जांच दल की साठगांठ से यह कॉलेज संचालित हो रहा था फर्जी कॉलेज...
कुलगुरु का कारनामा,फर्जी दस्तावेजों से मान्यता,एडमिशन और स्कॉलरशिप,EOW भी हैरान !
ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी से वैसे तो कई मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन एक फर्जी कॉलेज के खुलासे ने सभी को चौंका दिया है। जो खुलासा हुआ है उसे देखने से पता चल रहा है कि जमीन की जगह हवा में चल रहे महाविद्यालय को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी पर EOW में मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि यह मामला अरुण कुमार शर्मा नाम के शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद हुई जांच के आधार पर किया गया है।
शिकायतकर्ता अरुण कुमार शर्मा ने साल 2022 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई थी कि जिसमें आरोप है कि मुरैना जिले के झुंडपुरा गांव में शिवशक्ति महाविद्यालय नाम का फर्जी कॉलेज कागजों में संचालित हो रहा है। जबकि असलियत में गांव में ऐसा कोई कॉलेज है ही नहीं। हर साल जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा भी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर इस कॉलेज को मान्यता और संबद्धता भी प्रदान की जा रही है। साथ ही बताया कि महाविद्यालय संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अब कॉलेज में फर्जी छात्रों के प्रवेश दिखाकर, स्कॉलरशिप के साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर चूना लगाया जा रहा है।ईओडब्लू प्रमुख दिलीप सिंह तोमर के नेतृत्व में यह कार्यवाई की गई है .
EOW के निरीक्षक शैलेंद्र सिंह कुशवाह ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा लगभग साल भर पहले यह शिकायत मिली थी। इस पर जांच की गई और पाया गया कि शिव शक्ति कॉलेज असल में धरातल पर है ही नहीं। साथ ही सभी पहलुओं पर जांच करने पर यह पाया गया कि जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष कॉलेजों के फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए निरीक्षण कमेटी बनाई गई है। कमेटी के निरीक्षण के बावजूद शिव शक्ति महाविद्यालय को प्रति वर्ष मान्यता और संबद्धता प्रदान की जा रही थी।
ऐसे में यह पाया गया है कि निरीक्षण कमेटी के सदस्यों ने अनुचित लाभ लेकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कूटरचित निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की और शिवशक्ति महाविद्यालय को संबद्धता दिलाने में सहयोग किया। इस आधार पर जांच कमेटी के सदस्यों जिनमें विश्वविद्यालय के कुलगुरु भी शामिल हैं, के खिलाफ EOW में मामला दर्ज हुआ है।
आपको बता दें मुरैना के सबलगढ़ स्थित झुंडपुरा गांव स्थित शिवशक्ति महाविद्यालय के खिलाफ मुरार दुर्गा कॉलोनी निवासी अरुण कुमार शर्मा ने शिकायत की थी। यह शिकायत साल 2022 में की गई थी। शिकायत में साफतौर से कहा गया था कि इस नाम का कोई कॉलेज वास्तविकता में नहीं है। शिवशक्ति महाविद्यालय के संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए, जिसके आधार पर कॉलेज की मान्यता एवं संबद्धता प्राप्त कर छात्रों का फर्जी प्रवेश दिखाकर स्कॉलरशिप व अन्य मद के लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति की गई है।
इन आरोपों की जांच की तो ईओडब्ल्यू की टीम ने पाया कि जांच दल की साठगांठ से यह कॉलेज संचालित हो रहा था। इसके बाद साल 2022 में आवेदक अरुण कुमार शर्मा निवासी दुर्गा कालोनी मुरार ग्वालियर के द्वारा संचालक शिवशक्ति महाविद्यालय गांव झुंडपुरा तहसील सबलगढ़ मुरैना के खिलाफ फर्जी रूप से कॉलेज संचालित करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत EOW में की थी।
दो-दो कुलगुरू पर मामले दर्ज
ईओडब्ल्यू ने आर्थिक मामलों को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो अविनाश तिवारी सहित 19 प्रोफेसरों व असिस्टेंट प्रोफेसरों पर जो मामला दर्ज किया है। उसमें एक कुलगुरू और शामिल है।
कुल मिलाकर दो कुलगुरू पर मामले दर्ज हुये है, जो विश्वविद्यालय क्षेत्र में अब तक की ईओडब्ल्यू की बडी पहल है। जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो अविनाश तिवारी के अलावा जो दूसरे कुलगुरू हैं वह राजस्थान की गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय बांसबाडा के कुलगुरू प्रो केएस ठाकुर है। प्रो ठाकुर पहले जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में ही पदस्थ थे। ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सिंह तोमर ने बताया कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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