G News 24 : हजरत निजामुद्दीन दरगाह में वसंत पंचमी पर पीले फूलों से खेली गई होली !

 लोग सम्मान में गेंदे के फूल और पीली चादर लेकर दरगाह पर पहुंचे...

हजरत निजामुद्दीन दरगाह में वसंत पंचमी  पर पीले फूलों से खेली गई होली !

नई दिल्ली । दिल्ली में मौजूद हजरत निजामुद्दीन दरगाह एक ऐसी जगह है, जहां पर पिछले कई सालों से वसंत पंचमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर समुदाय के लोग एक साथ आकर इस त्योहार को मनाते हैं। इस दिन हजरत निजामुद्दीन दरगाह पर पीले गेंदे के फूलों की होली खिलती नजर आती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। हर तरफ पीले फूल और लोगों की भीड़ नजर आई। हजरत निजामुद्दीन दरगाह वसंत पंचमी के मौके पर पीले फूलों से जगमग दिखाई दी। हर साल की तरह लोग इस साल भी हजरत निजामुद्दीन औलिया और हज़रत अमीर खुसरो के सम्मान में गेंदे के फूल और पीली चादर लेकर दरगाह पर पहुंचे। लोगों की भीड़ दिखाई दी। दरगाह पर पहुंचने वाले लोग पीली पगड़ी और हाथ में फूलों से भरी थाल लिए नजर आए। 

दरगाह को पीले गेंदे के फूलों से सजाया गया था, जो एक अलग ही तरह की खुशबू से महक रही थी। वसंत पंचमी के दिन निजामुद्दीन दरगाह पर खास समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस बार भी पारंपरिक सूफी कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग भी पीले रंग के कपड़े पहनकर दरगाह पर पहुंचते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के पांचवें दिन यानी पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है। यह इस्लामी कैलेंडर में पांचवें महीने की तीसरी तारीख होती है, जिसे सूफी वसंत के रूप में भी मनाया जाता है। 

वसंत पंचमी की शुरुआत सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया के समय में हुई थी। कहा जाता है कि हजरत निजामुद्दीन की कोई संतान नहीं थी। इसलिए वह अपने भतीजे तकी उद्दीन से बहुत प्यार करते थे, लेकिन उनके अचानक निधन से हजरत निजामुद्दीन का दिल टूट गया था। ऐसे में उनके शिष्य अमीर खुसरो अपने गुरु को खुश करने के लिए पीले रंग के फूल और कपड़े पहनकर उनके सामने गए थे और ‘सकल बन फूल रही सरसों’ पर डांस किया था। इसके बाद हजरत निजामुद्दीन उन्हें देखकर मुस्कुराए थे।

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