आपको ग्वालियर के लिए आगे आना पड़ेगा, नहीं तो भविष्य में मुझे महल के दरवाजे पर बैठना पड़ेगा...
ऊर्जा मंत्री ने स्वीकारा ग्वालियर पीछे जा रहा है,सिंधिया जी से विकास की गुहार से लगाई गुहार !
ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास समर्थक माने जाने वाले नेता प्रद्युम्न सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने जो कुछ कहा उसने अब श्री सिंधिया के लिए ही मुसीबत खड़ी कर दी है उन्होंने कहा समय के साथ-साथ ग्वालियर पिछड़ता जा रहा है।उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में अपनी मांगों को लेकर सिंधिया महल के दरवाजे पर बैठूंगा। उनके इस बयान से ग्वालियर के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई है।
ऊर्जा मंत्री जी के अंदर की ये कैसी पीड़ा,क्या मजबूरी रही कि मंच पर बैठे सिंधिया जी से कहना पड़ा कि आपको सीमा लांघकर आना होगा ! मंत्री प्रद्युम्न सिंह के बयान पर मच गई सियासी हलचल मचना तय है।उनके कहीं निशाने पर ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह तो नहीं ! सिंधिया के सामने ही उनके खास मंत्री द्वारा विकास के मामले में ग्वालियर के पिछड़ने की बात के तमाम राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के राजमाता विजय राजे सिंधिया कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहां प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मौजूद थे। मंच से छात्राओं को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री ने ग्वालियर के विकास और मध्य प्रदेश में ग्वालियर की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने मध्य प्रदेश के गठन के समय ग्वालियर के वर्चस्व और उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि अब समय के साथ-साथ ग्वालियर पिछड़ता जा रहा है।
मंत्री ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने अपनी मांग रखते हुए कहा कि ग्वालियर चंबल-संभाग के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री और और केंद्रीय मंत्री सिंधिया को मिलकर चिंता करनी होगी। अब हम जानते हैं जो दर्द आपके अंदर है, पीड़ा है, वह किसी से छिपी नहीं है। आपके परिवार ने वह सब किया है, जो वाले पीढ़ी को आगे ले जाने के लिए जरूरी था।
आज देश में मेट्रो रेल चल रही है, लेकिन 1950 में ग्वालियर में मेट्रो ट्रेन चलती थी। मध्य प्रदेश गठन से पहले जब मध्य भारत हुआ करता था, तब ग्वालियर चार महानगरों में सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी थी, लेकिन अब ग्वालियर पीछे जा रहा है। तोमर ने इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से निवेदन करते हुए कहा कि महाराज आपसे निवेदन है विनती है कुछ मजबूरियां आएंगी, लेकिन आपको ग्वालियर के लिए आगे आना पड़ेगा, नहीं तो भविष्य में मुझे महल के दरवाजे पर बैठना पड़ेगा। ऊर्जा मंत्री तोमर का कहना है कि ग्वालियर को औद्योगिक विकास के लिए जितने उद्योग मिलने चाहिए उतने पर्याप्त नहीं मिल रहे हैं।
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