G.NEWS 24 : अब दृष्टिबाधित व्यक्ति भी बन सकेंगे जज : सुप्रीम कोर्ट

ऐतिहासिक फैसला सुनाया...

अब दृष्टिबाधित व्यक्ति भी बन सकेंगे जज : सुप्रीम कोर्ट

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को न्यायिक सेवाओं में शामिल होने की अनुमति देकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस निर्णय के तहत अब शारीरिक अक्षमता किसी व्यक्ति की न्यायिक सेवाओं में भागीदारी में बाधा नहीं बनेगी। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की पीठ ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 के नियम 6ए को असंवैधानिक करार दिया। यह नियम दृष्टिबाधित व्यक्तियों को न्यायिक सेवाओं में शामिल होने से रोकता था। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को केवल शारीरिक अक्षमता के आधार पर न्यायिक सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता। यह निर्णय दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत समान अवसरों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस फैसले के बाद अब दृष्टिबाधित और दृष्टिहीन उम्मीदवार न्यायिक सेवा परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे, जिससे न्यायपालिका में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा मिलेगा। 

यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी नजीर बनेगा, जिससे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए नए अवसर सृजित होंगे। कानूनी विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। इसे न्यायपालिका में समानता और अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक निर्णय भारत की न्यायिक व्यवस्था में बदलाव का संकेत है, जो हर नागरिक को समान अवसर प्रदान करने की अवधारणा को सशक्त करेगा।

Reactions

Post a Comment

0 Comments