नियम बदले लेकिन हालात वही...
चैक पोस्ट बंद होने के बाद भी करोड़ों रुपए की अवैध वसूली जारी !
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद चैकपोस्ट बंद किये गए आरटीओ चैकपोस्ट वंद होने के वाद भी आज भी उसी तरह परिवहन विभाग की वसूली चल रही है। प्रतिदिन परिवहन विभाग द्वारा नेशनल हाईवे पर वाहनो से चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। इन्हे सरकार के फरमान का कोई असर नही पड़ रहा है। आरटीओ चेक पोस्ट को बंद कर आटीओ उड़नदस्ता के माध्यम से अवैध वसूली करने में मस्त है आला अधिकारियो एंव राजनैतिक संरक्षण के कारण आज भी दूसरे धन कुबेर सौरभ व्यास के द्वारा बेखौफ होकर वाहनो से बसूली की जा रही है। आर.टी.ओ अवैध कमाई करने वालों के लिए जन्नत है यहां कमाई के लिए कई विभागों के लोग मोटी रकम देकर अपनी पदस्थापना करवाते हैं। और फिर शुरू हो जाता है वसूली अभियान।
ग्वालियर में आरटीओ उड़न दस्ता जिसके ऊपर जिम्मेदारी है कि वह अवैध परिचालन में लगे वाहनों से जुर्माना वसूलें। उन्हें जप्त कर कानूनी कार्रवाई करें लेकिन यदि परिवहन विभाग में शामिल लोग सिर्फ वसूली में लग जाएं तो स्वाभाविक है कुछ तो गाड़ी मालिक या चालक ऐसे होंगे जिनके विरोध का स्वर सबको सुनाई देगा।
यदि वाहन स्वामी या चालक विरोध करते हैंए तो आरटीओ कार्यालय के कर्मचारी उनका परमिट निरस्त करने की धमकी देते हैं। आर.टी.ओ के बसूली जिस प्रकार वाहनो को हाथ दिखाकर बसूली की जाती है उनसे तो अच्छे किन्नर है। आर्शीवाद देकर मांगते है 10 रूपये दे दे बाबा। चेकिंग के नाम पर ग्वालियर जिले में जमकर ट्रक ड्राइवर से अवैध वसूली की जा रही हैं। कई राज्यों से चेक पोस्ट खत्म की जा चुकी हैं अब आरटीओ का काम है कि जो गाड़ियां नियमों को तोड़ रही हैं उनका चालान काटें। लेकिन चालान काटकर सरकारी खजाने में रूपया डालने की जगह आरटीओ के द्वारा अवैध वसूली का खेल चलता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश को लगभग सालाना तीन लाख 76 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
क्योंकि अवैध बसूली करके सरकारी कर्मचारी ओवरलोडेड ट्रक को आसानी से जाने देते हैं। 2000 से 5000 रुपए के भ्रष्टाचार के बदले छूटने वाले ट्रकों से हर घंटे देश में तीन लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है। धड़ल्ले से हो रही अवैध वसूलीदेश में बेवजह ट्रकों को रोककर होने वाली अवैध वसूली के कारण हर साल लगभग 44,000 करोड़ रुपए की बर्बादी होती है। और अगर सिर्फ यही अवैध वसूली रोककर 44,000 करोड़ रुपए बचाए जाएं तो देश में लगभग कई करोड़ शौचालय बनाए जा सकते हैं। देश में कितने अस्पताल बनाने के लिये सरकार मदद की जरूरत भी नहीं पड़ेगी विद्यार्थियो के लिये बडे बडे आई.आई.टी शिक्षा संस्थान सरकार बिना बजट सोचे बना पाएगी।
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