US के डेथ वैली जैसा होगा नजारा...
भारत-पाकिस्तान में आसमान से बरसेगी आग, होने वाला है बुरा हाल !
भारत और पाकिस्तान में अप्रैल 2025 में असामान्य गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. तापमान डेथ वैली जितना पहुंचने की आशंका है. जानिए कैसे इस भीषण गर्मी का असर फसलों, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर पड़ सकता है.अप्रैल के महीने को आमतौर पर गर्मियों की शुरुआत माना जाता है. इस साल गर्मी को लेकर चेतावनी जारी कर दी गई है. मौसम वैज्ञानिकों और अंतरराष्ट्रीय जलवायु विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि भारत और पाकिस्तान के लोग आने वाले महीनों में इतनी गर्मी का सामना करेंगे, जो अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. इस गर्मी में हो सकता है कि तापमान अमेरिका की डेथ वैली जितना यानी 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच सकता है.
भारत के अलग-अलग हिस्सों, विशेषकर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र जैसे राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अप्रैल के शुरुआती दो हफ्तों में ही तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. राजधानी दिल्ली में तापमान औसत से 5 डिग्री ऊपर जा चुका है. भारतीय मौसम विभाग ने स्पष्ट रूप से बताया है कि सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिन इस पूरे महीने में लगातार रहने वाले हैं.
गांवों और कस्बों में हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति
ग्रामीण इलाकों में किसान और मजदूर वर्ग के लोग इस बढ़ती गर्मी से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. खेतों में काम करने वाले किसानों को लू लगने, चक्कर आने और यहां तक कि हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक शरीर का तापमान जब बाहरी वातावरण से मेल नहीं खा पाता तो लोग जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं. इस वजह से गांवों और कस्बों में हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति बन रही है.
पाकिस्तान गर्मी से अछूता नहीं
पाकिस्तान भी इस चरम गर्मी से अछूता नहीं है. देश पहले से ही आर्थिक तंगी और ऊर्जा संकट से जूझ रहा है. ऐसे में हीटवेव का हमला उनकी समस्याओं को और भी बढ़ा सकता है. पाकिस्तान के मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 14 से 18 अप्रैल के बीच देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 8 डिग्री ज्यादा रहने की आशंका है. बलूचिस्तान में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. ऊर्जा की कमी के चलते लोगों को 16 घंटे तक की बिजली कटौती झेलनी पड़ सकती है, जिससे वॉटर सप्लाई, पंखे, कूलर और मेडिकल सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी.
जलवायु परिवर्तन की भयावह तस्वीर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की भयावह तस्वीर है. कार्बन उत्सर्जन, जंगलों की कटाई, बढ़ते शहरीकरण और ग्लोबल वार्मिंग ने धरती के तापमान को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है. अगर समय रहते सही उपाय नहीं किए गए तो आने वाले सालों में गर्मी का यह स्तर संकट बन जाएगा.
भीषण गर्मी से बचाव के उपाय
अब सवाल उठता है कि इस भीषण गर्मी से बचाव कैसे किया जाए? सबसे पहले तो लोगों को दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचना चाहिए. अधिक पानी पीना, हल्के कपड़े पहनना, छायादार स्थानों में रहना और बच्चों-बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखना जरूरी है.
गर्मी ने बदला मौसम का पैटर्न
इस बार की गर्मी ने न केवल मौसम के पैटर्न को बदल दिया है, बल्कि जीवन के तरीके को भी बदलने पर मजबूर कर रही है. अब जरूरत है कि हम व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर जलवायु अनुकूलन और पर्यावरण संरक्षण को अपनाएं, ताकि आने वाले समय में ऐसी आपदाएं कम हों.
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