G News 24 : हिजाब पर बैन! वारिस पठान बोले- 'फर्क नहीं पड़ता, हमारे यहां फ्रीडम ऑफ चॉइस'

 स्विट्जरलैंड में महिलाओं के बुर्का और हिजाब पर प्रतिबंध...

हिजाब पर बैन! वारिस पठान बोले- 'फर्क नहीं पड़ता, हमारे यहां फ्रीडम ऑफ चॉइस'

नए साल से स्विट्जरलैंड में महिलाओं के बुर्का और हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इस पर कहा कि स्विट्जरलैंड में डॉ. भीमराव अंबेडकर की ओर से तैयार किया गया संविधान लागू नहीं है, लेकिन भारत में हमें अपने संविधान पर गर्व है जो हमें अपने पहनावे का स्वतंत्रता देता है.

वारिस पठान ने ये स्पष्ट किया कि भारत में सभी नागरिक को अपनी इच्छानुसार कपड़े पहनने का अधिकार है. उन्होंने कहा "हमारे देश में 'फ्रीडम ऑफ च्वाइस' है जहां हर व्यक्ति को अपनी पसंद का पहनावा चुनने की स्वतंत्रता है. स्विट्जरलैंड में क्या होता है इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारे देश में संविधान है और हमें उसी का पालन करना चाहिए." उन्होंने ये भी कहा कि स्विट्जरलैंड का मामला भारत के लिए मायने नहीं रखता.

वर्शिप एक्ट 1991 पर वारिस पठान की टिप्पणी

प्लेसिज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के बारे में वारिस पठान ने कहा कि ये कानून पूरी तरह से लागू होना चाहिए. इस कानून का उद्देश्य था कि 1947 तक के धार्मिक स्थल अपने मूल रूप में बने रहें और उनका स्वरूप बदला न जाए. उन्होंने कहा "हमारा मानना है कि ये कानून सिर्फ धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए था और इसका पालन करना जरूरी है." पठान ने ये भी कहा कि अगर इस कानून का सही तरीके से पालन होता है तो अराजकता और धार्मिक विवादों की घटनाएं रुक सकती हैं.

सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद

वारिस पठान ने ये उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अच्छा फैसला देगा और इससे धार्मिक स्थलों को लेकर पैदा होने वाली समस्याओं का समाधान होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके प्रयासों से देश में माहौल बिगड़ रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस स्थिति को बदल सकता है.

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