सब्जियों और प्रोटीन-युक्त प्रोडक्ट की कीमतों में वृद्धि की दर घटने से...
रंग लायी सरकार की कोशिश, 4% से नीचे आई महंगाई दर !
आरबीआई और सरकार की तरफ से लगातार महंगाई दर को नीचे लाने के लिए कोशिश की जा रही है. इसी का असर है कि सब्जियों और प्रोटीन-युक्त प्रोडक्ट की कीमतों में वृद्धि की दर घटने से फरवरी में रिटेल महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 3.61 प्रतिशत पर पहुंच गई. महंगाई दर को लेकर यह पिछले सात महीने का सबसे निचला स्तर है. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने फरवरी महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर बेस्ड महंगाई दर के आंकड़े जारी किए.
खुदरा महंगाई दर जनवरी में 4.26 प्रतिशत पर थी, जबकि फरवरी 2024 में यह 5.09 प्रतिशत थी. खुदरा महंगाई दर में आई गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए अगले महीने होने वाली एमपीसी (MPC) के दौरान रेपो रेट में लगातार दूसरी बार कटौती की गुंजाइश बन गई है. आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी, 2025 के लिए सालाना आधार पर खाद्य महंगाई दर 3.75 प्रतिशत रही है. एनएसओ ने कहा, ‘जनवरी के मुकाबले फरवरी, 2025 में खाद्य महंगाई दर 2.22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है. फरवरी में खाद्य महंगाई मई, 2023 के बाद सबसे कम है.’
एनएसओ ने कहा कि फरवरी के दौरान मुख्य महंगाई दर और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और इसके प्रोडक्ट और दूध और उसके उत्पादों की महंगाई में गिरावट के कारण हुई है. आरबीआई ने महंगाई के मोर्चे पर चिंताएं कम करने के लिए फरवरी में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया था. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली समीक्षा बैठक अप्रैल की शुरुआत में होने वाली है. सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के अंदर रखने की जिम्मेदारी सौंपी हुई है.
फरवरी की शुरुआत में रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत पर कर दिया था. पिछले दिनों क्रिसिल (CRISIL) की रिपोर्ट में संभावना जताई गई कि नए फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में रेपो रेट 50-75 बेसिस प्वाइंट (bps) तक कम हो सकता है. अप्रैल में नए फाइनेंशियल ईयर के दौरान एमपीसी की पहली मीटिंग में फिर से रेपो रेट में कटौती किये जाने की उम्मीद की जा रही है. एमपीसी की मीटिंग से पहले आए महंगाई दर के आंकड़े से रेपो रेट को नीचे लाने में मदद मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक इस बार भी रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.
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