जागरूकता ही सायबर अपराध से बचने का सबसे बड़ा हथियार है:धर्मवीर सिंह
कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है और न ही पुलिस फोन पर ऐसा कुछ करती है !
ग्वालियर। न तो कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान है और न ही कानूनन किसी से व्हाट्सएप या फोन के माध्यम से पुलिस कोई पूछताछ करती है,यह सब धोखाधड़ी और सायबर अपराध होता है जिसका शिकार वही बनता है जिसे इस बारे में जानकारी नहीं है। यह बात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने पूज्य सिन्धु हिन्दू समाज कल्याण समिति द्वारा समाधिया कॉलोनी में आयोजित सायबर क्राइम से बचाव हेतु आयोजित जागरूकता शिविर में कही।
इस अवसर पर उन्होंने विभिन उदाहरण देकर उपस्थित जन को समझाया कि यदि आप किसी भी प्रकार से इसका शिकार होते हैं तो बिना किसी भी के तुरंत 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अपने सभी सम्बंधितों और बच्चों को इस बारे में अधिकाधिक जागरूक करें ताकि यह जागरूकता अभियान सफल हो।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ.प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि अपने बैंक खाते और अन्य निजी जानकारी को किसी से भी साझा न करें और न ही किसी लोभ लालच में आकर अनाधिकृत वेबसाइट से कोई नाता रखें,सावधानी ही हमें सायबर अपराध का शिकार होने से बचा सकती है। डॉ अग्रवाल ने कहा जिस तरीके से हम पिंजरे में रोटी लगाकर चूहे को आकर्षित कर पिंजरे में कैद कर लेते है सायबर अपराध बिल्कुल ऐसा ही है छोटा लालच हमारा बड़ा नुकसान कर देता है।
इस अवसर पर अनिल आहूजा, संतोष वाधवानी, सुनील तलरेजा, सुरेश लछवानी, मनोज ढिंगरा, अविनाश हीरानी, राजेश वाधवानी, हासानंद आहूजा, प्रकाश पंजवानी, राजकुमार कुकरेजा, जयकिशन, विजय भवनानी, सहित संस्था के अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहें।
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