मामला कोर्ट में पंहुचा तो पति-पत्नी दोनों को साथ बैठाकर काउंसलिंग की गई तो बच गया रिश्ता...
पति पत्नी के बीच सरसों का 2 लीटर तेल बना तलाक़ की वजह !
आगरा। उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर आगरा में एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां सरसों के तेल को लेकर पति-पत्नी के रिश्ते में इतनी खटास आ गई कि मामला तलाक तक पहुंच गया। इस अजीबोगरीब विवाद के कारण परिवार के बीच रिश्तों में दूरी बढ़ गई, और अंततः यह मामला पुलिस तक पहुंच गया। हालांकि, इस मामले का हल परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के जरिए निकाला गया, जहां दोनों पक्षों को समझाकर एक समझौता कराया गया।
आगरा के एक युवक-युवती की शादी 2020 में धूमधाम से हुई थी और शुरुआत में सब कुछ सामान्य था। हालांकि, 2024 में एक ऐसा मोड़ आया, जब पत्नी और पति के बीच झगड़े बढ़ने लगे। यह झगड़े मुख्य रूप से पैसों को लेकर थे। पत्नी अपने पति से घर के खर्चे के लिए पैसे मांगती थी, लेकिन पति अक्सर उसे टालता रहा, जिससे पत्नी को बहुत परेशानी होने लगी।
इसके बाद पत्नी ने घर में रखे सरसों के तेल को अपने मायके में बेचने का रास्ता अपनाया, ताकि वह अपनी ज़रूरतें पूरी कर सके। जब पति को इस बात का पता चला, तो दोनों के बीच इस मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ गया। पति को यह गवारा नहीं था कि पत्नी घर के तेल को बेच कर पैसे जुटाए, और वह इसके खिलाफ था।
पत्नी का मायके जाना और पुलिस में शिकायत
यह विवाद इतना बढ़ा कि एक दिन पत्नी नाराज होकर अपने मायके चली गई और वहां दो महीने से रह रही थी। अंततः, पत्नी ने पुलिस से इस मामले की शिकायत कर दी, और पुलिस को इस अद्भुत स्थिति का सामना करना पड़ा। पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया और इसे परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया।
परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग
परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के दौरान, काउंसलर डॉ. सतीश खिरवार ने बताया कि यह एक बहुत ही अजीब मामला था। काउंसलिंग के दौरान पत्नी ने बताया कि उसके पति उसे खर्चे के लिए पैसे नहीं देते हैं। वहीं, पति ने कहा कि वह एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जहां उनके पास अपनी खेती है और घर में सरसों का तेल बनता है। पति का कहना था कि जब वह घर में 2-3 लीटर तेल लाता है, तो पत्नी उसे मायके में बेच देती है, जो कि उसे ठीक नहीं लगता था। पत्नी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “मेरे पास खर्चे के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए एक बार मैंने 2 लीटर तेल लेकर अपने मायके बेचने भेजा था।” इसके बावजूद पति का आरोप था कि वह तेल बेचकर पैसे जुटाती है, जो उसे सही नहीं लगा।
समझौता और मामला सुलझाना
काउंसलर ने दोनों को समझाया और इस बात का हल निकाला। काउंसलिंग के बाद दोनों के बीच समझौता हुआ और दोनों ने एक-दूसरे की समस्याओं को समझा। अंततः, पति और पत्नी के बीच तालमेल बैठाया गया और उनका झगड़ा सुलझ गया। इस तरह से परिवार परामर्श केंद्र ने इस विवाद का समाधान किया, और मामला पुलिस से बाहर निकलकर शांति से सुलझा लिया गया।
काउंसलिंग का महत्व
कभी-कभी छोटे-छोटे मुद्दे रिश्तों में गहरी खटास पैदा कर सकते हैं। ऐसे मामलों में काउंसलिंग एक प्रभावी तरीका हो सकता है, जिससे विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है। काउंसलिंग में दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलता है और किसी तीसरे व्यक्ति की मदद से समाधान निकाला जाता है।
आगरा का यह मामला यह दिखाता है कि कैसे परिवारों में कुछ छोटे-छोटे मुद्दे रिश्तों को प्रभावित कर सकते हैं। परिवार परामर्श केंद्र का इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप और सही मार्गदर्शन बहुत अहम है। रिश्तों में विश्वास और संवाद की कमी अक्सर बड़े विवादों का कारण बनती है, और ऐसे में काउंसलिंग से स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। अगर आप भी अपने रिश्तों में किसी प्रकार की परेशानी महसूस कर रहे हैं, तो परिवार परामर्श केंद्र से मदद लेने पर विचार करें। यह आपके रिश्तों को और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
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