आप सभी को होली के इस महान पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं...
होली जात-पात, गरीब-अमीर के भेद को भूलकर, इसे उत्साह और उमंग से मनाएं !
सनातन संस्कृति के जितने भी पर्व हैं वह कोई न कोई संदेश देने के लिए ही हैं और उन सभी संदेशों को एक माला में पिरोया जाए तो उसमें आती है मानवता, अच्छाई, नेक-नियति, एक दूसरे का सहयोग और इन सभी के लिए आवश्यक है। त्यौहार आपसी मेल-जोल को बढ़ावा देते हैं इसलिए इन्हें पूरे उत्साह के साथ सभी के साथ मिलकर मनाएं, लेकिन हमे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारे सैलिव्रेशन के कारण किसी को कोई परेशानी न हो।
हम अपने पर्व को मनाते हुए नशा या व्यसन से मुक्त रहे। क्योंकि व्यसन और नशा हमारी सोचने की क्षमता को क्षीण कर देता है और वह बुराई में परिवर्तित हो जाता है जबकि यह त्यौहार हमें प्रेम और आपसी सौहार्द का संदेश देते है।
होली का पर्व रंग गुलाल लगा कर एक दूसरे से गिले शिकवे मिटाकर नजदीक आने का भी अवसर देता है, इसलिए कोई रंग या गुलाल लगाए तो उसका बुरा न माने बल्कि स्वागत करें और यदि आपको यह रंग गुलाल से एलर्जी या बंधन है तो कृपया धुलंडी के दिन शाम तक घर के बाहर न निकलें जिससे किसी प्रकार का बैर किसी के प्रति उत्पन्न ही नहीं होगा। आप सभी को होली के इस महान पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं
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