G News 24 : 'PoK की वापसी के साथ, खत्म हो जाएगा कश्मीर विवाद : एस जयशंकर

जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने को लेकर किए गए भारत सरकार के प्रयासों पर चर्चा की...

'PoK की वापसी के साथ, खत्म हो जाएगा कश्मीर विवाद : एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों लंदन के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने को लेकर किए गए भारत सरकार के प्रयासों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि पीओके के मिलने के साथ ही कश्मीर मुद्दा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

कश्मीर घाटी के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन दिनों लंदन में हैं। यहां एक कार्यक्रम "विश्व में भारत का उदय और भूमिका" में उन्होंने कश्मीर मामले पर भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने धारा 370 को हटाना, विकास और आर्थिक गतिविधि की बहानी और चुनाव कराना शामिल है। साथ ही जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में हुए मतदान पर भी उन्होंने बात की। कश्मीर के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा, 'कश्मीर मुद्दे के अधिकांश मामलों को सुलझाने में हमने काफी बढ़िया काम किया है। मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक इस दिशा में एक कदम था।'

पीओके की वापसी के साथ, खत्म हो जाएगा कश्मीर विवाद

उन्होंने कहा कि कश्मीर में विकास, आर्थिकि गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना इसका दूसरा कदम था और चुनाव कराना और भारी संख्या में मतदान होना इस दिशा में हमारा तीसरा कदम था। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को काली करने से कश्मीर मुद्दा पूरी तरह से हल हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से की वापसी है, जो अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।'

चीन मुद्दे पर क्या बोले विदेश मंत्री

वहीं भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच बहुत ही अनोखे रिश्ते हैं। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं। उन्होंने कहा कि आज दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं हम सीधे पड़ोसी भी हैं। चुनौती यह है कि जैसे-जैसे कोई देश आगे बढ़ता है, दुनिया और उसके पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता है। जब इस आकार, इतिहास, जटिलता और महत्व वाले दो देश समानांतर रूप से आगे बढ़ते हैं तो अनिवार्य रूप से परस्पर काम करते हैं। 

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