डिजिटल खोया-पाया केंद्र ने अब तक 13 हजार से ज्यादा बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाया गया...
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर गुम हुए 7500 से अधिक श्रद्धालु, अपनों से फिर मिले !
महाकुंभ में आज बसंत पंचमी का तीसरा अमृत स्नान हैं. इस अवसर पर प्रयागराज में भारी संख्या में करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी का संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. इस बार का महाकुंभ कई मायने में भव्य है और जिसमें इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है जो अपने आप में ऐतिहासिक है. महाकुंभ में इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं का संख्या को देखते हुए योगी सरकार ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है जो अब तक 13 हजार से अधिक लोगों को उनके अपनों से सफलता पूर्वक मिलवा चुका है.
इस बार महाकुंभ में ऐतिहासिक संख्या में तीर्थयात्रियों का आगमन हो रहा है, ऐसे में अक्सर श्रद्धालु एक दूसरे से बिछड़ जाते हैं. वहीं मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में तो 7500 हजार लोग लापता हो गए थे. इन लोगों को अपने परिवार से मिलाने में डिजिटल खोया पाया केंद्र ने सफलता पूर्वक काम किया है. अपने परिवार से बिछड़ने वालों में महिलाओं की संख्या 65 फीसद तक रही, जिनको मिलाने में इस केंद्र ने अहम भूमिका निभाई.
महाकुंभ में बनाए गए डिजिटल खोया पाया केंद्र
डिजिटल खोया-पाया केंद्र में पुलिस ने न केवल 23 राज्यों से आए श्रद्धालुओं को अपने परिवारों से मिलाया बल्कि नेपाल के तीर्थयात्रियों को भी उनके अपनों से मिलाया. नेपाल से आए 11 लोगों ने भी अपने साथ आए लोगों के लापता होने की जानकारी यहां दर्ज कराई थी, जिन्हें जल्द से जल्द उनके उनके परिवारों से मिला दिया गया. इस केंद्र में अब तक 13 हजार से अधिक बिछड़े हुए लोगों को मिलाने का काम किया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर तो महाकुंभ में डिजिटल प्रणाली के ज़रिए खोया पाया केंद्र की शुरूआत की थी. मेलाक्षेत्र में कुल 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं. जो संगम, झूंसी, अरैल, फाफामऊ में सेक्टर तीन, चार, पांच, आठ, नौ, इक्कीस, तेईस, चौबीस और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास हैं. इन केंद्रों में अत्याधुनिक एआई आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसे अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. महाकुंभ में अपने से बिछड़ने वाले लोग इनमें से किसी भी केंद्र पर जाकर संपर्क कर सकते हैं. यहां तैनात टीम लोगों की पूरी मदद कर रही है. इसके अलावा लोग 1920 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर भी मदद ले सकते हैं.
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