प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर में...
“प्री-बजट चर्चा सत्र - ‘आशा सरकार से’ विषय पर स्टूडेंट्स ने वित्तीय विशेषज्ञों के साथ की चर्चा !
ग्वालियर। गुरुवार को प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के फाइनेंस क्लब ने सफलतापूर्वक प्री-बजट चर्चा सत्र - ‘आशा सरकार से’ का आयोजन किया जहाँ छात्रों ने वित्तीय विशेषज्ञों के साथ चर्चा की और आगामी केंद्रीय बजट 2025 से अपनी अपेक्षाओं को साझा किया।कार्यक्रम में प्रतिष्ठित पैनलिस्ट सीए मुनमुन कोठारी, सीए विकास आर. फुलवधिया, और सीए सिद्धार्थ पटनी शामिल रहे, जिन्होंने कराधान (टैक्सेशन), आर्थिक नीतियों, रोजगार सृजन, और उद्योग विकास पर गहरी जानकारी साझा की। इस सत्र में 250 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह एक ज्ञानवर्धक और प्रभावशाली आयोजन बना।
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आगामी केंद्रीय बजट 2025 की संभावनाओं और नीतियों की समझ प्रदान करना था। इस चर्चा के माध्यम से छात्रों को वित्तीय नीतियों, कराधान (टैक्सेशन), रोजगार सृजन, उद्योग विकास, और सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के प्रभावों को गहराई से समझने का अवसर मिला। इसके अलावा, यह सत्र छात्रों को वित्तीय साक्षरता (फाइनेंशियल लिटरेसी) बढ़ाने, बजट के आर्थिक पहलुओं को समझने, और विशेषज्ञों से सीधे संवाद करने का एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था।
सत्र के दौरान, पैनलिस्ट्स ने छात्रों के प्रश्नों के उत्तर दिए, जिनमें आयकर सुधार (इनकम टैक्स रिफॉर्म्स), जीएसटी नीतियां, स्टार्टअप प्रोत्साहन, और सार्वजनिक कल्याण योजनाएँ शामिल थीं। सीए मुनमुन कोठारी ने छात्रों के बीच वित्तीय साक्षरता के महत्व को उजागर किया, जबकि सीए विकास आर. फुलवधिया ने भारत के बजट निर्माण प्रक्रिया पर वैश्विक आर्थिक प्रवृत्तियों के प्रभाव को समझाया। सीए सिद्धार्थ पटनी ने युवा पेशेवरों के लिए कर नीतियों और वित्तीय योजना (फाइनेंशियल प्लानिंग) पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
इस सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ. निशांत जोशी और उपनिदेशक डॉ. तारिका सिंह की भी उपस्थिति रही, जिन्होंने आगामी केंद्रीय बजट 2025 पर अपने मूल्यवान विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक सिद्ध हुआ छात्रों ने अपने सवालों के माध्यम से बजट के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया यह छात्रों को व्यक्तिगत तथा व्यवहारिक निर्णय लेने की समझ को विकसित करेगा । संस्थान की उपनिदेशका डॉ. तारिका सिंह ने भी इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस आयोजन से छात्रों को बजट 2025 की गहरी समझ प्रदान की और उन्हें भविष्य की चुनौतियां और अफसर के लिए तैयार किया।
इस सत्र का समन्वय असिस्टेंट प्रोफेसर अजय जैन द्वारा किया गया और इस आयोजन की गरिमा बढ़ाने के लिए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनोद भटनागर, असिस्टेंट प्रोफेसर सुगंधा मुदाली, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिक्षा सक्सेना, असिस्टेंट प्रोफेसर कविता राणा, असिस्टेंट प्रोफेसर निधि जैन, और अन्य सम्मानित संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे। उन्होंने चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया और छात्रों को वित्तीय और आर्थिक नीतियों (इकनॉमिक पॉलिसीज) की गहरी समझ विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
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