आप भी सोच रहे होंगे कि बांग्ला देश से किस बात के लिए माफ़ी मांगनी है पकिस्तान को तो हम बताते हैं
अरे बांग्लादेश तो पाकिस्तान से लिखित माफी मंगवाने की जिद पर अड़ा गया !
बांग्लादेश में जबसे सरकार बदली है, वहां के हालात किस तरह बदलें हैं यह किसी से छिपा नहीं है, अब एक और घटना ने सबको सोचने पर फिर मजबूर कर दिया है. बांग्लादेश कभी अपने सबसे कट्टर दुश्मन रहे पाकिस्तान से दोस्ती करना चाहता है. इसके लिए वह करीब 53 साल पुराने विवाद को खत्म करना चाहता है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को लिखित माफी मांगनी होगी, आइए जानते हैं पूरा मामला.
पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल की खूब खबरें आप सबने पढ़ी होंगी, अब एक खबर ने फिर सभी को चौंका दिया है. जिस पाकिस्तान को लग रहा था कि बांग्लादेश सत्ता बदलने के बाद भारत से दुश्मनी और हमसे अच्छे से दोस्ती कर रहा है, उसी बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मांगी मांगने की बात कह दी है, और यह माफी लिखित होगी. अब क्या पाकिस्तान माफी मांगेगा? क्या दोस्ती दोनों देशों में अच्छी रहेगी, यह तो समय बताएगा, अभी जानते हैं पूरा मामला.
यूनुस सरकार क्या चाहती है...
मोहम्मद यूनुस के हाथों में अंतरिम सरकार की कमान जबसे आई. उसके बाद से ही बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक नीति को बदलने में लगा है. जिसमें पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने का प्रयास भी शामिल है, जो कि लंबे समय से उसका प्रतिद्वंद्वी यानी कट्टर दुश्मन भी रहा है. लेकिन नई सरकार पाकिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करने पर जोर दे रही है. इसके लिए उसने कुछ शर्त भी लगाई है.
पाकिस्तान मांगे माफी
बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान उसकी सेना द्वारा किए गए नरसंहार और अत्याचारों के लिए औपचारिक माफी मांगने की मांग की है. गुरुवार को ढाका में 15 साल बाद हुई विदेश सचिव स्तर की वार्ता में बांग्लादेश ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया. इसके साथ ही बांग्लादेश ने कई पुराने द्विपक्षीय विवादों को सुलझाने की बात भी कही, ताकि दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हो सकें.
1971 के अत्याचारों के लिए पाकिस्तान से सार्वजनिक माफी की मांग
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जसीम उद्दीन ने पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा, “हमने 1971 के अत्याचारों के लिए पाकिस्तान से सार्वजनिक माफी की मांग की है. साथ ही, 1971 से पहले की संयुक्त संपत्तियों में से 4.3 अरब डॉलर के हिस्से की भी बात रखी.” जसीम ने बताया कि पाकिस्तान ने इन मुद्दों पर भविष्य में बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है. यह बैठक ढाका के पद्मा स्टेट गेस्ट हाउस में हुई, जहां दोनों पक्षों ने व्यापार और रिश्तों को बेहतर बनाने पर भी चर्चा की.
पाकिस्तान में मचाया था 1971 में अत्याचार
1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) एक स्वतंत्र देश बना था. उस समय पाकिस्तानी सेना ने बंगाली लोगों पर भयानक अत्याचार किए थे. लाखों लोगों की हत्या हुई, महिलाओं के साथ बलात्कार किए गए, और करीब एक करोड़ लोग शरणार्थी बनकर भारत आए. भारत ने इस युद्ध में हस्तक्षेप किया और 13 दिन की जंग के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया. इस युद्ध में भारत की मदद से बांग्लादेश आजाद हुआ. लेकिन, पाकिस्तान ने कभी भी इन अत्याचारों के लिए माफी नहीं मांगी.
पाकिस्तान से दुश्मनी पक्की...
बांग्लादेश ने इस बार न सिर्फ माफी की मांग की, बल्कि कुछ और पुराने मुद्दे भी उठाए. इनमें पाकिस्तान में फंसे बांग्लादेशी नागरिकों की वापसी, 1970 के चक्रवात के लिए मिली विदेशी मदद का हिस्सा, और बकाया भविष्य निधि व बचत योजनाओं का पैसा शामिल है. जसीम उद्दीन ने कहा, “इन मुद्दों को सुलझाए बिना दोनों देशों के रिश्ते मजबूत नहीं हो सकते.”
पाकिस्तान फंस गया...
पाकिस्तानी विदेश सचिव आमना बलूच ने बैठक के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात की. हालांकि, उन्होंने माफी के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा. बलूच ने सिर्फ इतना बताया कि पाकिस्तान सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है. इस बैठक को पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की 27-28 अप्रैल को होने वाली ढाका यात्रा की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है.
पाकिस्तान क्यों नहीं मांग रहा माफी...
पिछले साल, यूनुस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से इन लंबित मुद्दों को हमेशा के लिए सुलझाने की बात कही थी. लेकिन, पाकिस्तान ने अब तक माफी से इनकार किया है. बांग्लादेश का मानना है कि 1971 की जख्मों को भरने के लिए माफी जरूरी है. यह मांग पाकिस्तान के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है, क्योंकि वहां माफी को अपनी हार के तौर पर देखा जा सकता है.
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