G.NEWS 24 : भगदड़ का कारण बदइंतज़ामी से कहीं ज्यादा भीड़ का एक जगह इकट्ठे होना !

शासन के अनाउंसमेंट को नकार दिया...

भगदड़ का कारण बदइंतज़ामी से कहीं ज्यादा भीड़ का एक जगह इकट्ठे होना !

महाकुंभ की घटना का कारण बदइंतज़ामी से कहीं ज्यादा श्रद्धालुओं का संगम नोज पर जाकर घंटों रुककर मौनी की सुबह का इंतज़ार, अखाड़ों को देखने के लिए रुकना, वहीं कंबल ओढ़कर बैठना और सोना था। प्रशासन के अनाउंसमेंट को नकार दिया भीड़ ने, जिसमें मेला अधिकारी कह रहे थे कि मौनी अमावस्या का नहान 7.40 pm से प्रारंभ हो चुका है आप जल्द नहाएं और प्रस्थान करें. इस पर पब्लिक की प्रतिक्रिया शून्य थी। तत्पश्चात ट्रैफिक पुलिस ने सारे पीपा पुल बंद कर दिए जिससे और भीड़ न आ जाए। इससे भी जनता नाराज़ हुई और पुलिस से गली गलोच के वीडियो सोशल मीडिया पर आए। पर्यटन के लिहाज से आए बड़ी संख्या में लोग किसी भी असुविधा को लेकर चिल्ला चिल्ली कर रहे हैं अखाड़ों के दर्शन की जिद इसका उदाहरण है। 

बैरक पर खड़ी भीड़ और उस पर चढ़ते लोगों की वजह से वो टूटा। साथ ही यही पब्लिक उल्टी दिशा से आ रहे लोगों वाले रास्ते पर भागने लगे इससे भगदड़ की संघनता और बढ़ी। ग़ज़ब की फुर्ती से इसे प्रशासन ने संभाला। 70 के करीब एम्बुलेंस दौड़ पड़ी और सभी घायल मेला अस्पताल और कुछ मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किए गए। एम्बुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना वो भी चंद मिनटों में। प्रशासन और अस्पताल का कोऑर्डिनेशन कमाल था जिससे हादसे को संभाला गया और अन्य श्रद्धालुओं को नहाकर लौटने के लिए प्रेरित किया गया। 

इन सबके बावजूद 70% पब्लिक नहाने के बाद लौटने और हिलने को तैयार नहीं थी। वे अब और आराम से थे क्योंकि पूरा एरिया सील।कर दिया गया था। वे सब अखाड़ों, आचार्यों और नागाबाबा के अखाड़ों का स्नान देखना चाहते थे। हार कर अखाड़ों से कहलवाया गया कि वे अपना स्नान स्थगित कर रहे हैं। इस उद्घोष के 3-4 घंटों के बाद पूरा संगम नोज सामान्य हो चला था और पीपे के पुल और अन्य सड़कों को पुनः खोल दिया गया। अब स्थिति पूर्णतः कंट्रोल में है। गंगा मैया का शुक्र है बहुत बड़े हादसे की आस में बैठी पिशाची आत्माएं निराश हुई हैं। 

वर्तमान स्थिति को देखते हुए 10 करोड़ श्रद्धालुओं का स्नान सफलतापूर्वक हो सकेगा ऐसी आशा है। जनता को समझना होगा आज का पर्व साधारण माघ का दिन नहीं है और जिस भी घाट के वे नजदीक हैं स्नान करें और पुण्य कमाएं। संगम नोज पर मात्र 1 से 5 % लोग ही पहुंच कर डुपकी लगा पाएंगे। संगम के तीरे 44 घाट बने हैं कहीं पर भी स्नान करने से वही पुण्य मिलेगा जो संगम पर। अब स्थिति सामान्य है और लोग नहाकर संगम से लौट रहे हैं।यह घोषणा हुई कि सभी अखाड़े पूर्ववत शाही स्नान करेंगे। अनुरोध है प्रशासन के सुझाव और आदेश को मानिए और मेला क्षेत्र को सुव्यवस्थित बनाए रखने में सहयोग कीजिए।

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