चार लोगों को किया गिरफ्तार...
बांग्लादेशियों की घुसपैठ में मदद करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ में मदद करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें पड़ोसी देश के दो नागरिक शामिल हैं, जो कथित तौर पर अवैध रूप से भारत में घुसे थे. एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए अन्य दो लोगों पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में घुसपैठ कराने और दस्तावेज बनवाने में मदद करने का आरोप है. दिल्ली पुलिस लगातार अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. अब तक पुलिस ने 50 से ज्यादा बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर चुकी है. अब सवाल उठता है कि आखिर दिल्ली पुलिस पकड़े गए बांग्लादेशियों को बांग्लादेश डिपोट कैसे करती है और भारत मे रहने वाले अवैध नागरिकों को किस प्रक्रिया के तहत वापस उनके देश भेजा जाता है.
दिल्ली पुलिस जब किसी ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेती है, जिसके ऊपर अवैध रूप से भारत मे रहने का शक होता है. सबसे पहले उससे उसके दस्तावेज मांगे जाते हैं और उनको वेरिफाई किया जाता है. उन दस्तावेजों का रिकॉर्ड चेक किया जाता है. फर्जी पाए जाने पर उनसे पुश्तैनी जानकारियां जुटाई जाती हैं. जब पुलिस इस बात को पुख्ता कर लेती है कि भारत में रहने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है तो उसको उसके विदेशी होने के तमाम सबूतों के साथ गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले FRRO के डिटेंशन सेंटर में छोड़ दिया जाता है. FRRO पहले डिटेंशन सेंटर में आए विदेशी नागरिक से पूछताछ करता है और उसके भारत में अवैध रूप से आने और रुकने की वजह पूछता है.
इसके बाद उस विदेशी नागरिक के देश के अधिकारियों को उस नागरिक की नागरिकता से जुड़े सबूत देकर उसको उसके देश भेज देता है. जिन देशों की सीमाएं भारत से लगती हैं, उन्हें बस या ट्रेन से उनके देश भेज दिया जाता है. वहीं, जिन देशों की सीमाएं दूर होती हैं, ऐसे लोगों को फ्लाइट में सीट बुक करवाकर उसमें बैठा दिया जाता है और उस देश के अधिकारियों को इस बात की सूचना दे दी जाती है. ऐसे लोगों का एक डेटा भी तैयार किया जाता है. दिल्ली पुलिस लगातार बांग्लादेशी नागरिकों पर एक्शन ले रही है और उनकी पहचान कर उनके देश भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. चूंकि, बांग्लादेश की सीमाएं भारत से लगी हुई हैं, लिहाजा अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशियों को सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद बस से बॉर्डर पार करवाया जाता है.
दिल्ली पुलिस ने 2 बांग्लादेशी नागरिकों और उनकी मदद करने वाले अन्य दो लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य परिवहन का प्रबंधन और भारत में उनके ठहरने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने में मदद करते थे. पुलिस ने फर्जी आधार, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट आवेदन और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए हैं. संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी क्षेत्र) संजय कुमार जैन ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने दो बांग्लादेशी नागरिकों बिलाल हुसैन और उसकी पत्नी सपना के साथ-साथ दो भारतीय नागरिकों अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को भी पकड़ा है।
पुलिस ने बताया कि बिलाल हुसैन (28) 2022 में मेघालय-असम सीमा के रास्ते भारत में घुसा और अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रहने लगा. इसने बताया कि उसकी गुरुग्राम में कॉस्मेटिक की दुकान और ब्यूटी पार्लर था. उसने कथित तौर पर भारत में रहने के लिए फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाए थे. पुलिस ने बताया कि उसकी 23 वर्षीय पत्नी पहले बांग्लादेश में एक कपड़ा कारखाने में काम करती थी. इसने बताया कि असम निवासी अमीनुर इश्लाम (37) कथित तौर पर अवैध प्रवासियों को सीमा से रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाने का काम करता था. पुलिस ने बताया कि गुरुग्राम निवासी आशीष मेहरा (23) पर अन्य फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आधार कार्ड बनाने का आरोप है.
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