सनातन और बौद्ध एकता का संकल्प...
पहली बार दुनिया भर के भंते-लामा के साथ बौद्ध भिक्षुओं ने महाकुंभ पहुंचकर,लगाई डुबकी !
प्रयागराज। पहली बार दुनिया भर के भंते, लामा और बौद्ध भिक्षुओं ने एक साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। साथ ही पूरी दुनिया को सनातन और बौद्ध धर्म की एकता का संदेश भी दिया। संगम का किनारा बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघ शरणं गच्छामि के जयघोष से पूरा संगम गूंज उठा।
महाकुंभ की धरती पर बृहस्पतिवार को नया इतिहास लिखा गया। पहली बार दुनिया भर के भंते, लामा और बौद्ध भिक्षुओं ने एक साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। साथ ही पूरी दुनिया को सनातन और बौद्ध धर्म की एकता का संदेश भी दिया। संगम का किनारा बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघ शरणं गच्छामि के जयघोष से पूरा संगम गूंज उठा।
संगम में पांच सौ से अधिक बौद्ध धर्मावलंबियों ने संगम तट पर डुबकी लगाई। भगवान बुद्ध की करुणा हो, सम्राट अशोक अमर रहें के नारे लगाए। बौद्ध भिक्षुओं ने आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार की उपस्थिति में सनातन व बौद्ध एकता का संकल्प लिया।
निर्वासित तिब्बत सरकार के रक्षामंत्री गैरी डोलमाहम ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरती पर आरएसएस के मार्गदर्शन में बौद्ध व सनातनी एक साथ आए हैं और कदम मिलाकर चल रहे हैं। म्यांमार के भदंत नाग वंशा ने कहा कि पहली बार महाकुंभ में आया हूं। हम लोग विश्व शांति के लिए काम करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के भदंत शील रतन ने कहा कि हम सब एक थे, एक हैं और एक रहेंगे। आरएसएस के इंद्रेश कुमार ने कहा कि कुंभ से सनातन व बौद्ध मत के समन्वय की धारा को हम आगे लेकर जाएंगे। सनातन ही बुद्ध है। बुद्ध शाश्वत व सत्य है। इस दौरान अरुण सिंह बौद्ध, भंते बुद्ध प्रिय विश्व, भंते राजकुमार, भंते अश्वजीत, भिक्षु सुमेन्ता, भंते अनुरूद्ध, भंते संघप्रिय, भंते बोधि रक्षित, भंते धम्म दीप, भंते बोधि रतन व भंते संघ रतन ने डुबकी लगाई।
भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की दिव्यता को दर्शाता है महाकुंभ
महाकुंभ नगर। केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने भी बृहस्पतिवार को संगम स्नान किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की दिव्यता को दर्शाता है। उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्था की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि डिजिटल सूचना केंद्र, स्वच्छता अभियान, सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी सुखद बना दिया है।
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