नागपुर के वो 250 दंगा भड़काऊ अपराधी,जिनका पता पुलिस ने लगा लिया !
250 लोगों का एक संगठित डिजिटल नेटवर्क,जिनकी भड़काऊ पोस्टों से हुआ नागपुर में दंगा !.
नागपुर में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अब तक 95 लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें 17 और गिरफ्तारियां भी शामिल हैं. वहीं इस दंगे का मास्टरमाइंड माना जा रहा फहीम खान को देशद्रोह के दो मामलों में आरोपी बनाया गया है. पुलिस का कहना है कि फहीम खान ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो डालकर हिंसा को बढ़ावा दिया. अब साइबर सेल की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. बताया गया कि 250 लोगों की एक 'ट्रोल आर्मी' इस हिंसा को फैलाने में शामिल थी. उनके चेहरे नहीं हैं लेकिन उन्होंने तांडव मचा दिया.
RSS मुख्यालय से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर
असल में पुलिस ने बताया कि फहीम खान ने सोमवार को गणेशपेठ थाने में बजरंग दल और वीएचपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके कुछ घंटे बाद ही उसने एक वीडियो जारी कर पुलिस पर आरोप लगाए कि वे प्रदर्शनकारियों को बचा रहे हैं. यह वीडियो कुछ ही समय में वायरल हो गया. जिससे माहौल और बिगड़ गया. पुलिस का कहना है कि इसी वीडियो ने माहल गेट इलाके में हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई. जो आरएसएस मुख्यालय से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर है.
250 लोगों की एक ट्रोल आर्मी
साइबर सेल की जांच में सामने आया कि हिंसा के पीछे एक संगठित डिजिटल नेटवर्क था. 250 लोगों की एक ट्रोल आर्मी लगातार भड़काऊ पोस्ट कर रही थी जिससे तनाव बढ़ा. डीसीपी लोहित मातानी ने बताया कि अब तक 50 से ज्यादा संदिग्ध सोशल मीडिया यूजर्स की पहचान हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं. इस दौरान 34 खातों से 90 से ज्यादा भड़काऊ पोस्ट शेयर किए गए, जिनमें से कई एडिट कर झूठी खबरें फैलाई गई थीं.
डिजिटल हमले में अंतरराष्ट्रीय तत्व भी शामिल
जांच में यह भी सामने आया कि इस डिजिटल हमले में अंतरराष्ट्रीय तत्व भी शामिल थे. साइबर टीम ने बांग्लादेश समेत कुछ अन्य देशों से आए भड़काऊ पोस्ट को ट्रैक किया. पुलिस के अनुसार एक पोस्ट को 50000 से ज्यादा लाइक्स और 20000 कमेंट मिले. जिससे यह साफ होता है कि सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलाने की सुनियोजित साजिश थी.
कार्रवाई करने की तैयारी में पुलिस
इस हिंसा में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सरकारी अस्पताल में भर्ती 24 से 40 वर्ष की उम्र के घायलों में अधिकतर को सिर पर गंभीर चोटें आई हैं. ये पत्थरबाजी और लाठी डंडों के हमलों के कारण हुईं. डॉक्टरों ने बताया कि कुछ घायलों की आंखों में भी गंभीर चोटें हैं जिससे उनके भविष्य में दृष्टिहीन होने का खतरा बना हुआ है. पुलिस अब सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
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