तस्विरें देखकर हैरान हुए लोग !
महाकुंभ मेले में बच्चे खो न जाएं, इसके लिए निकाला कमाल का जुगाड़ !
महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, यह आयोजन 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इतनी भीड़ में अपनों से बिछड़ने का डर हमेशा बना रहता है, खासकर छोटे बच्चों के खो जाने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में एक पति-पत्नी ने अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए एक कमाल का जुगाड़ निकाला, जिसे देखकर लोग दंग रह गए ! महाकुंभ मेला में बच्चों के खोने की समस्या को ध्यान में रखते हुए, एक पति-पत्नी ने अपने बच्चे की पीठ पर टेप की सहायता से एक पोस्ट चिपकाया है. इससे वे आसानी से अपने बच्चे को पहचान सकते थे. वीडियो वायरल होने के बाद लोग इस अनोखे आइडिया की तारीफ कर रहे हैं.
तस्वीरों में दिखाया गया है कि एक पति-पत्नी अपने छोटे बच्चे को लेकर महाकुंभ मेले में पहुंचे. भारी भीड़ को देखकर उन्होंने एक स्मार्ट तरीका अपनाया जिससे उनका बच्चा खो न जाए. उन्होंने बच्चे की पीठ पर एक लंबा लिस्ट चपकाया. जिसमें लिखा है बच्चे का नाम, पिता का नाम, गांव और उसके माता पिता का मोबाइल नंबर, जिससे अगर बच्चा खो जाता है. तो वह आसानी से मिल सके. जिसे देखकर लोग हैरान हो गए.
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग इस अनोखे आइडिया की जमकर तारीफ करने लगे कुछ लोगों ने इसे "स्मार्ट पैरेंटिंग" बताया, तो कुछ ने मजाक में कहा, "अब कुंभ के मेले में बच्चे खोने का डर खत्म!" कई यूजर्स ने लिखा, यह तरीका हर मेले या भीड़भाड़ वाली जगह पर अपनाया जा सकता है. एक यूजर ने लिखा, "ये तो बहुत आसान और बढ़िया आइडिया है, इसे सभी पैरेंट्स को अपनाना चाहिए!" दूसरे ने कहा, "ऐसा जुगाड़ अपनाने से बच्चों को खोजने में परेशानी नहीं होगी, गजब इनोवेशन!" कुछ लोगों ने तो अपनी पुरानी यादें भी शेयर कीं और बताया कि पहले उनके माता-पिता भी इसी तरह के तरीके अपनाते थे, जैसे बच्चे की कलाई में माता-पिता का नंबर लिख देना या रंग-बिरंगे कपड़े पहनाना.
इस अनोखे उपाय को देखकर यह साफ है कि अगर ऐसे छोटे-छोटे उपाय अपनाए जाएं तो बड़े मेलों या भीड़भाड़ वाली जगहों में बच्चों को खोने से बचाया जा सकता है. वीडियो को देखकर कई लोग इसे अपनी अगली यात्रा में अपनाने की योजना बना रहे हैं. हर साल महाकुंभ या अन्य बड़े धार्मिक आयोजनों में कई छोटे बच्चे भीड़ में खो जाते हैं, जिससे माता-पिता को भारी चिंता होती है. प्रशासन घोषणाएं करवाता है, बच्चों को सुरक्षा केंद्रों तक पहुंचाता है, लेकिन फिर भी यह एक बड़ी समस्या बनी रहती है. ऐसे में यह अनोखा जुगाड़ कई माता-पिता के लिए मददगार साबित हो सकता है.
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