देरी से पहुंचने पर 26 छात्राओं को प्रवेश नहीं मिला...
ग्वालियर में दसवीं के पेपर में हुआ बवाल, आक्रोशित छात्राएं धरने पर बैठीं
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में एमपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। पहले दिन हिंदी का पेपर था, लेकिन शासकीय पद्मा विद्यालय में 26 छात्राओं को देरी से पहुंचने के कारण परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया। छात्राओं का कहना है कि वे सुबह 8:22 पर पहुंच गई थीं, जबकि 8:45 तक एंट्री का समय था, फिर भी उन्हें प्रवेश नहीं मिला। इस फैसले से आहत होकर छात्राएं स्कूल के मुख्य गेट के बाहर कंपू रोड पर धरने पर बैठ गईं और परीक्षा देने की अनुमति मिलने तक वहीं डटी रहीं।
इन छात्राओं में से एक गंभीर रूप से बीमार थी और अस्पताल से बिना डिस्चार्ज के सिर्फ परीक्षा देने आई थी, लेकिन उसे भी अंदर नहीं जाने दिया गया। स्कूल शिक्षा अधिकारी ने दावा किया कि छात्राएं लेट आई थीं, इसलिए उन्हें एंट्री नहीं दी गई। मामले को सुलझाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्राओं से बातचीत की। पुलिस बल की मौजूदगी में समझाइश के बाद छात्राओं को जून में परीक्षा दिलाने का आश्वासन दिया गया, तब वे घर लौटने को तैयार हुईं।
परीक्षा से वंचित होने के कारण कई छात्राएं भावुक होकर रोती नजर आईं, जबकि कुछ ने आक्रोशित होकर सड़क पर धरना दिया। प्रशासन के अनुसार, परीक्षा में देरी से पहुंचने पर नियमों के तहत एंट्री नहीं दी जा सकती, लेकिन छात्राओं की संख्या और उनकी परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने विशेष परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस घटना ने बोर्ड परीक्षा व्यवस्था और शिक्षा अधिकारियों के रवैये पर कई सवाल खड़े किए हैं।
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