G News 24 : वक्फ बोर्ड बिल को लेकर आज भी "दोनों तरफ से हिन्दू" ही लड़ रहा है,इतिहास से भी नहीं लिया सबक !

वक्फ बिल को लेकर देशभक्त हिन्दू इसे हटाने और गद्दार हिन्दू इसे कायम रखने के लिए लड़ रहा था  ...

वक्फ बोर्ड बिल को लेकर आज भी "दोनों तरफ से हिन्दू" ही लड़ रहा है,इतिहास से भी नहीं लिया सबक !

अकबर के दरबार में एक कट्टर सुन्नी मुस्लिम अब्द अल कादीर बदायूंनी था, उसने हल्दीघाटी के युद्ध का आंखों देखा वर्णन जिसमें वह स्वयं सम्मिलित था, अपनी पुस्तक मुंतखाब-उल-वारीख में किया है। इतिहास बताता है कि देश में गद्दार तो पहले भी रहे हैं और वर्तमान में भी हैं ये वक्फ बोर्ड बिल को लेकर हुई बहस के दौरान पूरी दुनिया ने देखा।अब्द अल कादीर बदायूंनी की पुस्तक भी यही बताती है जिसकी मूल पुस्तक अरबी में है, जिसका 18वीं सदी में अंग्रेजी में अनुवाद किया गया।

संसद में वक्फ बोर्ड बिल को लेकर हुई बहस के परिदृश्य को  इस किताब में दर्ज  हल्दी घाटी के युद्ध के परिदृश्य को जीवंत कर दिया। इस किताब में दर्ज लेख के अनुसार हल्दी घाटी के मैदान में दोनों तरफ की सेनाओं में 90% हिन्दू राजपूत ही लड़ रहे थे। अकबर" की तरफ से सेनापति मानसिंह और राजा लूणकरण थे तो दूसरी तरफ स्वयं महाराणा प्रताप और हिन्दू राजपूत राजा थे।

दोनों तरफ से  हिन्दू राजपूतों ने केसरिया साफे पहन रखे थे, इससे अकबर का एक सेनापति अबुल फजल इब्न मुबारक असमंजस में पड़ गया कि कौन हमारी तरफ से लड़ रहा है और कौन शत्रु की तरफ से है...??

फिर अबुल फजल ने अब्द अल कादिर से पूछा कि दोनों तरफ से हिन्दू राजपूत केसरिया साफा पहने हैं .. तो मैं कैसे पहचान करूं...? कौन अपनी तरफ से लड़ रहा है और कौन शत्रु की तरफ से है...?

तब अब्द अल कादिर ने कहा कि अबुल फजल तुम बस तीर और तलवार चलाते रहो, भाला फेंकते रहो। मरने वाले कोई भी हों काफिर ही होंगे। चाहे हमारी तरफ के मरे या शत्रु की तरफ के मरे .. कहीं भी तीर चलाओ, किसी को भी मारो... जीत इस्लाम की ही होगी,... अगर हम युद्ध में... विजय हो सके तो ठीक.. नहीं जीते तो... कम से कम खुदा को यह तो कह देंगे कि हमने काफिरों को मारा...??

काश हिन्दू इस इतिहास को पढ़ते और इतिहास से सीख लेते, तो हिन्दुओं की स्थिति आज भी वैसी ही है जैसे उस दौर में थी !!! आज भी वही हो रहा है,आधी रात तक चली संसद में वक्फ बिल के समर्थन में 288 सदस्य और विरोध में 232 सदस्य थे, जिसमें से सिर्फ 24 सदस्य मुस्लिम हैं, बाकी हिंदू मतलब 208 हिंदू सदस्य भी चाहते हैं कि धर्मांतरण और कब्जे का खेल चलता रहे... और तो और वफ्फ़ बिल के विरोध में याचिका लगाने वाले भी कुछ दोगले और गद्दार हिन्दू वकील ही हैं क्या यही कड़वी सच्चाई है !!!

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