सलाम है इन वैज्ञानिक को और हमें इनसे सीखना चाहिए...
जहां हम छोटी छोटी बातों को लेकर परेशान हो जाते हैं,
वहीं सुनीता विलियम्स और बूच विल्मर ने दिखाई ज़बरदस्त हिम्मत
निर्धारित समय से ज़्यादा समय तक रहने की तकलीफ़ पर पूछे गए सवाल पर पद्मभूषण सुनीता विलियम्स (भारतीय नाम सुनीता पंड्या) और बूच विल्मर ने शानदार जवाब दिया। उन्हें अपने इस लंबे अंतराल के लिए कोई काउंसलिंग की ज़रूरत हुई ?इस सवाल पर उन्होंने ख़ुद को पहले से ही किसी भी चैलेंज के लिए तैयार बताया।उनके चेहरे पर जो सहजता दिखायी दी वो सीखने लायक बात है। हम छोटे छोटे मुद्दों पर तनाव महसूस करते है। वहाँ 3000 डिग्री तापमान की लैंडिंग राख होने को सेकेंड्स भी नहीं लगते इस प्रकार के रिस्क को सहजता से बयान करना। इसके लिए बहुत सटीक तैयारी करनी पड़ती है। सलाम है इन वैज्ञानिक को जो अपनी जान जोखिम में डाल कर पृथ्वी के जीव की मदद करते है।
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