लक्जमबर्ग के प्रिंस फ्रेडरिक का 22 साल की उम्र में निधन...
POLG माइटोकॉन्ड्रियल ने छीना शाही घराने का वारिस,निधन से शोक में डूबा देश !
लक्ज़मबर्ग के प्रिंस फ्रेडरिक के निधन पर शोक है. 22 साल के प्रिंस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थे. प्रिंस रॉबर्ट और प्रिंसेस जूली ऑफ़ नासाउ के बेटे फ्रेंडरिक की मौत एक मार्च को हुई. फ्रेडरिक POLG माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे थे. POLG फ़ाउंडेशन की वेबसाइट पर प्रिंस के दुनिया छोड़ने की खबर आई तो लोग इमोशनल हो गए. एक भावनात्मक बयान में इसकी पुष्टि हो चुकी है. बेटे की मौत से मां-बाप सदमे में हैं.
पिता का दर्द...
प्रिंस रॉबर्ट ने लिखा, 'बहुत भारी मन से मैं और मेरी पत्नी आपको हमारे बेटे और POLG फ़ाउंडेशन के संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर फ्रेडरिक के निधन की सूचना देना चाहते हैं.' फ्रेडरिक बचपन से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे.
क्या है POLG !
14 साल की उम्र में उनके POLG माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी से पीड़ित होने का पता चला था. दुर्लभ आनुवंशिक विकार शरीर की ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे अंग विफलता होती है. ये बीमारी है जीन में आए परिवर्तन के कारण होती है. ये एक तरह का दुर्लभ आनुवंशिक विकार है जो शरीर के सेलुलर ऊर्जा उत्पादन को खराब करता है. इसके कारण अंगों का काम करना धीरे-धीरे बंद हो जाता है. इस बीमारी में शरीर की इम्यूनिटी और काम करने की क्षमता दोनों प्रभावित हो जाती है.
प्रिंस फ्रेडरिक को अपनी बीमारी के बारे में सबकुछ पता था. इसके बावजूद उन्होंने बिना घबराए अपना बाकी जीवन रिसर्च और लोगों को जागरूक करने में लगा दिया था. आखिरी सांस लेने से पहले यानी मौत वाले दिन फ्रेडरिक ने अपने प्रियजनों को अलविदा कहने के लिए अपने बिस्तर के पास बुलाया.
प्रिंस रॉबर्ट ने कहा, 'फ्रेडरिक ने हम सभी को बारी-बारी से अलविदा कहने का हौसला जुटाया और पूरे साहस से उसने अपने अंतिम क्षणों को जिंदादिली से जिया. उनकी सेंस ऑफ ह्यूमर और दयालुता ने उसे लोगों के दिलों में बसा दिया था. हमें समझा बुझाकर एक आखिरी हंसी के साथ वो दुनिया छोड़ गया.
आखिरी नोट !
लक्समबर्ग के प्रिंस फ्रेडरिक की सेहत दिनोदिन बिगड़ रही थी. कुछ दिन पहले ही वो निमोनिया और एक अन्य गंभीर संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती थे. अपने अंतिम दिनों में भी फ्रेडरिक दुनिया से जुड़े रहे. उन्होंने अपने फोन पर एक नोट में लिखा था, 'जब सूरज चमक रहा हो तो बाहर जाएं.
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