मामले के तूल पकड़ने पर हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस...
प्रदेश की एक ग्राम पंचायत में कमीशनखोरी के लिए वा-कायदा पारित हुआ प्रस्ताव,मच गया हंगामा !
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अक्सर अपने भाषणों में कहा करते थे कि मैं दिल्ली से यदि 1 रुपए भेजता हूं तो आम जनता तक दस पैसा ही पहुंचता है। बाकी का पैसा अधिकारी और नेताओं के बीच कमीशन की भेंट चढ़ जाता है तो क्या वाकई मध्यप्रदेश में ऐसा ही हो रहा है? यहां अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी में कमीशनखोरी के लिए प्रस्ताव पारित कर लिया गया है। इस घटना को जानकर हर कोई हैरान है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
कमीशन के लिए नियम बना लिया गया
देश के PM हों या मध्यप्रदेश के सीएम दोनों ही मध्य प्रदेश के विकास के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और प्रदेश के विकास के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होने दे रहे हैं। सरकार देश के छोटे से छोटे गांव को विकसित करने का प्रयास कर रही है। लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर बैठे जनप्रतिनिधियों को प्रदेश के विकास से कोई लेना देना नहीं है। वो तो पहले अपना विकास देखते हैं और अपनी सुविधा के लिए पंचायत स्तर पर बाकायदा आदेश तक पारित करा लिया जाता है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी में भ्रष्टाचार का खेल ऐसा है कि कमीशन के लिए नियम ही बना लिया गया है।
भ्रष्टाचार की राशि के बंटवारे का फॉर्मूला
सलारगोड़ी ग्राम पंचायत ने ग्राम सभा में इसे लेकर प्रस्ताव पास कर दिया है। सरपंच, उप सरपंच और पंचों ने भ्रष्टाचार की राशि का बंटवारा कर लिया है। भ्रष्टाचार की राशि 10% सरपंच, 7% उपसरपंच और 5 प्रतिशत पंचों में बंटेगी। इस बात का खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ है।
हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई है जिसके बाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ये पूरा मामला अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी का है। जब इस मामले के प्रकाश में आने के बाद अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वे इस मामले अपना पल्ला झाड़ते नजर आए हैं।
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