G.NEWS 24 : नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से निराकृत हुए 10468 प्रकरण

12168 व्यक्ति हुए लाभान्वित...

नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से निराकृत हुए 10468 प्रकरण

ग्वालियर। कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार वर्ष 2025 की प्रथम नेशनल लोक अदालत शनिवार को आयोजित हुई। जिले में जिला मुख्यालय ग्वालियर पर जिला न्यायालय, कुटुबं न्यायालय,श्रम न्यायालय, रेलवे न्यायालय व जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। साथ ही सिविल न्यायालय डबरा व भितरवार में भी लोक अदलात आयोजित की गई। ग्वालियर जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत के लिए गठित 66 खंडपीठों ने 10 हजार 468 मामलों में राजीनामा कराकर आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराया गया और  37 करोड 61 लाख 70 हजार से ज्यादा राशि के अवार्ड पारित किए गए। नेशनल लोक अदालत से जिले में 12 हजार 168 व्यक्तियों को लाभांवित कराया गया। 

जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा ने बताया कि निराकृत किए गए मामलों में न्यायालयों में लंबित 1048 मामलों में लगभग 25 करोड 51 लाख 54 हजार 60 की राशि के अवॉर्ड पारित हुए। इसके अलावा बैंक, नगरपालिका, विद्युत के 9 हजार 420  पूर्ववाद प्रकरणों में 12 करोड 10  लाख 16 हजार  से अधिक की राशि लोक अदालत के माध्यम से वसूल की गई। निराकृत प्रकरणों में मोटर दुर्घटना के 208, चैक बाउंस के 202 , आपराधिक 327 , वैवाहिक 82, सिविल 161 , विद्युत के 127  प्रकरण,श्रम विभाग के 08 प्रकरण सम्मिलित रहे। इस बार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा (प्रधान न्यायाधीश संवर्ग) द्वारा भी 05 मामले निराकृत किये गये। जिनमें 21 लाख 75 हजार 228  के अवार्ड पारित हुए। 

नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं संरक्षक मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने उच्च न्यायालय जबलपुर से वर्चुअल रुप से किया। जिला मुख्यालय ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत का औपचारिक शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर पीसी गुप्ता द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। 

इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज प्रमोद कुमार सिंह,नेशनल लोक अदालत समन्वयक एपीएस चौहान,सचिव उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ महेश गोयल,मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रशांत पाण्डेय, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रियंक भारद्वाज, समस्त जिला न्यायाधीश, समस्त व्यवहार न्यायाधीश,जिला विधिक सहायता अधिकारी,प्रशासनिक एवं उप प्रशासनिक अधिकारी, लीगल एड डिफेंस काउंसिल (न्याय रक्षक), अधिवक्ता गण, सुलहकर्ता  सदस्य,पैरा लीगल ववालेंटियर्स (अधिकार मित्र) ,जिला न्यायालय व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सहित  विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी आदि उपस्थित रहे। 

नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण कराने वाले पक्षकारों को वन विभाग के सौजन्य से न्याय वृक्ष के रूप में लगभग 500 छायादार,फूल एवं फलदार पौधे भी वितरित कराये गए। नेशनल लोक अदालत के प्रारंभ में ही मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरण में विशाल अखंड की खण्डपीठ द्वारा एक करोड़ चार लाख का अवार्ड पारित किया गया, उक्त मामले के पक्षकारों को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, द्वारा अवार्ड राशि का चैक प्रदान किया गया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश प्रमोद कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रियंक भारद्वाज उपस्थित रहें। 

मामले के निराकरण में आवेदक की ओर से अधिवक्ता शिवकांत दुबे, अवधेश कुमार तथा अनावेदक की ओर से अधिवक्ता आशीष तोमर व विधि अधिकारी आदेश श्रीवास्तव एवं सुलह कर्ता सदस्य हरीश दीवान व ममता सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उक्त क्लेम प्रकरण में मृतक अमरजीत कुमार आयकर अधिकारी के रूप में कार्यरत होकर एक लाख रूपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त कर रहे थे। वे अपने किसी शासकीय कार्य से अलीगढ़ आ रहे थे तभी उनकी कार का एक्सीडेंट हाथरस के पास हो गया जिसमें उनकी मृत्यु हो गयी जिसके संबंध में मृतक के परिजनों द्वारा मोटर दावा दुर्घटना अधिकरण के समक्ष तीन करोड़ पच्चीस लाख की क्षतिपूर्ति का आवेदन किया गया। इस प्रकरण में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा मृतक के विधिक प्रतिनिधियों के साथ एक करोड़ चार लाख रूपये में राजीनामा किया जाकर उक्त राशि भुगतान किये जाने हेतु सहमति दी गई।

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