G News 24 : स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने लिया बड़ा फैसला !

 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 (1) (2) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश किए जारी ...

स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने लिया बड़ा फैसला !

इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह ने स्कूलों की मनमानी खत्म करने के लिए बड़ा आदेश दिया है। उन्होंने कई नियमों में बदलाव किया है जिससे पैरेंट्स को बड़ी राहत मिलेगी। कलेक्टर ने कॉपी, किताबों और यूनिफार्म की अनिवार्यता में एकाधिकार खत्म करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 (1) (2) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इस आदेश से स्कूल संचालकों, प्रकाशकों और विक्रेताओं की मनमानी भी समाप्त होगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति या संस्था पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

अगर कोई स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो स्कूल के प्राचार्य, संचालक और प्रबंधन बोर्ड के सभी सदस्य दोषी माने जाएंगे।आदेश के अनुसार, सभी स्कूल संचालक/प्राचार्य को अपनी वेबसाइट पर प्रत्येक कक्षा की अनिवार्य पुस्तकों की सूची और यूनिफार्म की जानकारी परीक्षा परिणाम जारी होने से पहले अपलोड करनी होगी। इसके अलावा, इस सूची को विद्यालय परिसर में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना भी अनिवार्य होगा। किसी भी छात्र या अभिभावक को किसी विशेष विक्रेता या संस्थान से किताबें, कॉपियां या यूनिफार्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। 

मान्यता नियमों के अनुसार, हर स्कूल की अपनी वेबसाइट होनी अनिवार्य है। विद्यालय संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रवेश के समय और परीक्षा परिणाम के दौरान, अभिभावकों को पुस्तक सूची की एक प्रति प्रदान की जाए। इसके अलावा, कम से कम तीन विक्रेताओं के नाम सत्र शुरू होने से एक माह पूर्व वेबसाइट पर अपलोड किए जाएं।स्कूल संचालक/प्राचार्य विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। 

अभिभावक 30 अप्रैल 2025 तक किताबें खरीद सकते हैं। साथ ही, सीबीएसई, आईसीएसई, एमपीबीएसई और अन्य शैक्षणिक बोर्डों के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। पालक शिक्षक बैठक (P.T.M) के दौरान विद्यालय संचालकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी निजी प्रकाशक, मुद्रक या विक्रेता स्कूल परिसर में अपने उत्पादों का प्रचार न कर सके। किसी भी स्थिति में पुस्तकों के सेट में अनावश्यक सामग्री जोड़े जाने पर रोक लगाई जाएगी, ताकि छात्रों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।

पूरा सेट खरीदना भी जरूरी नहीं

किसी भी विक्रेता को पूरे सेट की अनिवार्यता नहीं होगी, बल्कि विद्यार्थियों को उनकी जरूरत के अनुसार केवल आवश्यक किताबें खरीदने की स्वतंत्रता होगी। यदि कोई छात्र पुरानी किताबों का उपयोग करना चाहता है, तो उसे इसकी अनुमति दी जाएगी।

तीन साल तक नहीं बदलेगी यूनिफार्म

यूनिफार्म के संदर्भ में, यह निर्णय लिया गया है कि कम से कम तीन वर्षों तक यूनिफार्म में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, ताकि अभिभावकों पर आर्थिक भार न पड़े। नोटबुक (कॉपी) पर ग्रेड, साइज, पृष्ठ संख्या और मूल्य स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए।

किताबों या कॉपियों पर स्कूल का नाम मुद्रित नहीं होगा

किसी भी स्कूल की किताबों या कॉपियों पर स्कूल का नाम मुद्रित नहीं किया जाएगा और ना ही इन पर चढ़ाए जाने वाले कवर पर विद्यालय का नाम अंकित किया जाएगा।

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