चिकन नेक काटने चले थे यूनुस,
भारत ने पहले ही काट दी बांग्लादेश की 'नस' मोदी से पंगा लेना पड़ गया महंगा !
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने तो कल्पना ही नहीं किया होगा कि उनके एक विवादित बयान के बाद भारत क्या करने वाला है. भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को 'लैंडलॉक्ड' कहना, चीन में जाकर भारत के खिलाफ बोलना यूनुस के देश बांग्लादेश के लिए महंगा पड़ा है. जानें भारत ने कैसे बांग्लादेश की काटी 'नस'
भारत ने बांग्लादेश को दी जा रही ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को अचानक बंद कर दिया है. ये फैसला बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के उस विवादित बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को "लैंडलॉक्ड" (भूमि से घिरा) बताया और बांग्लादेश को इस इलाके के लिए समुद्र तक पहुंच का 'एकमात्र संरक्षक' कहा था. यूनुस ने ये बात हाल ही में चीन की अपनी यात्रा के दौरान कही थी, जिससे भारत में जमकर विरोधा हुआ था.
2020 से भारत ने बांग्लादेश को दी थी ट्रांस-शिपमेंट की सुविधा
भारत ने 2020 में बांग्लादेश को ये सुविधा दी थी, ताकि वो अपने माल को भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों के रास्ते तीसरे देशों तक भेज सके. इसके तहत बांग्लादेश अपने सामान को भारत के सीमा शुल्क स्टेशनों से होते हुए मिडिल ईस्ट, यूरोप और दूसरे देशों में निर्यात करता था. इसका एक ही मकसद था क्षेत्र में संपर्क बढ़ाना और बांग्लादेश को भारत के रास्ते आसानी से व्यापार करने का मौका देना. लेकिन अब वित्त मंत्रालय के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने इसे रद्द कर दिया है. बोर्ड की 8 अप्रैल की अधिसूचना में कहा गया कि पुराना नियम तुरंत प्रभाव से खत्म किया जा रहा है. जो माल पहले से भारत में आ चुका है, उसे पुराने नियमों के तहत बाहर जाने दिया जाएगा.
भारत ने बांग्लादेश की ट्रांस-शिपमेंट सुविधा रोकी
इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इस सुविधा की वजह से हमारे हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर भीड़ बढ़ गई थी. इससे भारत के अपने निर्यात में देरी हो रही थी और लागत भी बढ़ रही थी. इसलिए 8 अप्रैल से इसे खत्म कर दिया गया है." हालांकि, नेपाल और भूटान के लिए बांग्लादेश का माल अभी भी भारत से होकर जा सकेगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जताई खुशी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले की तारीफ की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय हितों और पूर्वोत्तर की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता दिखाता है. ये भारत के रणनीतिक और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सरकार का सख्त रुख है."
मोहम्मद यूनुस का बयान उन्हें ले डूबा...
भारत सरकार के इस फैसले की टाइमिंग भी खास है. अभी कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने चीन में एक विवादित बयान दिया था, जिस बयान के बाद भारत में जमकर विरोध हुआ था.
यूनुस का क्या था विवादित बयान...
भारत और बांग्लादेश के रिश्ते पिछले कुछ समय से तनाव में हैं. शेख हसीना की सरकार गिरने और यूनुस के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ी हैं. इसी बीच यूनुस ने चीन में कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य लैंडलॉक्ड हैं और समुद्र तक उनकी पहुंच का रास्ता सिर्फ बांग्लादेश से है. उन्होंने चीन को इस मौके का फायदा उठाने का न्योता भी दिया था. इसके बाद भारत ने जमकर विरोध जताया और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर फिर चिंता जताई.
भारत से टक्कर, बांग्लादेश के लिए महंगा...
पिछले हफ्ते बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने भी यूनुस से मुलाकात में ये मुद्दा उठाया था. कुल मिलाकर, भारत के इस फैसले का साफ संदेश है कि अगर भारत से किसी ने किसी भी तरह की टक्कर ली तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अब देखना ये है कि बांग्लादेश इसका जवाब कैसे देता है.
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