बस्ती में हैरान करने वाला मामला...
जेल में बंद अविवाहित युवती 25 दिन में हो गई गर्भवती, मचा हड़कंप !
यूपी के बस्ती जनपद जेल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां जेल में बंद अविवाहित युवती के 25 दिन में गर्भवती होने की पुष्टि हुई है. जिसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. प्रशासन की तरफ से गर्भवती महिला कैदी के देखरेख के लिए डॉक्टरों की टीम गठित कर दी गई है. सवाल ये हैं कि 25 दिन पहले ही 20 नवंबर 2024 को जेल भेजा गयाजेल में निरुद्ध की युवती प्रेग्नेंट कैसे हो गई. इतना ही नहीं जब महिला कैदी को जेल में लाया जा रहा था तो मेडिकल टेस्ट में इस बात की जानकारी डॉक्टरों की टीम को क्यों नहीं हो पाई.
युवती को भूत-प्रेत के चक्कर में हुई मारपीट में गैर इरादतन हत्या के मामले में जिला कारागार में बंद किया गया था. जेल लाने से पहले उसकी मेडिकल जांच कराई गई थी, जिसमें युवती के गर्भवती होने की पुष्टि नहीं हुई थी. जेल अधीक्षक की सूचना पर सीएमओ ने मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच कराई. जांच में पता चला कि 22 वर्षीय युवती तीन महीने 12 दिन की गर्भवती है. इस बात की जानकारी लगने के बाद जेल में उसकी देखभाल के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रत्येक सप्ताह उसकी जांच और काउंसिलिंग के लिए डॉक्टर की व्यवस्था की गई है.
महिला कैदी ने गर्भवती होने की बात छिपाई
दरअसल बस्ती के कलवारी थाना क्षेत्र में गैर इरादतन हत्या के एक मामले में इस युवती के खिलाफ नामजद रिपोर्ट हुई थी. उसे 20 नवंबर 2024 को जेल भेजा गया. जेल अधीक्षक अंकेक्षिता श्रीवास्तव ने बताया कि युवती ने पेट में दर्द की शिकायत की तो जेल अस्पताल के डॉक्टर से जांच कराई गई. जांच में संदेह होने पर उसे ओपेक हॉस्पिटल कैली भेजा गया. वहां अल्ट्रासाउंड जांच में युवती तीन माह 12 दिन की गर्भवती पाई गई.
जेल अधीक्षिका ने कहा कि महिला कैदी ने अपने गर्भवती होने की बात को छिपा लिया था. इस बीच एक दिसंबर को जब कैदी के पेट में दर्द हुआ तो फिर से उसकी पूरी जांच हुई जिसमें पता चला कि महिला कैदी लगभग 3 माह की प्रेग्नेंट है. जानकारी के बाद महिला की देख रख के लिए सीएमओ को रिपोर्ट दी गई. जिसके बाद सीएमओ ने स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. शिप्रा शर्मा और मनोचिकित्सक डॉ. दिलीप कुमार को जांच और काउंसिलिंग के लिए भेजा.
परिवार को दी गई जानकारी
डॉक्टरों ने उसके स्वास्थ्य की जांच की. जेल अधीक्षक ने बताया कि युवती के परिवार के लोगों को इस बात की जानकारी पहले से है. महिला कैदी खुद और अपने परिवार से बात करने के बाद यह तय करेगी कि वह बच्चा चाहती है या नहीं. अगर महिला एबॉर्शन भी करवाना चाहेगी तो कोर्ट के परमिशन से मेडिकल टीम उसमें सहयोग करेगी. उसका भाई और पिता भी जेल में ही बंद है और वह उनके संपर्क में है. प्रशासन की तरफ से महिला कैदी की पूरी देखभाल की जा रही है.
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