पहलगाम हमले के बाद लगातार एक्शन...
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिम्मेदार आतंकियों के घर ढहाए, 60 जगहों पर की छापेमारी !
मिट्टी में मिलाए जा रहे हैं आतंकियों के ठिकानेजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के प्रयास में सुरक्षा बलों ने सैकड़ों सक्रिय आतंकवादियों और उनके समर्थकों को घेर लिया है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. सुरक्षा बलों ने पिछले 48 घंटों में छह आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त कर दिया है, जबकि आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के लिए लगातार तलाशी अभियान जारी है.
बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए थे. आतंकी हमले को लेकर देशभर के लोगों में गुस्सा है और कई जगहों पर विरोध देखने को मिल रहा है. वहीं, सभी राज्यों की सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे रही है.पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों का पता लगाने के लिए प्रशासन लगातार एक्शन में है. जम्मू-कश्मीर में पुलिस के प्रवक्ता ने बताया है कि आतंकियों की तलाश में शनिवार को श्रीनगर में 60 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई. इसके अलावा अनंतनाग में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए पूरे जिले में मोबाइल व्हीकल चेकपॉइंट लगाए गए हैं.
सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है. एजेंसी के अधिकारी पहले से ही कश्मीर में पहुंचे हुए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय से आदेश मिलने के तुरंत बाद उन्होंने जांच अपने हाथ में लेकर वारदात की कड़ियां जोड़नी शुरू कर दी हैं. हमले के बाद से ही एजेंसी की टीम जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच में जुटी थी. हालांकि, सरकार की ओर से आदेश जारी न होने की वजह से वह जांच में सहायक की भूमिका में थी. एनआईए की टीम ने जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर घटनास्थल का दौरा किया. साथ ही घायलों और स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए है.
नई दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करते हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की और आतंकवाद से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ईरान इस तरह के 'अमानवीय कृत्यों' की स्पष्ट रूप से निंदा करता है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को आश्चर्य जताया कि क्या पहलगाम त्रासदी विभाजन के 'अनसुलझे सवालों' का नतीजा थी. उन्होंने कहा, 'कई लोगों ने विभाजन को लगभग रोक दिया था, लेकिन यह इसलिए हुआ क्योंकि गांधी, पंडित नेहरू, जिन्ना और कई अन्य मुसलमानों जैसे लोगों के बीच भारत की राष्ट्रीयता और इसकी सभ्यतागत विरासत की प्रकृति के मूल्य प्रणालियों और आकलन में मतभेद थे, जो जिन्ना से सहमत नहीं थे. लेकिन, तथ्य यह है कि विभाजन हुआ और आज तक हम उस विभाजन के परिणामों के साथ जी रहे हैं. क्या हमें ऐसे ही जीना चाहिए? क्या विभाजन के अनसुलझे सवाल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी में परिलक्षित होते हैं.
पहलगाम हमले के बाद उत्तर प्रदेश में एक को छोड़कर अल्पकालिक वीजा पर रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को केंद्र के आदेश के अनुसार निर्वासित कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा, 'भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार, उत्तर प्रदेश से निर्वासन के लिए पात्र सभी श्रेणियों के पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने अधिकारियों से राज्य में कश्मीरी छात्रों, पर्यटकों और व्यापारिक विक्रेताओं के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा ताकि उनके साथ कोई अप्रिय घटना न घटे.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत विरोधी टिप्पणी पर कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आतंकवाद का सफाया करेगा और दुनिया में जहां भी आतंकी ढांचा मौजूद है, उसे नष्ट करेगा. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.' बता दें कि एक जनसभा को संबोधित करते हुए जरदारी ने कहा था, 'सुक्कुर के बहादुर लोगों ने रैली में भाग लेकर स्पष्ट संदेश दिया है कि हम सिंधु नदी पर किसी को सौदेबाजी नहीं करने देंगे... मोदी सरकार सिंधु जल संधि को एकतरफा तरीके से निलंबित कर रही है... लेकिन, मैं सुक्कुर में सिंधु नदी के किनारे खड़ा होकर भारत को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि सिंधु नदी हमारी है और हमारी ही रहेगी. इस सिंधु नदी से या तो हमारा पानी बहेगा या फिर तुम्हारा खून.
संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के प्रमुख काश पटेल ने पहलगाम आतंकी हमले पर भारत को समर्थन देते हुए कहा, 'एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है और भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगा. यह आतंकवाद की बुराइयों से हमारी दुनिया को लगातार होने वाले खतरों की याद दिलाता है. प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना करें. कानून लागू करने वाले पुरुषों और महिलाओं को धन्यवाद जो ऐसे क्षणों में कॉल का जवाब देते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के मंत्रियों ने शनिवार को विभिन्न राज्यों का दौरा किया, ताकि वे वहां की सरकारों के साथ प्रयासों का समन्वय कर सकें और वहां रहने वाले कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें. पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों को परेशान किए जाने की खबरों के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने कैबिनेट मंत्रियों को विभिन्न शहरों में तैनात किया है.
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