलों में : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य ने एक चौकाने वाला दावा किया कि देश के कुछ अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों को यह पढ़ाया जा रहा है कि “गाय का मांस शरीर के लिए आवश्यक है।”बेंगलुरु के एक छात्र वात्सल्य नारायण के उदाहरण से उन्होंने यह बात सामने रखी, जो एसएसआरवीएम स्कूल में पढ़ता है।

रूहअफजा विवाद पर टिप्पणी

सोशल मीडिया पर रूहअफजा को लेकर चल रही बहस पर शंकराचार्य ने कहा कि “सबसे शुद्ध खाना घर का होता है। मुसलमान जब तक किसी खाद्य सामग्री में थूक न दें, तब तक वे उसे खाने योग्य नहीं मानते।”

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