तानसेन समारोह में एक साथ...
536 कलाकारों ने ग्वालियर किले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रस्तुति देकर बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
संगीत के क्षेत्र में ग्वालियर ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। तानसेन समारोह में एक साथ 536 कलाकारों ने ग्वालियर किले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में प्रस्तुति देकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। अस्त होते सूरज के बीच ठंडी बयार में सुरों का जादू हर दिशा में बिखर गया। इस अभूतपूर्व आयोजन में रोनू मजूमदार मुख्य गायक के रूप में मंच पर थे। उनके साथ 72 तबला वादक, 80 वायलिन वादक, 11 सारंगी वादक, 13 सितार वादक और अन्य वाद्य यंत्रों के कलाकार शामिल थे।
100 से अधिक कोरस गायकों ने भी अपनी आवाज के जरिए इस संगीतमय क्षण को अमर बना दिया। सभी कलाकारों ने विभिन्न रागों की सामूहिक प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन को रिकॉर्ड बनाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने परखा। कलाकारों के इस प्रयास को मान्यता देते हुए टीम ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को प्रमाण पत्र सौंपा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य गणमान्य अतिथि भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। तानसेन समारोह में यह दूसरा मौका है जब ग्वालियर ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले, डेढ़ हजार तबला वादकों ने एक साथ प्रस्तुति देकर इस मंच पर नया रिकॉर्ड स्थापित किया था। समारोह की शुरुआत परंपरागत रूप से सुबह 10 बजे हुई।
इसमें मजीद खां और उनके साथियों ने शहनाई वादन प्रस्तुत किया। इसके अलावा, ढोली बुआ महाराज और सच्चिदानंदनाथ ने हरिकथा की प्रस्तुति दी और मीलाद का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ग्वालियर में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद जय विलास पैलेस का दौरा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यपाल मंगू भाई पटेल के साथ भोज का आनंद लिया। उपराष्ट्रपति लगभग 40 मिनट तक महल में रुके।
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