G News 24 : खबर लिखने की सज़ा,दिनदहाड़े पत्रकार की हत्या, बदमाश फरार !

 पत्रकार सुरक्षा पर बड़ा सवाल, प्रशासन की लापरवाही उजागर...

खबर लिखने की सज़ा,दिनदहाड़े पत्रकार की हत्या, बदमाश फरार !

सीतापुर। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर फिर हमला हुआ है। सीतापुर जनपद के महोली क्षेत्र के स्थानीय पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। वे जब महोली से सीतापुर आ रहे थे, तभी हाईवे पर बाइक सवार बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। तीन गोलियां मारने के बाद हत्यारे फरार हो गए। मिली जानकारी के अनुसार, राघवेंद्र बाजपेई किसी ज़रूरी काम से महोली से सीतापुर जा रहे थे। तभी रास्ते में घात लगाए बदमाशों ने हाईवे पर उन्हें घेर लिया और उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। तीन गोलियां लगने के बाद राघवेंद्र लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़े। आसपास के लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।पुलिस मौके पर पहुंची और घायल पत्रकार को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

राघवेंद्र बाजपेई को एक सप्ताह पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। उन्होंने इसकी जानकारी कुछ लोगों को दी थी, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आज उनकी दिनदहाड़े हत्या ने जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस नृशंस हत्या से पत्रकारों में भारी गुस्सा है। जिलेभर के पत्रकारों ने जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की है। पत्रकार संगठनों ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा, अगर पत्रकार ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी? प्रशासन की लापरवाही और अपराधियों के बेखौफ होने की कीमत एक और पत्रकार ने अपनी जान देकर चुकाई है। राघवेंद्र बाजपेई के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। 

पत्रकारों का कहना है कि प्रशासन हमेशा ऐसे मामलों में केवल बयानबाजी करता है, और अपराधी बच निकलते हैं। पत्रकारों ने साफ कहा है कि अगर जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो पूरे प्रदेश में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। राघवेंद्र बाजपेई एक निर्भीक पत्रकार थे, जो बेबाकी से सच को सामने लाने का काम कर रहे थे। उनकी हत्या क्या एक सुनियोजित साजिश थी? प्रशासन इस सवाल से बच नहीं सकता! अब देखना यह है कि पुलिस कितनी तेजी से हत्यारों को पकड़ती है या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

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