प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी ...
बदलेंगे कई आईएएस और आपीएस चेहरे, खराब परफॉर्मेंस वाले होंगे इधर-उधर !
भोपाल। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार मंत्रालय से लेकर जिलों तक बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी में है। इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है। दरअसल, प्रदेश में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा था। इसके चलते कलेक्टरों को नहीं बदला जा रहा था। अब सोमवार को मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम पूरा हो रहा है। इसके बाद कई जिलों के कलेक्टर्स को बदला जाएगा। इसमें जिलों में अधिकारियों के परफॉर्मेंस को देखा जाएगा। बता दें, सरकार मध्य प्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट बना रही है। इसको सरकार ने आठ क्षेत्रों में बांटा है। इसके लिए सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। अब उनके परफॉर्मेंस को देखकर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
तीन साल से ज्यादा समय से टिके अधिकारी हटेंगे
प्रदेश में अधिकारियों को नई जिम्मेदारी देने के लिए अब तक के उनके काम को देखा जाएगा। इसमें राजस्व महाभियान में अब तक का काम, सीएम मॉनिट और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों के निपटारे समेत उनके अन्य कामों को देखा जाएगा। इसमें खास तौर से उन शिकायतों को देखा जाएगा, जहां पर शिकायतों को बिना वैधानिक प्रक्रिया के संख्या कम करने के लिए बंद कर दिया गया और अब वहां से दोबारा शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसमें मंत्रालय में विभाग अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव से लेकर, उप सचिव से लेकर विभाग प्रमुख और संभाग और जिलों में पदस्थ अधिकारियों के ट्रांसफर होंगे। वहीं, तीन साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों को भी हटाया जाएगा।
शिकायत वाले अधिकारी भी हटेंगे
खाद वितरण व्यवस्था को बेहतर तरीके से वितरण व्यवस्था नहीं बनाने वाले अधिकारियों पर भी संकट हैं। वहीं, इसके अलावा जनप्रतिनिधियों की तरफ से जिन अधिकारियों की सरकार को शिकायत मिली उन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। इसके अलावा कई जिलों में खाद्य एवं औषधि विभाग में सुरक्षा अधिकारी और औषधि निरीक्षक लंबे समय से फील्ड में काम कर रहे हैं। इनमें कुछ अधिकारियों को पांच से सात साल का समय हो गया है। उनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा नापतौल, पंजीयन, उद्यानिकी, खनिज, पुलिस, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी लंबे समय से जमे अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
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