G News 24 : ग्वालियर में तैयार हुए ISBT के संचालन के लिए मिलेगी 76 लाख रूपये की धनराशि !

 ग्वालियर का अंतरराज्यीय बस स्टैंड बन कर तैयार,30 सालों तक ISBT करेगी संचालन...

ग्वालियर में तैयार हुए ISBT के संचालन के लिए मिलेगी 76 लाख रूपये की धनराशि !

ग्वालियर। मल्लगढ़ा थाने के नजदीक अंर्तराज्यीय बस स्टैंड (ISBT) बनकर तैयार हो चुका है अब अपने उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। अब उसका फीता काटने ही शेष रह गया है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन लोकार्पण से पूर्व ISBT का संचालन एवं संधारण (O&M) का जिम्मा निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। इसके लिये एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) के माध्यम से कम्पनियों को बुलाया है। अभी 2 कंपनियों ने भागीदारी की है।

इनमें से एक को फायनल कर 30 वर्ष के O&M  लेने वाली कंपनी स्मार्ट सिटी या भविष्य में नगरनिगम को देगी। ग्वालियर स्मार्ट सिटी का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आईएसबीटी है। यह सबसे अंतिम समय में स्मार्ट सिटी के अधिकारी बना पाये। वर्तमान में आईएसबीटी बन तैयार है।

अभी वहीं से बसों के संचालन के लिये मुरैना, झांसी और शिवपुरी की ओर से आने-जाने वाली बसों का रूट तय करना है। 19 फरवरी को रूट देखने अधिकारी जाने वाले थे। लेकिन कतिपय कारणों के चलते टीम तय तिथि में नहीं जा सकी है। नगरनिगम आयुक्त का कहना है कि आईएसबीटी का भविष्य में बेहतर संचालन कराने के लिये ओएंडएम देने की प्लानिंग है। उसमें कोई नियम होंगे।

बस स्टेंड के अतिरिक्त 1.25 एकड़ का प्लॉट मिलेगा

आईएसबीटी का ओएंडएम कंपनी दुकानों और बसों के ठहराव से आय करेगी और साथ ही 1.25 एकड़ का भूखंड भी कंपनी को मिलेगा। उक्त भूखंड पर कंपनी कॉमर्शियल कार्य के लिये निर्माण कर सकेगी। उससे भी कम्पनी इनकम अर्जित कर पायेगी।

आईएसबीटी पर 52 प्लेटफार्म

नये आईएसबीटी पर 52 बसों के लिये प्लेटफार्म बनाये गये है। यहां पर बस आकर रवानगी डाल सकेंगी। इसके अलावा पार्किंग एरिया में 137 बसें खड़ी की जा सकेगी। 25 एकड़ भूमि में टर्मिनल में भविष्य में 44 बसों के लिये एक्सपेंशन किया जा सकता है। यहां वाहन पार्किंग में टू व्हीलर वाहन 200 और फोर व्हीलर वाहन 70 तक आ सकते है।

तीन साल बाद देनी होगी दस प्रतिशत राशि

स्मार्ट सिटी ने ईओआई में शर्त डाली है कि तीन साल बाद ओएंडएम की जिम्मेदारी लेने वाली कंपनी 76 लाख से ज्यादा राशि नहीं देगी। तीन साल की अवधि के बाद कंपनी दस प्रतिशत राशि हर साल बढ़ाकर देगी। गौरतलब है कि उक्त कार्य के लिए अभी दो कंपनियों ने रूचि दिखाई है। इनमें एक कंपनी तो वर्तमान में आईएसबीटी निर्माण करने वाली है।

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