स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही...
जिम्मेदारों को सुध तक नहीं थी 14 साल से बिना लाइसेंस के चल रहा था ब्लड बैंक !
ग्वालियर। स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, शहर के बीचोबीच 14 साल से बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक संचालित हो रहा था, लेकिन जिम्मेदारों को इसकी सुध तक नहीं थी. हर दिन यहां से ब्लड भी जाता था, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया. खास बात यह है कि यह लापरवाही किसी प्राइवेट ब्लड बैंक की नहीं बल्कि सरकारी ब्लड बैंक से सामने आई है, जिसने अपना लाइसेंस ही रिन्यू नहीं कराया, मामला सामने आने के बाद सब स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठा रहे हैं।
दरअसल, मामला मुरार स्थित जिला अस्पताल का है, साल 2011 में ही अस्पताल का ब्लड बैंक लाइसेंस खत्म हो चुका है, लेकिन तमाम कमियों और खामियों के चलते लाइसेंस रिन्यूअल नहीं हो सका, लेकिन इस दौरान ब्लड बैंक को बंद नहीं किया गया बल्कि वह लगातार संचालित होता रहा. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब ब्लड बैंक सेंटर प्रभारी अर्चना छारी ने सीएमएचओ को पत्र लिखा, जिसमें बताया गया कि ब्लड बैंक का लाइसेंस निरस्त हो गया है, लेकिन अब तक रिन्युअल प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. लेटर में लिखा गया कि लाइसेंस रिनुअल होने तक ब्लड सेंटर के किसी भी स्टाफ को दूसरी जगह पदस्थ ना किया जाए।
इस बात को भी बताया गया है कि स्टाफ की ड्यूटी ब्लड सेंटर से हटाकर किसी दूसरी जगह की जाती है, तो इस हालत में लाइसेंस रिन्युअल को लेकर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. मामला सामने आने के बाद अब जिला अस्पताल में खलबली मच गई है, सिविल सर्जन डॉ राजेश शर्मा का कहना है कि सामान्य ब्लड बैंक अभी चल रहा है, कंपोनेंट ब्लड बैंक को लेकर लाइसेंस होना है ऐसी स्थिति में जल्द प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. ब्लड बैंक के संचालन के लिए फूड एवं ड्रग कंट्रोल मंत्रालय भारत सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है, ब्लड बैंक का लाइसेंस खत्म होने से पहले लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए निर्धारित फीस जमा कर आवेदन किया जाता है।
इसके बाद मंत्रालय की टीम निरीक्षण करने आती है. जो अपनी रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को सौंपती है. लाइसेंस जारी करने के अनुशंसा के बाद फूड एवं ड्रग कंट्रोल विभाग भोपाल से लाइसेंस जारी किया जाता है, हैरानी वाली बात यह है कि साल 2011 से जिला अस्पताल का ब्लड बैंक बिना लाइसेंस के संचालित है, ब्लड बैंक मे निर्धारित माप डंडों के हिसाब से स्टाफ की भी कमी है ऐसे में अब देखना होगा कि निरीक्षण के लिए आने वाली टीम लाइसेंस जारी रखने के लिए अनुशंसा करती है या नहीं?
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