अभियान का उद्देश्य टीबी प्रकरणों की पहचान, मृत्यु दर में कमी और...
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया "100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान" का शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को नर्मदापुरम में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली संबोधित कर "100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान" का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश को टी.बी. मुक्त बनाने की दिशा में यह "100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान" एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए इसे जन-आंदोलन बनाना जरूरी है। समाज के सभी वर्गों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निक्षय मित्र पहल के तहत हम टी.बी. मरीजों को पोषण सहायता प्रदान कर रहे हैं, और उन्हें हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। इस पहल के तहत, हम टी.बी. के मरीजों को प्रतिमाह पूरक खाद्य बास्केट प्रदान करते हैं, ताकि उनके शरीर को बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी ताकत मिल सके। उन्होंने कहा कि अब टी.बी लाइलाज बीमारी नहीं है, टी.बी. का इलाज होता है, टी.बी. से डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में लगातार विकास हो रहा है।
प्रदेश में शासकीय मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज की सुविधा नागरिकों को उपलब्ध हो। इस दिशा में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में देश को 2025 तक टी.बी. अर्थात क्षय रोग से मुक्त कराने का संकल्प लिया था।
नागरिकों की जिंदगी बचाने के लिए शुरू हुआ यह अभियान देश के 347 जिलों में प्रारंभ हो रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश के 23 जिले भी शामिल हैं। अभियान का उद्देश्य टीबी प्रकरणों की पहचान, मृत्यु दर में कमी, और नए टी.बी. प्रकरणों में कमी लाना है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने इससे पहले ही वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
वर्ष 2015 से 2023 तक भारत में टी.बी. के मामलों में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है - यह दर वैश्विक गिरावट 8.3 प्रतिशत से दोगुनी से भी अधिक है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन के दौरान प्रदेश के सभी नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों से अपील की कि वे इस 100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान का हिस्सा बनकर टी.बी. मरीजों की मदद करें, उन्हें बताए कि "अब टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, इसका इलाज संभव है।"
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