G News 24 : पाकिस्तान में 16,000,000 से ज्यादा युवा है हैं बेरोजगार,फिर भी भारत से होड़ को तैयार !

 शहबाज शरीफ ने ऐलान किया है कि विकास के मामले में पाकिस्तान भारत को पीछे छोड़ देगा...

पाकिस्तान में 16,000,000 से ज्यादा युवा  है हैं बेरोजगार,फिर भी भारत से होड़ को तैयार !

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि अगर पाकिस्तान ने विकास के मामले में भारत को पीछे नहीं छोड़ा, तो वे अपना नाम बदल देंगे. यह बात उन्होंने शायद अपने देश की जनता को खुश करने के लिए कही होगी. लेकिन ऐसा लगता है कि वे हकीकत से बहुत दूर हैं. भारत को पीछे छोड़ने की बात करने से पहले उन्हें अपने देश की स्थिति पर नजर डालनी चाहिए.  इस आर्टिकल के जरिए हम बताएंगे कि भारत और पाकिस्तान विकास के अलग-अलग पहलुओं में कहां खड़े हैं. 

पाकिस्तान और भारत दोनों पड़ोसी देश हैं, लेकिन उनकी अर्थव्यवस्था और विकास की कहानी एकदम अलग है. हम पहले उनकी जीडीपी यानी कुल कमाई की बात करते हैं, जिससे पता चलता है कि कोई देश आर्थिक रूप से कितना मजबूत है. अगर खरीद शक्ति (PPP) के हिसाब से देखें, तो पाकिस्तान की जीडीपी 2024 में लगभग 1.659 ट्रिलियन इंटरनेशनल डॉलर है. अगले साल, यानी 2025 में, इसके 1.736 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. यह अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लिया गया है, जिसने अक्टूबर 2024 में अपनी रिपोर्ट "World Economic Outlook" में ये आंकड़े दिए हैं. दूसरी तरफ, भारत की जीडीपी खरीद शक्ति के हिसाब से 2024 में 14.594 ट्रिलियन इंटरनेशनल डॉलर है और 2025 में यह 15.541 ट्रिलियन तक जा सकती है. यह डेटा भी IMF की इसी रिपोर्ट से है. 

अब अगर सामान्य (नॉमिनल) जीडीपी की बात करें, तो अंतर और साफ हो जाता है. भारत की नॉमिनल जीडीपी 2024 में 4.136 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है, जबकि पाकिस्तान की सिर्फ 0.341 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर. यह आंकड़े IMF की "World Economic Outlook, October 2024" से लिए गए हैं. यानी भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से करीब 12 गुना बड़ी है. अब बढ़ोतरी की रफ्तार पर नजर डालते हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों में बहुत धीमी रही है. IMF के मुताबिक, 2024 में इसकी वास्तविक जीडीपी बढ़ोतरी 2% रही, और 2025 में इसके 3.2% तक जाने की उम्मीद है. दूसरी ओर, भारत की वास्तविक जीडीपी 2024 में 7% की रफ्तार से बढ़ी और 2025 में 6.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है. यह जानकारी भी IMF की रिपोर्ट "World Economic Outlook, October 2024" से ली गई है. साफ है कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, जबकि पाकिस्तान की रफ्तार बहुत कम है.

अब बेरोजगारी की बात करते हैं. पाकिस्तान में नौकरी की कमी एक बड़ी समस्या है. 2023 में पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) की डिजिटल जनगणना ने बताया कि देश में बेरोजगारी की दर 22% थी. यह बहुत ज्यादा है, क्योंकि 2020-21 में यह सिर्फ 6.3% थी. उस समय 4.5 मिलियन लोग बेरोजगार थे, जो 2023 में बढ़कर 18.7 मिलियन हो गए. यह डेटा PBS की "2023 Digital Population and Housing Census" से लिया गया है. लेकिन दूसरी रिपोर्ट्स अलग कहानी बताती हैं. वर्ल्ड बैंक ने 2023 में पाकिस्तान की बेरोजगारी 5.5% बताई ("World Bank Data, 2023"), और ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि 2024 में यह 5.6% होगी और 2025 में 5.5% रहेगी ("Pakistan Unemployment Rate, Trading Economics, 2024"). इन आंकड़ों में अंतर है, लेकिन यह साफ है कि पाकिस्तान में नौकरी की समस्या गंभीर है.

युवाओं की हालत और चिंताजनक है. PBS की 2023 जनगणना के मुताबिक, 15 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी की दर 29% थी. साथ ही, 16 मिलियन से ज्यादा युवा न तो नौकरी कर रहे थे और न ही पढ़ाई कर रहे थे. ऐसे "खाली बैठे युवाओं" की संख्या 22.7 मिलियन तक पहुंच गई. लेकिन मैक्रोट्रेंड्स की रिपोर्ट कहती है कि 2023 में युवा बेरोजगारी 9.65% थी, जो 2022 के 9.68% से थोड़ी कम है ("Pakistan Youth Unemployment Rate, Macrotrends, 2023"). फिर भी, इतने सारे युवाओं का काम और पढ़ाई से दूर रहना देश के लिए बड़ा खतरा है.महिलाओं की स्थिति तो और भी खराब है. PBS की 2023 जनगणना बताती है कि महिलाओं की नौकरी में भागीदारी बहुत कम है, और उनकी बेरोजगारी की दर 39% से ज्यादा है. यानी जो महिलाएं काम ढूंढ रही हैं, उन्हें नौकरी मिलना बहुत मुश्किल है. यह लिंग के आधार पर बड़े अंतर को दिखाता है.

अब भारत की अर्थव्यवस्था को देखें. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, अगर नॉमिनल जीडीपी देखें. खरीद शक्ति (PPP) के हिसाब से यह तीसरे नंबर पर है. यह डेटा वर्ल्ड बैंक की "GDP, PPP (current international $), 2023" रिपोर्ट से लिया गया है, जिसमें भारत की जीडीपी PPP 2023 में 14.619 ट्रिलियन डॉलर थी. भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत विविधता है. इसका 70% हिस्सा लोगों की खपत से आता है. 2022 में भारत दुनिया का 10वां सबसे बड़ा आयातक और 8वां सबसे बड़ा निर्यातक था ("World Bank Trade Data, 2022"). यानी भारत का बाहरी देशों के साथ व्यापार भी मजबूत है.श्रम शक्ति की बात करें तो भारत में 586 मिलियन लोग काम करते हैं. यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी श्रम शक्ति है ("World Bank Labor Force Data, 2023"). लेकिन भारत में उत्पादकता कम है. लोग लंबे समय तक काम करते हैं, फिर भी दुनिया के मुकाबले कम पैदा करते हैं. यह भारत के लिए एक चुनौती है.

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