चालान डायरी पेश करने की एवज में...
एएसआई को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ा !
विदिशा जिले के सिविल लाइन थाने में एक एएसआई को साढ़े 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। देहात थाने में पदस्थ एएसआई संजय सिंह चौहान द्वारा लूट और मारपीट के आरोपी विक्रम अहिरवार की चालान डायरी पेश करने की एवज में आरोपी से 10 हजार रुपए की मांग की गई थी। इस बात की शिकायत विक्रम अहिरवार ने एसपी लोकायुक्त टीम को की थी। मामले की पुष्टि होने के बाद लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया और उस जाल में देहात थाने का एएसआई संजय सिंह रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
बता दें डाबर निवासी विक्रम अहिरवार पर 10 जनवरी को लूट और मारपीट का मुकदमा कायम हुआ था, जिसकी विवेचना सहायक उप निरीक्षक संजय चौहान द्वारा सिविल लाइन थाना में की जा रही थी। विक्रम अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद 16 तारीख को विक्रम जेल से छूटकर वापस आया, जिसके बाद सब इंस्पेक्टर संजय चौहान लगातार विक्रम अहिरवार से 10 हजार रुपए की मांग कर रहा था कि वह कोर्ट में चालान पेश कर देंगे।
परेशान होकर विक्रम ने पुलिस अधीक्षक दुर्गेश राठौर भोपाल लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद टीम इंस्पेक्टर रजनी तिवारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई और सिविल लाइन थाने में पदस्थ एएसआई को साढ़े 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले भी पहले भी एएसआई संजय सिंह चौहान खामखेड़ा चौकी पर पदस्थ रहते हुए रिश्वत के आरोपी बने थे, जिन पर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की थी, जिसकी जांच अभी भी जारी है।
वहीं फरियादी विक्रम अहिरवार का कहना है कि पुलिस ने चोरी का केस लगाया था और कहते थे कि तू गुंडागर्दी करता है। एएसआई संजय सिंह ने गांजा रखने की बात कही थी। फरियादी का कहना है कि उसने दीपक जाटव की गाड़ी गिरवी रखी थी। उसने चोरी की रिपोर्ट डाल दी, इसके बाद उसके विरुद्ध लूट की कार्रवाई हुई। फरियादी ने कहा कि सिविल लाइन टीआई उसके घर आए और पेश होने की बात कही थी। विक्रम 12 बजे थाने में पेश हुआ, इसके बाद पुलिस ने झूठी चोरी और लूट का मुकदमा दर्ज कर दिया l
0 Comments