अश्विनी उपाध्याय ने किया कॉंग्रेस को नक़ाब उतारने को मजबूर !
स्वतन्त्रता के बाद सत्ता के लालच में किए गये कारनामे हो रहे हैं उजागर !
पूजा स्थल कानून के समर्थन मे कॉंग्रेस को मजबूर होकर उतरना पड़ा सुप्रीम कोर्ट मे और उसका कॉंग्रेसी नक़ाब उतर गया और मुस्लिम लीग का चेहरा सामने आ गया. स्वतन्त्रता के बाद उसके किए हुए कारनामे उजागर हो गये.अपने मुस्लिम वोट बैंक को बचाने की खातिर टीएमसी, आप, आरजेडी AIMIM, AIMPLB, Jamait Ulema E Hind, CPI सुप्रीम कोर्ट मे अश्विनी उपाध्याय जी की Places of Worship Act को चुनौती देने वाली PIL के विरोध मे खड़े हो गये.अब तक चोरी छुपे हिन्दुओं को भुलावे मे रख कर अपने आप को धर्म निरपेक्ष बताने वाली कॉंग्रेस के पास इधर कुआ उधर खाई वाली स्तिथि हो गई.
अगर वो इन्हीं पार्टियों की तरह सुप्रीम कोर्ट मे ना आये तो उसका मुस्लिम वोट बैंक टूटने का खतरा था और अगर वो भी इन्हीं पार्टियों की तरह सुप्रीम कोर्ट मे आती हे तो उसका असली हिन्दू विरोधी चेहरा सामने आ जाता हे.अंत मे कॉंग्रेस ने निर्णय किया हे की वो 70 साल से जिस नक़ाब को पहन के राजनीति कर रही थी उसको छोड़ के खुल के मुस्लिम लीग बन के खड़ी होगी.
आज उसके दिग्गज वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, राजू रामचंद्रन, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े, प्रशांत भूषण सब आ गये हैं मैदान मे.कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग किया है कि बाबर, हुमायूँ, तुगलक, गजनी, गोरी, औरंगजेब द्वारा तोड़े गए मंदिरों का सर्वे नहीं होना चाहिए और पूजा स्थल कानून यथावत रहना चाहिए
- शपथ लेते हैं संविधान की, वेतन-भत्ता लेते हैं हिंदुओं के टैक्स से और गुलामी करते हैं मुग़लों की.
- अब फैसला कॉंग्रेस के हिन्दू नेताओं और हिन्दू वोटर को करना हे की वो किसका साथ देना चाहते हैं.
- अश्विनी उपाध्याय ने कॉंग्रेस का चरित्र दिन के उजाले मे साफ भारत के हिन्दुओं को दिखा दिया हे.
- जब वक़्त आएगा तो कॉंग्रेस पार्टी 80% हिन्दुओं को लात मार के 15% अपने वोट बैंक को साधेगी .
- काशी, मथुरा पूजा स्थल कानून के बने रहते हिन्दुओं को मिलना बहुत मुश्किल हे.
काशी,मथुरा,सम्भल और ऐसे ही ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल वापस हिन्दुओं कोमिलना ही चाहिए इस पिटीशन को भी भेजिए.
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