गंवा दिया पैसा, जमीन और मकान...
ठगों ने बुना ऐसा जाल, एक महीना फंसे रहे BSF इंस्पेक्टर !
ग्वालियर। ग्वालियर शहर में अब तक 'डिजिटल अरेस्ट' का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। बीएसएफ टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर के साथ ठग ने डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख रुपये ठग लिए। इतना ही नहीं ठगों ने मनीलॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर इंस्पेक्टर को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था। इस दौरान इंस्पेक्टर ने प्रॉपर्टी बेचकर ठगों को रकम सौंपी थी। ठगी का अहसास होने और बेटे के कहने पर इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। उसकी शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दरअसल ग्वालियर के टेकनपुर बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि लगभग एक माह पूर्व उनके पास फोन कॉल आया था। उनके मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर मनीलॉन्ड्रिंग की बात बोलकर डराया धमकाया गया। वॉट्सएप पर वीडियो कॉल कर बात कर रहे ठग द्वारा पुलिस अधिकारी बनकर बताया गया था कि आपका फोन टैप हो रहा है। अगर किसी को इस बारे में बताया तो आपके बच्चों और परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा।
34 ट्रांजेक्शन में 71 लाख रुपये भेजे
बीएसएफ के अधिकारी यहां अकेले रहते हैं। इसलिए डर गए और फोन करने वालों की बात मानते चले गए। इस दौरान तकरीबन 34 ट्रांजेक्शन में 71 लाख रुपये वहां वीडियो कॉल करने वाले ठगों को थमा चुके थे। इंस्पेक्टर रकम जुटाने के लिए दिल्ली स्थित फ्लैट, जमीन बेच दी। साथ ही साथ बैंक सेविंग गंवा दी। वो इतना सहम चुके थे कि लगातार एक महीने से ठगों के संपर्क में आने के बाद उनके कहे मुताबिक पैसे देते चले गए।
जब उन्होंने डिजिटल अरेस्ट का जिक्र किया भी तो शातिरों कहा कि ये सारे जागरूकता अभियान वही लोग चला रहे हैं। मामले की जानकारी अधिकारी के बेटे को लगी तब धीरे-धीरे ठगी का अहसास हुआ। बेटे की समझाइश के बाद वो बेटे के साथ ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे।
फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने बीएसएफ इंस्पेक्टर की बात को सुनने के बाद तत्काल साइबर क्राइम अधिकारी को बुलाकर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए हैं। साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
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