परिवहन निगम के कर्मचारियों को नए साल का तोहफा ...
मानदेय में वृद्धि, फरवरी से खाते में बढ़कर आएगी राशि, प्रोत्साहन राशि में भी बदलाव !
योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के संविदा चालकों और परिचालकों को नए साल का तोहफा दिया है।राज्य सरकार ने चालकों परिचालको के मानदेय में अलग-अलग वृद्धि की गई है। नई दरें 1 जनवरी 2025 से लागू होंगी।इस संबंध में रोडवेज के जीएम कार्मिक की ओर से क्षेत्रीय प्रबंधकों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि संविदा चालकों और परिचालकों को वेतन बढ़ाया गया है।संविदा चालकों के मानदेय में नौ प्रतिशत तो परिचालकों के मानदेय में सात प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वर्तमानमें चालकों एवं परिचालकों को 1.89 रुपए प्रति किमी की दर से मानदेय मिल रहा था, जिसे बढ़ाकर 2.06 रुपए प्रति किमी और 2.02 रुपए प्रति किमी कर दिया गया है। चालकों के मानदेय में 17 पैसे प्रति किमी एवं परिचालकों के मानदेय में 13 पैसे प्रति किमी की वृद्धि की गई है।
जानें मानदेय वृद्धि से कितना मिलेगा लाभ
दरअसल, यूपी परिवहन निगम के संविदा चालकों और परिचालकों को प्रतिकिमी के अनुसार वेतन मिलता है, ऐसे में अभी यह वेतन 1.89 रुपये प्रति किलोमीटर मिल रहा है लेकिन नए आदेश के अनुसार संविदा चालकों को 2.06 रुपये प्रतिकिमी और परिचालक को 2.02 रुपये प्रतिकिमी मिलेगा।
इससे वेतन में 3000 तक फायदा मिलेगा। मानदेय का भुगतान यूपी परिवहन निगम द्वारा किया जाएगा। अभी वेतन के रुप में 12 हजार रुपये तक मिलते है, लेकिन अब वेतन 15 हजार रुपये से ऊपर पहुंच जाएगा। आमतौर पर एक चालक और परिचालक प्रतिदिन 600 किमी चल सकता है। इससे यूपी रोडवेज के 35 हजार से अधिक कर्मी लाभान्वित होंगे।
प्रोत्साहन योजना में भी बदलाव
- जीएम कार्मिक के अनुसार यह आदेश नोएडा की नगरीय सेवाओं, गोरखपुर क्षेत्र के सोनौली, महाराजगंज और सिद्धार्थनगर डिपो, प्रदेश की उपनगरीय सेवाओं के चालकों और परिचालक पर लागू नहीं होगा।
- इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की योजना में भी बदलाव किया गया है। ‘नवीन उत्तम प्रोत्साहन योजना’ का लाभ प्राप्त करने के लिए चालकों को 2 वर्ष की निरंतर सेवा एवं परिचालकों को 4 वर्ष की निरंतर सेवा जरूरी है।
- इसके लिए वित्तीय वर्ष में उन्हें 288 दिन की डयूटी एवं 66,000 किमी की दूरी पूर्ण करना जरूरी है, जबकि इसके पूर्व लागू नवीन उत्कृष्ट योजना में 78,000 किमी की दूरी पूर्ण किया जाना था। इस प्रकार लगभग 12,000 किमी की दूरी की सीमा कम की गई है।
0 Comments